प्लास्टिक में 10,500 केमिकल की पहचान, इनमें से 2,480 बेहद खतरनाक

प्लास्टिक में करीब 10,500 केमिकल की पहचान की है। जिनमें से 2,489 केमिकल का उपयोग पैकेजिंग, 2,429 का उपयोग वस्त्र बनाने, 2,109 उपयोग खाद्य प्रयोगों में किया जाता है
Photo : Wikimedia Commons
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सावधान हो जाइए यदि आप प्लास्टिक की चीजों का बहुत अधिक उपयोग करते हैं तो, प्लास्टिक में कई खतरनाक केमिकल पाए गए है जो आपके स्वास्थ्य पर खतरनाक असर डाल सकते हैं। इस तरह के केमिकल से कैंसर जैसा भयानक रोग हो सकता है तथा शरीर के अंग काम करना बंद कर सकते हैं। 

शोधकर्ताओं की एक टीम ने पहली बार दुनिया भर के बाजारों में प्लास्टिक के उत्पादन और प्रसंस्करण में उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक मोनोमर जो कि एक तरह के पॉलीमर के अणु होते हैं, एडिटिव्स आदि का एक डेटाबेस तैयार किया है। उन्हें उपयोग के पैटर्न और खतरे की आशंका के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। यह अध्ययन हमें प्लास्टिक में पाए जाने वाले केमिकल को लेकर जागरूक कर रहा है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने प्लास्टिक में करीब 10,500 केमिकल की पहचान की है। जिनमें से 2,489 केमिकल का उपयोग पैकेजिंग, 2,429 का उपयोग वस्त्र बनाने, 2,109 उपयोग खाद्य प्रयोगों में किया जाता है। कुछ केमिकल 522 खिलौने बनाने और 247 केमिकल मास्क सहित चिकित्सा उपकरणों में उपयोग किए जाते हैं। पहचाने गए 10,500 पदार्थों में से, शोधकर्ताओं ने 2,480 पदार्थों लगभग 24 फीसदी को खतरनाक केमिकल के रूप में वर्गीकृत किया है।

इसका मतलब है कि प्लास्टिक में इस्तेमाल होने वाले सभी रसायनों में से लगभग एक चौथाई या तो अत्यधिक स्थिर होते हैं, जीवों के पेट में जमा हो जाते हैं और ये बहुत जहरीले होते हैं। ये पदार्थ अक्सर पानी में रहने वाले जीवों के लिए जहरीले होते हैं। इनकी वजह से कैंसर रोग हो सकता है, या ये किसी विशिष्ट अंग को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

इन सभी पदार्थों में से 53 फीसदी ऐसे है जिन्हें अमेरिका, यूरोपीय संघ या जापान में नियमित नहीं किया गया हैं। आश्चर्यजनक रूप से, इन क्षेत्रों में भोजन पैक करने में उपयोग होने वाले प्लास्टिक में 901 खतरनाक पदार्थ के रूप में स्वीकृत हैं। चिंता इस बात की है कि पहचाने गए पदार्थों में से लगभग 10 फीसदी के बारे में पता ही नहीं है न इनके बारे में कभी अध्ययन किया गया है।

प्लास्टिक कार्बनिक पॉलिमर से बने होते हैं जिनमें मोनोमर के अणु एक तरह का पॉलीमर है। विभिन्न प्रकार के एडिटिव्स, जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट, प्लास्टिसाइज़र और लौ रिटार्डेड, पॉलीमर मैट्रिक्स को जरुरत के हिसाब से आकार देते हैं। उत्प्रेरक, सॉल्वैंट्स और अन्य रसायनों का उपयोग उत्पादन में प्रसंस्करण सहायता के रूप में भी किया जाता है।

अब तक, शोध, उद्योग और नियामकों ने प्लास्टिक में मौजूद खतरनाक रसायनों पर बहुत कम ध्यान दिया गया है। आज प्लास्टिक पैकेजिंग का उपयोग भोजन में जैविक प्रदूषण के मुख्य स्रोत के रूप में देखा जाता है, जबकि फेथलेट प्लास्टिसाइज़र और ब्रोमिनेटेड फ्लेम के रेशे, घर की धूल और घर के अंदर की हवा में पाए जा सकते हैं। पहले के अध्ययनों ने इस ओर इशारा किया है कि दुनिया भर में उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक रसायन खतरनाक हो सकते हैं।  

शोधकर्ता वांग ने जोर देकर कहा कि प्लास्टिक में और भी अधिक खतरनाक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले केमिकल हो सकते हैं। रिकॉर्ड किए गए खतरे के आंकड़े अक्सर सीमित होते हैं। हमारे द्वारा पहचाने गए सभी पदार्थों में से 4,100 या 39 फीसदी को हम खतरनाक श्रेणी में नहीं रख पाए क्योंकि उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं थी।

शोधकर्ताओं ने प्लास्टिक में केमिकल की पारदर्शिता की कमी की पहचान की और डेटाबेस में इसे एक मुख्य समस्या के रूप में दर्ज किया। ढाई साल के शोध कार्य में, उन्होंने अनुसंधान, उद्योग और प्राधिकरणों के 190 से अधिक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों के स्रोतों के माध्यम से जानकारी की और प्लास्टिक में जानबूझकर जोड़े गए पदार्थों के बारे में पर्याप्त जानकारी वाले 60 स्रोतों की पहचान की।

हमें विशेष रूप से पदार्थों और उनके वास्तविक उपयोगों के लिए कई महत्वपूर्ण जानकारी और आंकड़ों में कमी मिली। यह अंततः उपभोक्ताओं की सुरक्षित प्लास्टिक उत्पादों की पसंद में बाधा डालना जैसा है। यह अध्ययन एनवायर्नमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि दुनिया भर में केमिकल उपयोग की प्रभावी प्रबंधन की आवश्यकता हैं। ऐसी प्रणाली को पारदर्शी और स्वतंत्र होना होगा और सभी खतरनाक पदार्थों की पूरी निगरानी करनी होगी। शोधकर्ताओं का कहना है कि विश्वसनीय जानकारी के लिए खुली और आसान पहुंच महत्वपूर्ण है।

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