बैक्टीरिया, जो मिट्टी में फैले खतरनाक रसायनों को कर देता हैं खत्म

वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन को कम करने और मिट्टी के प्रदूषकों को समाप्त करने वाले बैक्टीरिया की खोज की है
Photo: Mudit Mishra
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न्यूयॉर्क स्थित कॉर्नेल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मिट्टी के बैक्टीरिया की एक नई प्रजाति खोजी है। यह उन कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने में माहिर हैं, जिनमें कैंसर पैदा करने वाले रसायन होते हैं। ये रसायन कोयला, गैस, तेल आदि के जलने के दौरान निकलते हैं।

स्कूल ऑफ इंटीग्रेटिव प्लांट साइंस में मृदा और फसल विज्ञान के अनुभाग में माइक्रोबियल पारिस्थितिकी के प्रोफेसर डैन बकले ने कहा कि जीवन की शुरुआत से लेकर अब तक लगभग 4 अरब साल से यहां सूक्ष्मजीव रहते हैं। सूक्ष्मजीवों ने उस प्रणाली का निर्माण किया है, जिसमें हम रहते हैं और वे इसे लगातार बनाए रखते हैं। हम उन्हें देख नहीं सकते हैं, लेकिन वे अपना कार्य करते रहते हैं।

शोध शुरू करने वाले माइक्रोबायोलॉजी प्रोफेसर स्वर्गीय जीन मैडसेन को सम्मानित करने के लिए इस नए बैक्टीरिया का नाम मैडिसियाना रखा गया है। 2017 में खोज की पुष्टि करने से पहले उनकी मृत्यु हो गई थी।

मनुष्यों सहित सभी पौधों और जानवरों में उपयोगी बैक्टीरिया होते हैं, जो हमें भोजन को पचाने और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। मिट्टी में रहने वाले बैक्टीरिया न केवल पौधों को बढ़ने में मदद करते हैं, बल्कि तनाव का सामना करते हैं और कीटों से लड़ते हैं। बैक्टीरिया जलवायु परिवर्तन को समझने के लिए भी आवश्यक हैं।

नए खोजे गए जीवाणु के जीन परबुरकेंपेरिया से संबंधित हैं, जो सुगंधित यौगिकों को खराब करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं, कुछ प्रजातियों में, जड़ ग्रंथिका बनाने की क्षमता होती है जो वायुमंडलीय नाइट्रोजन को निर्धरित करते हैं। यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ सिस्टमैटिक एंड इवोल्यूशनरी माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

मैडसेन के शोध ने बाय़ोडीग्रेडेशन पर फोकस किया, बैक्टीरिया दूषित मिट्टी में प्रदूषकों को तोड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। जिसमें कार्बनिक प्रदूषण पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिसे पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) कहा जाता है। उनका काम उन क्षेत्रों में से खतरनाक कचरे को हटाने के लिए प्राकृतिक उपकरण के रूप में मदद करना था, जहां दूषित मिट्टी को आसानी से नहीं हटाया जा सकता है।

इसका काम तुर्की हिल पर एक कॉर्नेल प्रयोगात्मक जंगल में शुरू हुआ, जो कॉर्नेल बॉटनिक गार्डन का एक प्राकृतिक क्षेत्र में था। मैडसेन ने जंगल की मिट्टी से नए बैक्टीरिया को अलग किया। बकले की टीम ने इस परियोजना को पूरा किया।

पहला कदम जीवाणु के राइबोसोमल आरएनए जीन को एक क्रम में लाना था, जिसने यह आनुवांशिक सबूत प्रदान किए कि मडसेनियाना एक अनोखी प्रजाति है। नए बैक्टीरिया के अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने देखा कि मडसेनियाना विशेष रूप से सुगंधित हाइड्रोकार्बन को तोड़ने में माहिर है, जो लिग्निन, प्लांट बायोमास और मिट्टी कार्बनिक पदार्थों का एक प्रमुख घटक है। जहरीले पीएएच प्रदूषण में सुगंधित हाइड्रोकार्बन भी पाए जाते हैं।

इसका मतलब यह है कि नए पहचाने गए बैक्टीरिया बाय़ोडीग्रेडेशन और मिट्टी के चक्र को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

बकले ने कहा कि मिट्टी के जीवाणु कैसे काम करते हैं, इसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं। मिट्टी, हर साल, दुनिया भर में कारों, बिजली संयंत्रों और हीटिंग इकाइयों से लगभग सात गुना अधिक कार्बन को संसाधित करती है। क्योंकि मिट्टी के माध्यम से कार्बन की बड़ी मात्रा संसाधित की जाती है।  हम मिट्टी का प्रबंधन कैसे करते हैं, इसमें छोटे से बदलाव होने पर जलवायु परिवर्तन पर एक बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। 

प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि पेड़ बैक्टीरिया को कार्बन खिलाते हैं, और बदले में बैक्टीरिया मिट्टी के कार्बनिक पदार्थों को डिग्रैड करते हैं, जिससे पेड़ों के लिए नाइट्रोजन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व निकलते हैं।

यह समझना कि मिट्टी में बैक्टीरिया कार्बन को कैसे तोड़ते हैं, यह मिट्टी की स्थिरता और वैश्विक जलवायु के भविष्य का पूर्वानुमान लगाने की क्षमता के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

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