भारत से ओजोन प्रदूषण घटने से हर साल कृषि उपज में हो सकता है अरबों डॉलर का फायदा

अध्ययन के मुताबिक ओजोन प्रदूषण को कम करने से पैदावार में तेजी से सुधार हो सकता है, इससे खाद्य कीमतों में 43 फीसदी की कमी आएगी।
फोटो साभार : सीएसई
फोटो साभार : सीएसई
Published on

एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के परिणामों के अनुसार, पूरे भारत से ओजोन प्रदूषण को कम करने से गेहूं की उपज में लगभग 14 फीसदी की कमी को टाला जा सकता है। खाद्य कल्याण में हर साल चार बिलियन डॉलर से अधिक की वृद्धि हो सकती है।

हालांकि, अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि इस बढ़ी हुई पैदावार के परिणामस्वरूप उपज की कीमत में कमी से उपभोक्ता, सरकार और किसान हर किसी पर इसका असर पड़ेगा, जिसके लिए फायदे को समान रूप से वितरित करने के लिए खाद्य कल्याण नीति की सावधानीपूर्वक प्रबंधन की जरूरत पड़ेगी।

यॉर्क विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में भारतीय गेहूं उत्पादन और वितरण पर प्रदूषण की सफाई के प्रभाव का आकलन करने के लिए मॉडलिंग का उपयोग किया। फसल की पैदावार और आर्थिक मॉडल के अनोखे संयोजन का उपयोग करते हुए, उन्होंने दिखाया कि, इस तरह के बदलाव का लाभ पाने के लिए सही नीति की आवश्यकता है।

कृषि पैदावार में सुधार

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि ओजोन प्रदूषण को कम करने से पैदावार में तेजी से सुधार हो सकता है लेकिन इससे खाद्य कीमतों में 43 फीसदी की कमी आएगी और जिससे किसानों के कल्याण पर इसका असर पड़ेगा।

इसके विपरीत, उपभोक्ताओं को अधिक किफायती भोजन तक पहुंच से लाभ होगा, जैसा कि सरकार को खाद्य कल्याण कार्यक्रमों की कम लागत से होगा। कुल मिलाकर, खाद्य कल्याण लाभ पर्याप्त हैं लेकिन ऐसी नीतियां तैयार करने की आवश्यकता होगी जो इन फायदों को विभिन्न हितधारकों तक पहुंचा सकें।

हवा की गुणवत्ता

यह अध्ययन भारत में किया गया है, क्योंकि देश की सरकार किसानों की आजीविका का समर्थन करने और विशेष रूप से देश के सबसे गरीब लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा हासिल करने के प्रयास में विशेष तौर पर गेहूं की खरीद और वितरण करती है।

विभिन्न हितधारकों पर वायु प्रदूषण शमन के प्रभावों का पता लगाने के लिए, शोधकर्ताओं ने कई नीति परिदृश्यों का अनुकरण किया, जांच की, कि क्या होगा, उदाहरण के लिए, किसानों की आय, लोगों की भलाई के साथ सरकारी बजट, गेहूं की कीमत में कमी, वायु गुणवत्ता में सुधार।

शोधकर्ता ने कहा कि यह स्पष्ट है कि ओजोन के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने से काफी लाभ मिलेगा, लेकिन सभी भारतीय नागरिकों को लाभ मिले यह सुनिश्चित करने के लिए खाद्य कल्याण नीति को सावधानीपूर्वक प्रबंधित करने की आवश्यकता पड़ेगी।

प्रभावी समर्थन

उन्होंने कहा, सरकारों को खाद्य कल्याण नीति की बहुत सावधानी से जांच करने की आवश्यकता है क्योंकि लक्षित और प्रभावी समर्थन प्रदान करने के लिए नीति में लगातार सामंजस्य बिठाने की आवश्यकता पड़ेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गेहूं की आपूर्ति में वृद्धि और कम कीमतों से सभी को लाभ हो।

अध्ययन के हवाले से शोधकर्ता ने कहा, हमारे संयुक्त कृषि-नीति मॉडल से पता चला है कि ओजोन प्रदूषण को हटाने से गेहूं के उत्पादन में वृद्धि हुई है। अगर सरकार मूल्य तय करके प्रतिक्रिया देगी वे गेहूं पर या खरीदी गई राशि पर खर्च करते हैं, तो कीमत गिर जाएगी, जिससे किसानों को नुकसान होगा।

यदि सरकार गेहूं की कीमत तय करने के बजाय, उस कीमत पर किसानों से खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है, तो वे आर्थिक नुकसान से बच जाएंगे। लेकिन, उस स्थिति में, लोगों को बढ़े हुए पैदावार से लाभ नहीं होता है।

खाद्य पदार्थों की कम कीमतें

अध्ययन स्पष्ट करता है कि ओजोन प्रदूषण को हटाने से फसल उपज में काफी लाभ होगा, लेकिन नीति निर्माताओं को समर्थन जारी रखने के लिए कल्याण और अन्य नीतियों में सावधानीपूर्वक बदलाव करना होगा, उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों को, साथ ही बढ़ी हुई आपूर्ति और कम कीमतों का भी लाभ मिले।

सह-अध्ययनकर्ता के मुताबिक, शोध प्रकृति खाद्य कल्याण नीति विश्लेषण के साथ प्रदूषण के कारण फसल उपज में हानि के मॉडलिंग के लिए महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के शोध प्रदूषण भरे माहौल में खाद्य उत्पादन के भविष्य के बारे में हमारी समझ को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in