उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने बलिया नगर पालिका परिषद और उसके अधिशासी अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है। मामला कटहल नाले के माध्यम से गंगा में छोड़े जा रहे सीवेज से जुड़ा है। गौरतलब है कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट न बनवाने के कारण उन पर जल अधिनियम 1974 के तहत 15 मई 2024 को मुकदमा दायर किया गया था।
इस मामले में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बलिया नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी पर 2.3 करोड़ रुपए का पर्यावरणीय मुआवजा भी लगाया है। उन पर यह जुर्माना गंगा नदी में छोड़े जा रहे सीवेज को साफ करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित न करने पर लगाया गया है।
चूंकि अब तक यह मुआवजा भरा नहीं गया है। ऐसे में 29 अगस्त, 2024 को यूपीपीसीबी ने बलिया के जिला मजिस्ट्रेट को इसके लिए जिम्मेवार अधिकारी से मुआवजा वसूलने में मदद करने का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि यह जानकारी 30 अगस्त, 2024 को यूपीपीसीबी द्वारा दाखिल रिपोर्ट में साझा की गई है। इस रिपोर्ट को एनजीटी द्वारा 17 मई, 2024 को दिए आदेश पर कोर्ट में दाखिल किया गया है।
बुराड़ी में पेड़ों की कटाई की कटाई के लिए मिली अनुमति का किया गया है उल्लंघन
दिल्ली के बुराड़ी में बस डिपो बनाने के लिए 495 पेड़ों को काटने या दूसरी जगह लगाने के लिए दी गई अनुमति का उल्लंघन किया गया है। वहां 327 पेड़ों को काटने और 168 पेड़ों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने की मंजूरी दी गई थी। बता दें कि यह अनुमति दिल्ली में परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त को दी गई थी।
इस मामले में दिल्ली वन विभाग द्वारा एक सितंबर, 2024 को दायर रिपोर्ट में कहा गया है कि एनजीटी के निर्देश का पालन करते हुए उपयोगकर्ता एजेंसी द्वारा जमा सुरक्षा राशि जब्त कर ली गई है। इस बारे में 25 जून, 2024 को एक पत्र के जरिए जानकारी दी गई थी।
ऐसे में एजेंसी को 705 नए पेड़ लगाने के लिए अतिरिक्त रूप से 40.2 लाख रुपए का भुगतान करने के लिए कहा गया है। जानकारी दी गई है कि एजेंसी द्वारा जिन 168 पेड़ों को दूसरे स्थानों पर लगाया था था, उनमें से 141 पेड़ मर गए हैं।
इसके साथ ही एजेंसी को 50,895 वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि मुआवजे के रूप में 5,655 पेड़ों को लगाया जा सके।