प्रतीकात्मक तस्वीर
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डीडीए ने सतपुला झील को बहाल करने और स्वस्थ बनाए रखने के लिए उठाए हैं कदम: रिपोर्ट

मामला दिल्ली में साकेत के पास एक बड़े नाले द्वारा सीवेज को सतपुला झील में डंप किए जाने से जुड़ा है
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दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) सतपुला झील के रखरखाव और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। डीडीए ने यह जानकारी 28 सितंबर, 2024 को एनजीटी में सौंपी अपनी रिपोर्ट में दी है। मुद्दा दिल्ली में साकेत के पास एक बड़े नाले से सीवेज को सतपुला झील में पंप किए जाने से जुड़ा है।

डीडीए ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि सतपुला झील को पुनर्जीवित करने का काम रोटरी इंटरनेशनल को सौंपा गया है। समझौते के अनुसार, वे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण और संचालन के लिए भी जिम्मेवार हैं।

गौरतलब है कि टाइम्स ऑफ इंडिया में सतपुला झील की स्थिति पर एक खबर प्रकाशित हुई थी। इसमें झील में दूषित सीवेज छोड़े जाने के साथ-साथ सतह पर डकवीड और शैवाल उगने का भी दावा किया था। इन आरोपों पर कोर्ट द्वारा जारी नोटिस जवाब में रोटरी क्लब ने कार्रवाई शुरू की और 18 अगस्त, 2024 को झील की सफाई की थी।

डीडीए से जुड़े अधिकारियों ने दो सितंबर, 2024 को इस साइट का निरीक्षण किया था, जिसके दौरान झील की सतह पर डकवीड और शैवाल पाए गए। रोटरी क्लब ने जानकारी दी है कि उन्होंने हाल ही में डकवीड और शैवालों को हटाया था, लेकिन अगस्त के आखिरी सप्ताह में यह फिर से वापस आ गया। जवाब में, डीडीए के बागवानी सिविल डिवीजन-3 ने झील को साफ करने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी और अब यह साफ हो गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक सतपुला झील के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें अधिक बार सफाई, नियमित निगरानी और समस्या पाए जाने पर त्वरित कार्रवाई शामिल है।

पंजाब में प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिए ईपीआर प्रणाली पर दिया जा रहा है जोर

पंजाब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पंजाब में सभी उत्पादकों, आयातकों, ब्रांड मालिकों (पीआईबीओ) और प्लास्टिक कचरे को प्रोसेस करने वालों (पीडब्ल्यूपी) को ईपीआर पोर्टल पर पंजीकृत करने के लिए काम कर रहा है। यह जानकारी पंजाब सरकार द्वारा 28 अगस्त, 2024 को साझा की गई है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पंजाब में 193 प्लास्टिक कचरे को प्रोसेस करने वालों की पहचान की है। इनमें से 48 ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा बनाए ईपीआर पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। एसपीसीबी ने अन्य उत्पादकों, आयातकों, ब्रांड मालिकों और प्लास्टिक कचरा प्रोसेस करने वालों को कारण बताओ नोटिस भेजा है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन सभी संस्थाओं को ईपीआर के दायरे में लाया जाए, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

इस मामले में एसपीसीबी ने उत्पादकों, ब्रांड मालिकों और प्लास्टिक कचरा प्रोसेस करने वालों को कुल 486 कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं, तथा उनसे प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुसार ईपीआर पोर्टल पर पंजीकरण करने को कहा गया है।

गौरतलब है कि यह कार्रवाई एनजीटी ने टाइम्स ऑफ इंडिया में 30 जुलाई, 2024 को प्रकाशित एक खबर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए शुरू की है। यह खबर प्लास्टिक कचरे को लेकर प्रकाशित की गई थी।

यह खबर तमिलनाडु से जुड़ी है, जिसमें विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व (ईपीआर) प्रणाली के तहत प्लास्टिक कचरे के निपटान से जुड़े नियमों का पालन करने में बड़े पैमाने पर विफलता की सूचना दी गई थी। चूंकि यह मुद्दा भारत के सभी राज्यों से जुड़ा है, इसलिए एनजीटी ने 31 जुलाई, 2024 को एक आदेश जारी कर सभी राज्यों के पर्यावरण सचिवों को जवाब देने का निर्देश दिया था।

लेजर वैली को सभी तरह के अतिक्रमण से मुक्त कर दिया गया है: लुधियाना नगर निगम

नगर निगम लुधियाना ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में जानकारी दी है कि लेजर वैली के ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में सभी अनधिकृत निर्माणों को हटा दिया गया है। यह रिपोर्ट आठ सितंबर, 2024 को एनजीटी में सबमिट की गई है।

गौरतलब है कि एनजीटी ने चार जुलाई 2024 को इस मामले में एक आदेश जारी किया था। इस आदेश के बाद लुधियाना नगर निगम ने 16 अगस्त 2024 को एक पत्र भेजकर सहायक टाउन प्लानर को ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में सभी अनधिकृत इमारतों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश के बाद निगम ने इस क्षेत्र में जन्म और मृत्यु पंजीकरण कार्यालय, एक स्क्रैप यार्ड और जूनियर इंजीनियर के कार्यालय सहित अन्य अनधिकृत संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया है।

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