
जम्मू के जल शक्ति (सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण) विभाग की ओर से 6 जनवरी, 2025 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में दायर रिपोर्ट में कहा गया है कि तवी नदी पर बैराज के निर्माण में सभी सरकारी आदेशों, दिशा-निर्देशों, नियमों और विनियमों का पूर्णतया अनुपालन किया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "तवी नदी पर बैराज के हाइड्रोलिक अध्ययन, डिजाइन और रेखाचित्रों की आईआईटी रुड़की द्वारा सुरक्षा और संरचनात्मक स्थिरता को ध्यान में रखते हुए जांच की गई है।"
तवी बैराज परियोजना की परिकल्पना वर्ष 2010 में बिक्रम चौक पर मुख्य तवी पुल से लगभग 1 किमी नीचे बेलीचराना में स्थित तवी नदी के दो चैनलों अर्थात् निक्की तवी और वाड्डी तवी पर गेटेड संरचना के निर्माण के लिए की गई थी।
तवी बैराज में 297.8 मीटर के तालाब स्तर के साथ 1.35 एमसीएम क्षमता का तालाब बनाने की परिकल्पना की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी समय बैराज के बहाव क्षेत्र में पानी नहीं रुकेगा और इसलिए नदी की पारिस्थितिकी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा"।
बैराज पर उपलब्ध कराए गए कुल जलमार्ग को 500 वर्ष में 1 बार बाढ़ वापसी अवधि के आधार पर डिजाइन किया गया है, जो 2014 की बाढ़ के दौरान बाढ़ के पानी के बहाव से कहीं अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तवी बैराज के निर्माण के कारण संभावित बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।
यह रिपोर्ट 18 सितंबर, 2024 को एनजीटी के आदेश के बाद तैयार कर गई है। दरअसल 11 मई, 2024 को "जम्मू में तवी बैराज और रिवर फ्रंट परियोजनाएं नदी को नष्ट कर रही हैं और आपदा को आमंत्रित कर रही हैं" शीर्षक से एक खबर प्रकाशित हुई थी। इस खबर के आधार पर एनजीटी में सुनवाई चल रही है।
अधूरी है पवना नदी सफाई कार्य योजना
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 4 जनवरी, 2025 को एनजीटी में दायर रिपोर्ट में कहा है कि पवना नदी की सफाई के लिए 2019 की स्वीकृत कार्य योजना में निर्धारित समयसीमा पहले ही समाप्त हो चुकी है।
बोर्ड की टास्क टीम ने 28 मार्च, 2019 को पवना नदी के प्रदूषित हिस्से के कायाकल्प की कार्य योजना को मंजूरी दी थी। कार्य योजना को महाराष्ट्र राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है और समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाती है।
पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम (पीसीएमसी) ने 30 दिसंबर, 2024 को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को परियोजना की ताजा स्थिति की जानकारी दी, जिसमें कहा गया कि सीवेज मैनेजमेंट से संबंधित सभी कार्य अभी पूरे नहीं हो पाए हैं। जबकि सभी स्वीकृत कार्यों को पूरा करने की समय सीमा 2019 थी, जो समाप्त हो चुकी है।