एनजीटी ने कोट्टुरु आरक्षित वन क्षेत्र और उसके आसपास खनन पर लगाई रोक

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
एनजीटी ने कोट्टुरु आरक्षित वन क्षेत्र और उसके आसपास खनन पर लगाई रोक
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कोट्टुरु आरक्षित वन क्षेत्र और उसके आसपास खनन पर रोक लगा दी है। मामला आंध्रप्रदेश के एनटीआर में विजयवाड़ा ग्रामीण मंडल का है। कोर्ट ने इस मामले में विजयवाड़ा के जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वहां किसी भी प्रकार से अवैध खनन न हो।

गौरतलब है कि इस मामले में आवेदक पिल्ली सुरेंद्र बाबू का कहना है कि वहां बिना किसी अनुमति या पर्यावरण मंजूरी के अवैध रूप से खनन संबंधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। खनन के लिए न तो पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से अनुमति ली गई है न ही अन्य प्राधिकरणों से पर्यावरणीय मंजरी या संचालन की सहमति ली गई है। उनके अनुसार इन गतिविधियों के चलते पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा है।

वहीं संयुक्त समिति ने रिपोर्ट सबमिट करने के लिए कोर्ट से और समय मांगा है। कोर्ट को दिए अपने अनुरोध में समिति ने कहा है कि कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां अवैध खनन हुआ है। इसके सुधार के लिए बिना किसी देरी के कार्रवाई करने की जरूरत है।

एनजीटी ने अंबत्तूर, पुज्हल और विलिन्जियंबक्कम झीलों से अतिक्रमण को हटाने के साथ-साथ बहाली का दिया निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने तिरुवल्लुर के जिला कलेक्टर और अवादी नगर निगम के आयुक्त को अंबत्तूर, पुज्हल और विलिन्जियंबक्कम झीलों से अतिक्रमण को हटाने के साथ इन झीलों को बहाल करने का निर्देश दिया है। इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। साथ ही कोर्ट ने अधिकारियों को स्वतंत्र रूप से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।

इस मामले में एनजीटी की दक्षिणी बेंच का कहना है कि इन झीलों से अतिक्रमण को हटाने और सीवेज को रोकने के साथ-साथ झीलों को आसानी से बहाल किया जा सकता है। साथ ही इसकी मदद से अवादी और आसपास के क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की जा सकती है।

अवादी नगर निगम आयुक्त ने 12 मई, 2023 को अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को जानकारी दी है कि झीलों पर एक कॉमन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के लिए निविदा जारी की जा चुकी है। इसके अलावा विलिन्जियंबक्कम झील में कॉमन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का काम शुरू भी कर दिया गया है और वो 75 फीसदी पूरा हो चुका है।

एनजीटी ने थरामंगलम में सूक्ष्म खाद केंद्रों के निर्माण और जैव-खनन पर मांगी रिपोर्ट

तमिलनाडु सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से थरामंगलम नगर पालिका में सूक्ष्म खाद केंद्रों के निर्माण पर रिपोर्ट सबमिट करने के लिए और समय मांगा है। गौरतलब है कि इन माइक्रो कंपोस्टिंग केंद्रों के निर्माण का काम 31 मई 2023 या उससे पहले पूरा कर लिया जाना था। मामला तमिलनाडु के सलेम जिले का है।

कोर्ट को जानकारी दी गई है कि वर्षों से जमा कचरे कचरे की मात्रा में वृद्धि होने के कारण जैव-खनन में देरी हो रही है। ऐसे में एनजीटी ने निर्देश दिया कि इस बारे में भी जानकारी अगली सुनवाई पर दी जाए जो 25 जुलाई, 2023 को होनी है।

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