दुनिया भर में इंटरनेट और इससे संबंधित उपकरणों (आईओटी) को ऊर्जा प्रदान करने वाली लगभग 7.8 करोड़ बैटरियां 2025 तक हर दिन फेंकी जाएंगी। यह इसी तरह चलता रहेगा, जब तक कि उनके जीवनकाल को लंबा चलने वाला न बनाया जाए। यह गंभीर आंकड़ा इनेबलस नामक परियोजना ने सामने रखा है। इनेबलस, यूरोपीय संघ की एक परियोजना है, जो शोधकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह कर रही है कि बैटरी का जीवन उनके द्वारा संचालित उपकरणों से अधिक होना चाहिए।
यहां बताते चलें कि इंटरनेट और इससे संबंधित (आईओटी) उपकरणों में वायरलेस सेंसर, सॉफ्टवेयर, एक्चुएटर्स और कंप्यूटर डिवाइस शामिल हैं। वे एक विशेष वस्तु से जुड़े होते हैं जो इंटरनेट के माध्यम से संचालित होती है। जिससे मानव हस्तक्षेप के बिना वस्तुओं या लोगों के बीच आंकड़ों का आदान-प्रदान होता है, जो खुद ब खुद चलने वाले बनाए जाते हैं।
तापमान और सीओ2 सेंसर से लेकर उपयोगी या मूल्यवान चीजों (एसेट) ट्रैकिंग टैग और स्मार्ट बैंडेज तक के उपकरणों से आईओटी जुड़ा हुआ है। इनमें दुनिया की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने की क्षमता है। हालांकि यदि वे वास्तव में समाज को फायदा पहुंचाना चाहते हैं, तो आईओटी की बढ़ती संख्या और इनको ऊर्जा प्रदान करने वाली मौजूदा बैटरियों की तकनीकों में बदलाव करना होगा।
इनेबलस के शोधकर्ताओं ने हाल ही में आईओटी डिवाइस की बैटरी लाइफ को बेहतर बनाने के लिए अपनी प्रमुख सिफारिशों रखी है। रिपोर्ट में बैटरी को लंबे समय तक चलने के लिए पर्यावरण से उपलब्ध ऊर्जा का दोहन करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। जबकि आईओटी डिवाइसों की ऊर्जा खपत करने की क्षमता को भी कम किया गया है।
इनेबलस प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर डॉ. जियोर्गोस फागास ने कहा इनेबलस यूरोपियन रिसर्च इंफ्रास्ट्रक्चर और उसके सहयोगियों, यूरोपीय संघ ने पहले से ही इसे अच्छी तरह से स्थापित किया है। इस क्षेत्र में वैज्ञानिक और तकनीकी नेतृत्व की स्थिति बेहतर है। हमारा उद्देश्य अत्याधुनिक सुविधाओं और पहले से उपलब्ध तकनीकी प्लेटफार्मों तक आसानी और कुशलता से पहुंच बनाए रखना है, इसमें अतिरिक्त कार्यों को भी शामिल किया जाना चाहिए। रणनीतिक आधार पर लाभ उठाने के लिए लंबी अवधि तक चलने वाली बैटरियां आईओटी को एक स्थायी शक्ति दे सकती है।
हमारा लक्ष्य बैटरी के माध्यम से बिजली स्वायत्तता प्राप्त करना है जो लगातार खुद को रिचार्ज कर सकते हैं। परियोजना से जुड़े शोधकर्ता, गर्मी और कंपन जैसी परिवेशी ऊर्जाओं को इकट्ठा कर उन्हें बिजली में बदलने का रास्ता खोज रहे हैं जो आईओटी को चलने के लिए शक्ति प्रदान करेगा। साथ ही, वे आईओटी सेंसर द्वारा खपत की जाने वाली ऊर्जा को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। स्थायी रूप से संचालित आईओटी के बुनियादी ढांचे के लाभों का एक शानदार उदाहरण प्रदान करता है। क्रेडिट कार्ड के आकार का सौर पैनल अनिश्चित काल तक एक कार्यालय में तापमान और आर्द्रता सेंसर को चलाने के लिए ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
फिलहाल अधिकांश उपकरण 10 साल से अधिक समय तक चल सकते हैं, जबकि बैटरी जो उन्हें चलने में ऊर्जा प्रदान करती हैं वे 2 वर्ष या उससे कम समय तक चलती हैं। परिणामस्वरूप कई बैटरियों को बदला जाता है, जिसके जिसकी वजह से आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव पड़ते हैं। हर दिन सैकड़ों लाखों बैटरियों का निर्माण और निपटान करने की आवश्यकता होती है।
एक अन्य डिवाइस को दवा और वातावरण जैसे क्षेत्रों में आईओटी उपकरणों का उपयोग करने की जरूरत पड़ती है। इस तरह की जगहों पर जहां डिवाइस के पूरे जीवनकाल में एक विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान करने वाला स्रोत महत्वपूर्ण है।
शोधकर्ता माइक हेस ने कहा हमें चीजों को डिजाइन करने, बनाने, उपयोग करने और उनसे छुटकारा पाने के तरीके में भारी बदलाव लाने की जरूरत है। इसका मतलब है कि हमें उत्पाद डिजाइन के शुरुआती चरणों में शुरू से ही बैटरी के जीवन के बारे में सोचने की जरूरत है।
उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा हमें प्रमुख हितधारकों और आम जनता को उनके द्वारा चुने गए विकल्पों के आधार पर बैटरी खपत के प्रभावों पर सलाह देने की आवश्यकता है। हमें बिजली की खपत और आवश्यकता को कम करने की क्षमता की पहचान करने के लिए उद्योग के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।