एनटीपीसी के ऐश बांध टूटने से आधा दर्जन गांवों में हड़कंप, तीन लोग बहे

एनटीपीसी विंध्याचल का शाहपुर स्थित विशालकाय ऐशडैम (राखड़ बांध) टूटने से तीन गांव में राख युक्त पानी घुस गया है, अब यह पानी रिहंद बांध की ओर बढ़ रहा है
उत्तर प्रदेश के शक्ति नगर में एनटीपीसी विंध्याचल का शाहपुर स्थित विशालकाय ऐशडैम (राखड़ बांध) टूट गया है। फोटो: डीटीई
उत्तर प्रदेश के शक्ति नगर में एनटीपीसी विंध्याचल का शाहपुर स्थित विशालकाय ऐशडैम (राखड़ बांध) टूट गया है। फोटो: डीटीई
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शक्तिनगर (उत्तर प्रदेश) स्थित एनटीपीसी विंध्याचल का शाहपुर स्थित विशालकाय ऐशडैम (राखड़ बांध) टूट गया है। इसके कारण राख मिश्रित पानी तेजी से लगभग आधा दर्जन से अधिक गांवों के घरों में घुस गया है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो इस बांध के टूटने से बड़ी संख्या में मवेशियों के बह गए हैं। यही नहीं, तीन लोगों के भी बहने की खबर है लेकिन इनमें से एक को बचा लिया गया है और दो लोग भी अब भी लापता बताए गए हैं।

बांध का राखड़ युक्त पानी तेजी से सूर्या नाला, गहिलगढ़, अमहवा टोला जुवाड़ी से बहते हुए रिहंद जलाशय की ओर बढ़ रहा है। इसका पानी रिहंद बांध की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यदि समय रहते इस पर काबू नहीं पाय गया तो बांध का पानी प्रदूषित होगा और इससे लाखों लोग प्रभावित होंगे। हालांकि बांध के टूटने पर स्थानीय पुलिस और एनटीपीसी के अधिकारी मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। लेकिन इसके टूटने से आसपास के गांवो में भय का महौल बना हुआ है। खतरे को देखते हुए सीआरपीएफ के जवानों को भी बचाय कार्य के लिए बुला लिया गया है।  

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस राखड़ बांध के टूटने के बाद से कल रात से उनके मवेशी अब तक नहीं लौटे हैं। बरगी बांध के कार्यकर्ता राजकुमार सिन्हा ने बताया कि एनटीपीसी के अधिकारियों की लापरवाही का ही नतीजा है कि यह राखड़ बांध टूटा है। उनका कहना है कि इसका ठीक से रख-रखाव नहीं किए जाने के कारण यह हादसा हुआ है।

ध्यान रहे कि शाहपुर में  बना यह बी-वन ऐश डेम एनटीपीसी का सबसे पुरान राखड़ बांध है। इसमें से पिछले कई दिनों से रिसाव हो रहा था। यह बात स्थानीय ग्रामीणों ने बताई। रविवार छह अक्टूबर की देर शाम आखिर यह टूट ही गया। इसके बाद बड़े पैमाने पर अफरातफरी मच गई। इसमें तीन लोग जो बह गए थे उनमें से दो लोग देर एक मेड़ पर फंसे हुए हैं और खबर लिखे जाने तक उन्हें सुरक्षित जगह पर नहीं पहुचाया जा सका है। स्थानीय पुलिस और एनटीपीसी के आला अधिकारियों की टीम घटना स्थल पर पहुंच गर राहत कार्य में जुटी हुई है।

राख का बड़ा हिस्सा रिहंद बांध की ओर जाने से जलाशय के पानी के प्रदूषित होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं एनटीपीसी के अधिकारियों का कहन है कि इस घटना के बाद से अब तक किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है।

राख बांध होता क्या है?

कोयला आधारित ताप विद्युत घरों में प्रतिदिन जलने वाले कायले से निकलने वाली लाखों टन राखड़ को ऐश डेम में पानी के मिलाकर पाइप लाइन के माध्यम से एक ऐसे ताताबनुबा जगह पर ले जाकर रखा जाता है।

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