संसद में आज: पोलावरम बांध के कारण 1,64,752 आदिवासियों का हुआ विस्थापन

पीएम पोषण योजना के तहत मिड-डे मील में बाजरे के उपयोग की हुई शुरुआत
संसद में आज: पोलावरम बांध के कारण 1,64,752 आदिवासियों का हुआ विस्थापन
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पोलावरम परियोजना प्राधिकरण (पीपीए), जल संसाधन विभाग, आरडी और जीआर, जल शक्ति मंत्रालय और जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी), आंध्र प्रदेश सरकार (जीओएपी) द्वारा प्रदान की गई जानकारी के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में परियोजनाओं के कारण विस्थापित परिवारों की कुल संख्या (पीडीएफ) 1,06,006 हैं, जिनमें से 56,504 पीडीएफ (43,689- पूर्वी गोदावरी जिला और 12,815- पश्चिम गोदावरी जिला के विस्थापित परिवार शामिल हैं।) में 2011 की जनगणना के अनुसार 1,64,752 लोग आदिवासी समुदाय से संबंधित हैं जो पोलावरम सिंचाई परियोजना के निर्माण की वजह से विस्थापित हुए, यह आज जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा में बताया।

टुडू ने कहा कि, पीपीए ने यह भी यह भी जानकारी दी है कि परियोजना के कारण पानी में डूबने से बचाने के लिए ओडिशा और छत्तीसगढ़ के क्षेत्र में सुरक्षात्मक तटबंधों के निर्माण की परिकल्पना की गई है। हालांकि ओडिशा और छत्तीसगढ़ के इलाकों में जहां सुरक्षात्मक तटबंधों का निर्माण नहीं किया गया है।  ओडिशा में परियोजना से प्रभावित परिवारों (पीएएफ) की संख्या 1,002 है, जिनमें से 913 पीएएफ आदिवासी समुदाय के हैं। छत्तीसगढ़ में परियोजना से प्रभावित परिवार  2,335 हैं जिनमें से 1294 पीएएफ आदिवासी समुदाय के हैं।

राष्ट्रीय पोषण मिशन/बाल पोषण अभियान

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एनएफएचएस-5 (2019-21) की हाल ही में जारी रिपोर्ट ने पोषण अभियान के प्रयासों को सत्यापित किया है। यह प्रमुख पोषण संकेतकों में गिरावट को दर्शाता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों के विकास में रुकावट 38.4 फीसदी से घटकर 35.5 फीसदी हो गई है। जबकि वेस्टिंग या कमजोर बच्चे 21.0 फीसदी  से घटकर 19.3 फीसदी और कम वजन वाले बच्चों का प्रतिशत 35.8 फीसदी से घटकर 32.1 फीसदी हो गया है, यह आज महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने राज्यसभा में बताया।

परिवहन के  क्षेत्र का कार्बन पर रोक लगाना या डीकार्बोनाइजेशन

परिवहन को पर्यावरण के अनुकूल साधनों को बढ़ावा देने और परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वैकल्पिक ईंधन शुरू करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्सर्जन मानकों को अधिसूचित किया है। पेट्रोल के साथ इथेनॉल का मिश्रण (ई-10, ई-12, ई-15, ई-20), फ्लेक्स-ईंधन (ई 85) या (ई 100) और डीजल वाहनों के लिए इथेनॉल मिश्रण (ईडी 95), बायोडीजल, बायो-सीएनजी, तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी), मेथनॉल एम15 या एम100 और मेथनॉल एमडी 95, डुअल फ्यूल, एम85 और डी-मिथाइल ईथर (डीएमई या डी100), हाइड्रोजन फ्यूल सेल व्हीकल, हाइड्रोजन सीएनजी जैसे ईंधन शामिल हैं, इस बात की जानकारी आज सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने राज्यसभा में दी।

ग्रीन राजमार्ग नीति के अंतर्गत परियोजनाओं की स्थिति

ग्रीन या हरित राजमार्ग (वृक्षारोपण, प्रत्यारोपण, सौंदर्यीकरण और रखरखाव) नीति, 2015 देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को गलियारों की हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कवर करती है। यह आज सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने राज्यसभा को बताया। गडकरी ने बताया कि इस नीति के तहत दिसंबर, 2021 तक 869 एनएच परियोजनाओं में 51,178 किलोमीटर केइलाके में 244.68 लाख पौधे लगाए गए हैं।

मध्याह्न भोजन या मिड-डे मील योजना में बाजरे के उपयोग की हुई शुरुआत

बच्चों के बीच पोषण बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से पीएम पोषण योजना के तहत बाजरे के उपयोग शुरू करने की संभावना का पता लगाने का अनुरोध किया है। उन जिलों में जहां बाजरे का भोजन करना सांस्कृतिक रूप से स्वीकृत है, यह आज शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने  राज्य सभा में बताया।

इसके तहत यह सुझाव दिया गया है कि सप्ताह में एक बार बाजरा (मोटे अनाज) आधारित मेनू शुरू करें और बाजरा आधारित व्यंजनों को लोकप्रिय बनाने के लिए कुक-कम-हेल्पर्स के बीच खाना पकाने की प्रतियोगिताएं भी आयोजित करें। अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि बाजरा की अच्छाई के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए छोटे वीडियो तैयार करने और उन्हें स्कूलों में प्रदर्शित करने का भी सुझाव दिया गया है और स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) और अभिभावक शिक्षक बैठक (पीटीएम) के दौरान बाजरा की खपत पर चर्चा की जा सकती है।

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