साल 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण को 80 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है: संयुक्त राष्ट्र

रिपोर्ट के अनुसार, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग से स्वास्थ्य, जलवायु, वायु प्रदूषण, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की गिरावट और अन्य खर्चों से अतिरिक्त 3.25 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत होगी
फोटो साभार : सीएसई
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संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यदि दुनिया भर के देश और कंपनियां मौजूदा तकनीकों का उपयोग करके नीति और बाजार में बदलाव करती हैं, तो 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण 80 फीसदी तक कम हो सकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने के लिए एक वैश्विक समझौते पर पेरिस में दूसरे दौर की वार्ता से पहले इस रिपोर्ट को जारी किया गया है। प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने और एक सर्कुलर या चक्रीय अर्थव्यवस्था बनाने के लिए आवश्यक बदलावों की रूपरेखा तैयार की गई है।

दुनिया किस तरह प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म कर सकती है और एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था बना सकती है। इसमें सबसे अच्छे तरीके, बाजार में बदलाव और नीतियों के माध्यम से समाधान करना शामिल है, जिसे सरकार व्यावसायिक तौर पर लागू कर सकती है।

यूएनईपी के कार्यकारी निदेशक इंगर एंडरसन ने कहा, जिस तरह से हम प्लास्टिक का उत्पादन, उपयोग और निपटान करते हैं, वह पारिस्थितिक तंत्र को प्रदूषित कर रहा है। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर रहा है और जलवायु को अस्थिर कर रहा है

उन्होंने कहा कि, यूएनईपी की यह रिपोर्ट एक सर्कुलर दृष्टिकोण के माध्यम से इन खतरों को कम करने के लिए एक रोडमैप तैयार करती है जो प्लास्टिक को पारिस्थितिक तंत्र से, हमारे शरीर से और अर्थव्यवस्था से बाहर रख सकती है। यदि हम प्लास्टिक प्रदूषण समझौते पर वार्ता सहित इस रोडमैप का पालन करते हैं, तो हम प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय जीत हासिल कर सकते हैं।

प्लास्टिक के उपयोग को लेकर बाजार में बदलाव की जरूरत है

दुनिया भर में 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण को 80 प्रतिशत तक कम करने के लिए, रिपोर्ट समस्या के बढ़ते आकार को कम करने के लिए सबसे पहले अनावश्यक प्लास्टिक को समाप्त करने का सुझाव देती है। इसके बाद, रिपोर्ट में बाजार में तीन तरह के बदलाव करने के सुझाव दिए गए हैं, पुन: उपयोग, रीसायकल और उत्पादों में विविधता लाना इसमें शामिल है।

पुन: उपयोग: भरने योग्य बोतलें, बल्क डिस्पेंसर, डिपॉजिट-रिटर्न-स्कीम, पैकेजिंग टेक-बैक स्कीम आदि सहित पुन: उपयोग के विकल्पों को बढ़ावा देकर 2040 तक 30 प्रतिशत प्लास्टिक प्रदूषण को कम किया जा सकता है। इसके दोबारा उपयोग में लाने के लिए, इसकी क्षमता के बारे में सरकारों को एक मजबूत व्यावसायिक तौर पर उपयोग करने के लिए मदद करनी चाहिए।

पुनर्चक्रण या रीसाइक्लिंग- यदि पुनर्चक्रण एक अधिक स्थिर और लाभदायक उद्यम बन जाता है, तो 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण को अतिरिक्त 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। जीवाश्म ईंधन की सब्सिडी हटाने, पुनर्चक्रण को बढ़ाने के लिए तय दिशानिर्देशों को लागू करने और अन्य उपायों से आर्थिक रूप से रीसायकल योग्य प्लास्टिक की हिस्सेदारी 21 से 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।

पुनर्विन्यास और विविधता- वैकल्पिक सामग्री जैसे कागज या कूड़े की खाद या कंपोस्टेबल सामग्री से बने उत्पादों के साथ प्लास्टिक रैपर, पाउच और टेकअवे आइटम जैसे उत्पादों के बदले अन्य सामग्रियों को अपनाने से प्लास्टिक प्रदूषण में अतिरिक्त 17 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है।

उपरोक्त उपायों के साथ भी, एकल या एक बार उपयोग और छोटी अवधि में उपयोग किए जाने वाले उत्पादों से 10 करोड़ मीट्रिक टन प्लास्टिक को अभी भी 2040 तक सुरक्षित रूप से निपटाने की आवश्यकता पड़ेगी। इसे बिना रीसाइक्लिंग योग्य प्लास्टिक के कचरे के निपटान के लिए डिजाइन और सुरक्षा मानकों को स्थापित करने और लागू करने और माइक्रोप्लास्टिक में बदलने वाले उत्पादों पर लगाम लगाकर हल किया जा सकता है।

रीसायकल पर लगने वाली राशि को ध्यान में रखते हुए, एक चक्रीय अर्थव्यवस्था में बदलाव के बाद 1.27 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की बचत होगी। स्वास्थ्य, जलवायु, वायु प्रदूषण, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की गिरावट और मुकदमेबाजी से संबंधित खर्चों से अतिरिक्त 3.25 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की बचत होगी। इस बदलाव के चलते 2040 तक कुल सात लाख नौकरियों की वृद्धि हो सकती है। नौकरियां ज्यादातर कम आय वाले देशों में, जिससे लाखों श्रमिकों की आजीविका में काफी सुधार होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि, सुझाए गए प्रणालीगत बदलाव के लिए निवेश महत्वपूर्ण हैं। लेकिन इस प्रणालीगत बदलाव के बिना हर साल 65 बिलियन अमेरिकी डॉलर की जगह 113 बिलियन अमरीकी डालर खर्च होंगे। इसमें से अधिकांश नई उत्पादन सुविधाओं के लिए नियोजित निवेश को स्थानांतरित करके जुटाया जा सकता है।

जिन सामग्रियों की आवश्यकता नहीं है उनमें कमी करके प्लास्टिक उत्पादन पर लगाम लगाई जा सकती है। फिर भी ऐसा माना जा रहा है कि, पांच साल की देरी से 2040 तक 80 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत नीतियां राष्ट्रीय योजना और व्यावसायिक कार्रवाई की सीमाओं को पार करने में मदद कर सकती हैं। एक फलती-फूलती वैश्विक प्लास्टिक अर्थव्यवस्था को बनाए रख सकती हैं, व्यापार के अवसरों को खोल सकती हैं और रोजगार सृजित कर सकती हैं। इनमें प्लास्टिक उत्पादों के लिए सहमति वाले मानदंड शामिल हो सकते हैं जिन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि एक वैश्विक राजकोषीय ढांचा अंतरराष्ट्रीय नीतियों का हिस्सा हो सकता है ताकि रीसायकल सामग्री को नए सामग्रियों के साथ समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाया जा सके। समाधान के लिए बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्था का निर्माण किया जा सके और निगरानी प्रणाली और वित्तपोषण तंत्र स्थापित किया जा सके।

रिपोर्ट विशेष नीतियों की ओर भी इशारा करती है, जिसमें डिजाइन, सुरक्षा और कूड़े की खाद या कंपोस्टेबल और बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के मानक शामिल हैं। कम से कम  रीसायकल के लिए लक्ष्य, ईपीआर योजनाएं, कर, प्रतिबंध, संचार रणनीतियां, सार्वजनिक खरीद और लेबलिंग आदि इसमें शामिल है।

नीति निर्माताओं को ऐसे तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जो प्लास्टिक पर लगाम लगाने की दिशा में सही तरीके से काम करें। उदाहरण के लिए, उत्पादों को आर्थिक रूप से रीसायकल योग्य बनाने के लिए तय नियमों को रीसायकल की गई सामग्री और रीसायकल करने वाले संयंत्रों के लिए वित्तीय प्रोत्साहनों को शामिल करने के लक्ष्यों के साथ जोड़ा जा सकता है।

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