देश में बेकाबू हो रहा प्रदूषण, दिल्ली-फतेहाबाद सहित 24 शहर गैस चैम्बर में हुए तब्दील

देश में जहां फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, हनुमानगढ़, हिसार और जींद में प्रदूषण आपात स्थिति में पहुंच गया है, वहीं दिल्ली सहित 19 शहरों में स्थिति बेहद खराब है
फोटो: आईस्टॉक
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 नवंबर 2023 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 236 में से 21 शहरों में हवा 'बेहतर' रही। वहीं 51 शहरों की श्रेणी 'संतोषजनक' रही जबकि 96 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' रही। वहीं अकोला-बागपत सहित 44 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू रहा, जबकि पटियाला सहित 19 शहरों में प्रदूषण का स्तर जानलेवा हो गया है। वहीं फतेहाबाद (423), ग्रेटर नोएडा (402), हनुमानगढ़ (438), हिसार (414) और जींद (413) में प्रदूषण का स्तर आपात स्थिति पर पहुंच गया है। कुल मिलकर देखें तो 24 शहरों में स्थिति ऐसी हो गई है जैसे वो कोई गैस चैम्बर हैं। 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां की वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 28 अंक बढ़कर 392 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 368, गाजियाबाद में 286, गुरुग्राम में 297, नोएडा में 351, ग्रेटर नोएडा में 402 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 169 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 162, चेन्नई में 61, चंडीगढ़ में 214, हैदराबाद में 92, जयपुर में 178 और पटना में 176 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 21 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अरियालूर 50, बागलकोट 46, चामराजनगर 41, दमोह 40, हसन 48, कांचीपुरम 48, मंगुराहा 48, नाहरलगुन 36, नंदेसरी 48, ऋषिकेश 45, सिलचर 24, शिवसागर 43, तिरुवनंतपुरम 43, थूथुकुडी 50 और विजयवाड़ा 49 आदि शामिल रहे।

वहीं आइजोल, अमरावती, बांसवाड़ा, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, चेन्नई, छपरा, चिक्कामगलुरु, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, दुर्गापुर, गडग, गोरखपुर, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जैसलमेर, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, काशीपुर, कोच्चि, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मैहर, मंगलौर, मिलुपारा, मैसूर, नयागढ़, ऊटी, पाली, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामानगर, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, टेंसा, त्रिशूर, तिरुपति, वाराणसी, यादगीर आदि 51 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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