अतिक्रमण और प्रदूषण के चलते अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा करनाल में अंबा वाला तालाब

तालाब के एक बड़े हिस्से पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर लिया गया है, जिससे तालाब का आकार चार-पांच एकड़ से घटकर महज एक एकड़ रह गया है
प्रतीकात्मक तस्वीर: आइ स्टॉक
प्रतीकात्मक तस्वीर: आइ स्टॉक
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हरियाणा के करनाल में बरास गांव के अंबा वाला तालाब पर ग्रामीणों ने अतिक्रमण कर लिया है। तालाब की जमीन पर उन्होंने पशुओं के लिए 13 शेड, सात घर, चार दुकानें और आठ मैदान बना लिए हैं। यह जानकारी हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है।

इस मामले में सात अगस्त 2024 को करनाल के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) द्वारा एक बैठक आयोजित की गई। इसमें निर्णय लिया गया कि नायब तहसीलदार तालाब के सीमांकन पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इस रिपोर्ट में अतिक्रमित क्षेत्र का विवरण शामिल होना चाहिए। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे डंप किए गए कचरे को साफ करें और इस बात का सबूत अपनी रिपोर्ट में दें।

साथ ही उल्लंघनकर्ताओं द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने और तालाब के रखरखाव के लिए क्या कुछ कार्रवाई की है, उनसे इस बाबत भी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।

शिकायत में कहा गया है कि तालाब के एक बड़े हिस्से पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर लिया है और घर बना लिए हैं। इससे तालाब का आकार चार-पांच एकड़ से घटकर महज एक एकड़ रह गया है। हालांकि इस मामले में अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

तालाब में साफ किए बिना ही सीवेज और कचरा डाला जा रहा है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं इसकी वजह से स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडराने लगा है।

23 सितंबर, 2024 की यह रिपोर्ट पांच अक्टूबर, 2024 को एनजीटी की वेबसाइट पर अपलोड की गई है।

साफ कर दिया गया है खोथनकुडी नहर के किनारे डंप कचरा: तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) ने तीन अक्टूबर, 2024 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। इस रिपोर्ट में बोर्ड ने जानकारी दी है कि उसने संबंधित प्राधिकरण को खोथनकुडी नहर के किनारे कचरा की डंपिंग पर निगरानी रखने और उसे रोकने का निर्देश दिया है।

रिपोर्ट में जो जानकारी साझा की गई है उसके मुताबिक खोथानकुडी नहर के किनारे निरीक्षण किया गया है। यह इलाका खेतों से घिरा है और नहर इसके साथ-साथ बहती है।

निरीक्षण के दौरान साइट पर कोई नया कचरा नहीं मिला । इसके साथ ही चार अगस्त, 2024 में स्थानीय प्राधिकरण को एक पत्र के माध्यम से यह भी कहा गया है कि वह जलाशयों के किनारे कचरा फेंकना तुरंत बंद कर दे।

तिरुवरुर जिले के नन्निलम तालुक के ब्लॉक विकास अधिकारी ने जानकारी दी है कि कडुवंगुडी पंचायत से कचरा एकत्र कर खाद बनाने वाले केंद्रों में भेजा जा रहा है। वहीं स्थानीय अधिकारियों ने नहर के किनारे फेंके गए सभी कचरे को भी साफ कर दिया है।

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