घरों में वर्षा जल संचयन
कैच द रेन अभियान 2022 के दौरान 29-3-2022 से 02-02-2023 तक 11,98,823 से अधिक जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया गया है। अन्य उपलब्धियों में 2,61,818 पारंपरिक जल निकायों (2,61,818) का नवीनीकरण और 264 वैज्ञानिक जल संरक्षण योजनाएं बनाई गई हैं, यह आज जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा में बताया।
प्लास्टिक प्रदूषण
प्लास्टिक कचरे में से प्लास्टिक उत्पादों की विभिन्न श्रेणियों में मौजूद एडिटिव्स, रंग, स्थायीकारक और अलग-अलग तरह के प्लास्टिक आदि के मिलने के कारण मिट्टी और भू-जल की गुणवत्ता खराब हो सकती है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रकाशित 'लखनऊ डंप साइट में प्लास्टिक के कचरे के निपटान से मिट्टी और पानी की गुणवत्ता पर असर' नामक अध्ययन का जिक्र करते हुए प्लास्टिक के प्रभाव के बारे में लोकसभा में बताया।
भूपेंद्र यादव ने यह भी स्वीकार किया कि नवंबर 2022 में एक गैर सरकारी संगठन - सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट द्वारा "प्लास्टिक लाइफ-साइकिल" पर जारी रिपोर्ट में प्लास्टिक के विभिन्न चरणों को शामिल किया गया था। जिसमें उत्पादन, खपत, कचरे का उत्पादन और पुनर्चक्रण सहित प्लास्टिक के प्रबंधन शामिल है, जबकि एक जुलाई, 2022 से एकल या एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक के वस्तुओं पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाया गया है, जो कि प्लास्टिक से संबंधित चुनौती से निपटने के लिए किए गए उपायों में से एक है।
सभी छत्तीस राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक की पहचान की गई है। प्लास्टिक के वस्तुओं को हटाने और प्रभावी प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए विशेष कार्य बल का गठन किया है।
जोशीमठ में भू-धंसाव
उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के आसपास विभिन्न स्थानों पर भूमि धंसने की घटनाएं सामने आई हैं। भूमि-धंसाव के कारण, कई संरचनाओं को मध्यम से बड़ी क्षति होने की जानकारी मिली है।
राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार 863 भवनों में दरारें देखी गई हैं और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 995 सदस्यों वाले 296 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। घटना के बाद राज्य सरकार ने तपोवन-विष्णुगढ़ बिजली परियोजना और हेलंग मारवाड़ी बाईपास रोड सहित पूरे जोशीमठ क्षेत्र में सभी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
देश में राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर संस्थागत तंत्र हैं जैसे, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) क्रमशः प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए उपयुक्त तैयारी, समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करने के लिए हैं, इस बात की जानकारी आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा को दी।
डीजल आधारित जनरेटरों को बदलना
देश भर में डीजल आधारित जनरेटरों के मौजूदा उपयोग को गैस आधारित जेनरेटरों में बदलने के लिए सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। दिल्ली और एनसीआर में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के मद्देनजर और क्षेत्र में डीजल आधारित जनरेटरों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने, नियंत्रित करने और कम करने के लिए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली एनसीआर में बिजली उत्पादन के लिए जनरेटरों के उपयोग के लिए नियम और निर्देश जारी किए हैं। यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया।
देश में बाघों की कुल संख्या
चतुर्भुज अखिल भारतीय बाघ अनुमान अभ्यास के अनुसार 2018 में किए गए नवीनतम अनुमान के अनुसार बाघों की संख्या में 2014 के अनुमान 2226 (रेंज 1945-2491) की तुलना में 2967 (रेंज 2603-3346) की अनुमानित संख्या के साथ वृद्धि हुई है। इस बात की जानकारी आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में दी।
ग्रीन स्टील
देश में ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग कर इस्पात का व्यावसायिक उत्पादन शुरू नहीं हुआ है। हालांकि, कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन एंड स्टोरेज पर दो पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं- टाटा स्टील ने अपने जमशेदपुर वर्क्स में 5 टन प्रति दिन कार्बन कैप्चर प्लांट चालू किया है। जिंदल स्टील वर्क्स ने डोलवी में अपने डायरेक्ट रेड्यूस्ड आयरन प्लांट में 100 टन प्रति दिन क्षमता के साथ कार्बन कैप्चर और स्टोरेज सुविधा चालू की है। कैप्चर किए गए कार्बन का उपयोग खाद्य और पेय उद्योग में किया जाना है, यह आज इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने राज्यसभा में बताया।
कुलस्ते ने कहा, इसके अलावा, सार्लोहा (कल्याणी समूह) ने हाल ही में ग्रीन स्टील के उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाई है और इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस में 70 फीसदी स्क्रैप और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के कारण कम उत्सर्जन के साथ अपने दो ग्रीन स्टील ब्रांड, कल्याणी फेरेस्टा और कल्याणी फेरेस्टा प्लस लॉन्च किए हैं।
देश में रिसाइकिल स्टील
वर्तमान में देश में पुनर्नवीनीकरण स्टील की कुल मात्रा लगभग 30 मिलियन टन है। पुनर्नवीनीकरण स्टील का मुख्य रूप से निर्माण, ऑटोमोबाइल और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है। भारत में पुनर्नवीनीकरण स्टील का उत्पादन करने वाली कंपनियों की सूची केंद्रीय रूप से नहीं रखी जाती है। हालांकि, अधिकांश इस्पात उत्पादक स्टील के उत्पादन के लिए उत्पादक सामग्री के रूप में स्टील स्क्रैप का उपयोग कर रहे हैं। इस बात की जानकारी आज इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने राज्यसभा में दी।
अपशिष्ट जल का उत्पादन
2018 से 2022 तक सभी श्रेणी प्रथम श्रेणी के शहरों में उत्पन्न अपशिष्ट जल पर आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा कोई अध्ययन नहीं किया गया है।हालांकि, केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन के मैनुअल के अनुसार, नगर निगम क्षेत्र में अपशिष्ट जल, सीवेज उत्पादन के लिए आपूर्ति किए गए पानी का 80 फीसदी माना जाता है, यह आज जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने राज्यसभा में बताया।
सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) के तहत, 5,07,587 सीटी/पीटी के मिशन लक्ष्य के मुकाबले देश भर में कुल 6,36,826 सामुदायिक, सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। एक अक्टूबर, 2021 को लॉन्च किए गए एसबीएम-यू 2.0 के तहत सामुदायिक, सार्वजनिक शौचालयों की कार्यक्षमता और रखरखाव सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। देश भर में बेहतर स्वच्छता के लिए ऐतिहासिक, पर्यटन स्थलों पर चल रहे चरण के तहत एस्पिरेशनल शौचालयों की एक नई श्रेणी भी शुरू की गई है, इस बात की जानकारी आज आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री कौशल किशोर ने राज्यसभा में दी।