क्या व्हेल वातावरण से कार्बन को हटाने में मददगार हो सकती हैं? यह एक ऐसा प्रश्न है जो जलवायु परिवर्तन के दृष्टिकोण से बहुत मायने रखता है। इस बारे में ग्रिफिथ विश्वविद्यालय के साथ अंतराष्ट्रीय वैज्ञानिकों द्वारा किए अध्ययन से पता चला है कि व्हेल द्वारा संभावित रूप से कैप्चर की गई कार्बन की मात्रा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सीमित करने के लिए बहुत कम है।
यह अध्ययन ग्रिफिथ विश्वविद्यालय के समुद्री वैज्ञानिक डॉक्टर जैन-ओलाफ मेनेके के नेतृत्व में किया गया है, जिसके नतीजे जर्नल फ्रंटियर्स इन मरीन साइंस में प्रकाशित हुए हैं। अपने इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने का प्रयास किया है कि कैसे बलेन व्हेल जैसे हम्पबैक व्हेल स्थानीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर कार्बन को वातावरण से हटाती हैं।
इस रिसर्च के जो नतीजे सामने आए हैं उनके अनुसार इन व्हेलों द्वारा संभावित रूप से सोखी गई कार्बन की मात्रा जलवायु परिवर्तन के बढ़ते असर पर प्रभाव डालने के लिए काफी कम थी। इस बारे में डॉक्टर मेनेके का कहना है कि यह सही है कि व्हेल, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत मायने रखती हैं। लेकिन वैश्विक कार्बन प्रवाह और वातावरण में मौजूद कार्बन को प्रभावी ढंग से कम करने में उनके योगदान बहुत कम है।
उनका कहना है कि हमारा शोध दल व्हेलों के संरक्षण का समर्थन करने के लिए एक अलग दृष्टिकोण पर जोर देता है। हालांकि मीडिया के द्वारा इस जीव को क्लाइमेट इंजीनियर के रूप में प्रस्तुत करना इस अवधारण के विपरीत है। जो भ्रामक है और झूठी आशाएं पैदा करता है।
उनके अनुसार इस तरह की झूठी आशा जताना कि यह करिश्माई प्रजातियां जलवायु परिवर्तन के असर को कम कर सकती हैं। यह जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों को रोकने के लिए उठाए जा रहे क़दमों में देरी कर सकती है। इस देरी का खामियाजा अप्रत्यक्ष रूप से व्हेलों की आबादी को भी उठाना पड़ सकता है।
शोधकर्ताओं ने जोर दिया है कि महासागरीय कार्बन चक्र दुनिया की जलवायु को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है। ऐसे में व्हेल पारिस्थितिकी तंत्र के अनसुलझे प्रश्नों के जवाब खोजने से इस चक्र में उनकी भूमिका का स्पष्ट तौर पर पता चल सकेगा। उनके अनुसार व्हेल के पास कार्बन कैप्चर में योगदान करने के अन्य तरीके हैं। एक उनके बायोमास के माध्यम से है, जो उनके जीवन काल के आधार पर लंबे समय तक कार्बन को अपने अंदर संजो सकता है। इसी तरह जब एक व्हेल मर जाती है और समुद्र तल पर डूब जाती है, जहां वह समय के साथ तलछट में दब सकती है।
उनके मुताबिक यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि व्हेल कार्बन कैप्चर की तुलना में अन्य मायनों में इकोसिस्टम के लिए कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है जो उनके संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए कहीं ज्यादा प्रासंगिक है।
उनका कहना है कि व्हेल के आवासों के साथ-साथ विशाल समुद्री वातावरण की रक्षा, न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखेगी साथ ही वो वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक तौर पर कार्बन को कैप्चर करने में भी मदद करेगी।