पुरुषोत्तपत्तनम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के लिए जरुरी है पर्यावरण मंजूरी: रिपोर्ट

समिति के अनुसार इस परियोजना का उपयोग सिंचाई के लिए भी किया जाना है, इसलिए पर्यावरण मंजूरी लेना जरुरी है
पुरुषोत्तपत्तनम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के लिए जरुरी है पर्यावरण मंजूरी: रिपोर्ट
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पुरुषोत्तपत्तनम लिफ्ट सिंचाई परियोजना (पीएलआईएस) पर संयुक्त जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी है| जिसमें कहा गया है कि इस परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी लेना जरुरी है। 

यह मामला गोदावरी नदी से बिना पर्यावरण मंजूरी के सिंचाई के लिए पानी लेने से जुड़ा है| जबकि किसी भी बड़े प्रोजेक्ट के लिए ईआईए नोटिफिकेशन 2006 में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पर्यावरण मंजूरी (ईसी) लेना जरुरी होता है। इस मामले को आंध्र प्रदेश द्वारा शुरू की गई सिंचाई परियोजना- पीएलआईएस की वैधानिकता को जांचने के लिए उठाया गया था

यह परियोजना आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के सीतानगरम क्षेत्र के पुरुषोत्तपत्तनम गांव में शुरू की गई थी। समिति के अनुसार क्योंकि इस परियोजना को केवल पीने के पानी और औद्योगिक उपयोग के लिए ही नहीं बनाया है, इसके साथ ही इस क्षेत्र में सिंचाई के लिए भी इसका उपयोग किया जाना है| इसलिए इसके लिए पर्यावरणीय मंजूरी लेना जरुरी है|

इससे पहले 20 फरवरी, 2020 को एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि चूंकि पुरुषोत्तपत्तनम लिफ्ट सिंचाई परियोजना, पोलावरम परियोजना के बुनियादी ढांचे का उपयोग कर रही थी| ऐसे में पोलावरम को मिली पर्यावरण मंजूरी में संशोधन के बिना इस तरह की गतिविधियां नहीं चलाई जा सकती| यदि ऐसे में इस परियोजना को पोलावरम के बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल करना है तो उसे अलग से पर्यावरण मंजूरी लेनी होगी या पहले ली गयी मंजूरी में संशोधन करना होगा|

ऐसे में यह जानने के लिए कि क्या इस परियोजना के लिए अलग से मंजूरी लेना जरुरी है| या फिर मौजूदा ईसी में ही संशोधन करके इस परियोजन को मंजूरी दी जा सकती है| इसके लिए एनजीटी ने एक संयुक्त समिति का गठन किया था| और उसे इस परियोजना के पर्यावरण और सामाजिक पहलुओं पर विचार करने का निर्देश दिया था।

इस मुद्दे पर 5 मार्च 2020 को नदी घाटी परियोजनाओं और पर्यावरण आकलन समिति के अध्यक्ष डॉ एस के जैन की अध्यक्षता में समिति की एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक के जो प्रमुख निष्कर्ष और अवलोकन सामने आए थे वो इस प्रकार हैं:

  1. समिति के मतानुसार चूंकि इस परियोजना को केवल पीने के पानी और औद्योगिक उपयोग के लिए ही नहीं बनाया है, इसके साथ ही इस क्षेत्र में सिंचाई के लिए भी इसका उपयोग किया जाना है| इसलिए ईआईए अधिसूचना, 2006 के अनुसार इसके लिए पर्यावरणीय मंजूरी लेना जरुरी है|
  2. इसके साथ ही किस उद्देश्य के लिए कितना पानी उपयोग किया जाना है, यह स्पष्ट करने के लिए प्रत्येक स्तर पर जल संतुलन और उसके उपयोग को स्पष्ट करना जरुरी है|
  3. पोलावरम परियोजना की बाईं मुख्य नहर को पोलावरम जलाशय से पानी मिल रहा है। लेकिन अब पुरुषोत्तपत्तनम लिफ्ट सिंचाई परियोजना, एलएमसी के माध्यम से येलरू जलाशय तक पानी को पहुंचा रही है, ऐसे में इसके लिए पोलावरम परियोजना के अधिकारियों से एनओसी प्राप्त करना जरुरी है।
  4. वर्तमान में लिफ्ट योजना के लिए स्थापना और संचालन के लिए सहमति प्राप्त करना जरुरी है।
  5. साथ ही इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीय जल आयोग से भी आवश्यक अनुमति और मंजूरी लेनी होगी।
  6. साथ ही यह भी कहा है कि जब इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी लेने के लिए अर्जी दाखिल की जाएगी, तो उस समय ईआईए अधिसूचना, 2006 के दिशानिर्देशों के अनुसार सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन की भी जांच की जानी जरुरी है|

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