लॉकडाउन के बाद 12 से अधिक जानलेवा रासायनिक हादसे, यूपीएल प्लांट हादसे की जांच के लिए समिति बनी

एक दर्जन से अधिक रिपोर्ट किए गए औद्योगिक हादसों में प्लांट या फैक्ट्री की लापरवाही का मामला लगातार सामने आया है। इन हादसों के शिकार हुए सैकड़ों मजदूर अब भी लापता हैं।
लॉकडाउन के बाद 12 से अधिक जानलेवा रासायनिक हादसे, यूपीएल प्लांट हादसे की जांच के लिए समिति बनी
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देश में लॉकडाउन के बाद औद्योगिक रासायनिक ईकाइयों में जानलेवा हादसों का दस्तूर जारी है। देश के अलग-अलग औद्योगिक कोनों से 12 से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं जहां हादसों में मजदूरों की जिंदगियां चली गई हैं और कई अब भी लापता हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने फिलहाल गुजरात के भरूच में एग्रो-केमिकल प्रमुख यूनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड (यूपीएल) झागड़िया प्लांट मे जानलेवा घटना पर विस्तृत रिपोर्ट के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है। 23 फरवरी, 2021 को हुए इस हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई थी। 

एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस एके गोयल ने फिलहाल ताजा यूपीएल प्लांट मामले में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यूपीएल के निदेशक, इंडस्ट्रियल सेफ्टी एंड हेल्थ और जिलाधिकारी को नोटिस भी दिया है। 

ट्रिब्यूनल ने 25 फरवरी, 2021 को अपने आदेश में कहा है कि बीते कुछ महीनों में एनजीटी में रासायनिक हादसों के कई मामले आए हैं। इनमें कई समितियों ने रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को सौंपी है। ऐसे में यूपीएल प्लांट का मामले देखने वाली समिति इन रिपोर्ट को भी आधार बना सकती है।  

एनजीटी ने बीते कुछ महीनों में एक दर्जन से ज्यादा औद्योगिक ईकाइयों में घटित जानलेवा मामलों पर अलग-अलग तारीखों पर आदेश दिए हैं।

एनजीटी के आदेशों के आधार पर देखें तो ट्रिब्यूनल ने 1 जून, 2020 को विशाखापत्तनम के एलजी पॉलीमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मामले में आदेश दिया, जबकि 3 फरवरी, 2021 को गुजरात के भरूच में दहेज स्थित रासायनिक फैक्ट्री यशवस्वी रसायन प्राइवेट लिमिटेड के मामले में और 6 अगस्त, 2020 को असम के तिनुश्का जिले में बाघजन में तेल कुएं के लीक मामले पर व 6 जुलाई 2020 और 22 दिसंबर, 2020 को विशाखापत्तनम के बाहरी औद्योगिक क्षेत्र परवडा मे सीनियर लाइफ साइंसेज के गैस लीक मामले पर, तमिलनाडु के कुड्डलोर कस्बे में नेवली थर्मल पावर स्टेशन का बॉयलर फटने के मामले में 8 जुलाई और 22 दिसंबर, 2020 को आदेश दिया गया है।

इसके अलावा एनजीटी ने वाइजेग में विशाखा सॉलवेंट्स लिमिटेड में आग लगने के मामले में 23 जुलाई और 22 दिसंबर, 2020 को आदेश दिया है। साथ ही 18 दिसंबर, 2020 को महाराष्ट्र के सोलापुर में लोकंते बापूराव एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड (शुगर फैक्ट्री) में मीथेन लीकेज के मामले में आदेश दिया था।

वहीं, एनजीटी ने 8 जनवरी, 2021 को एग्रो कंपनी के गैस लीक व 18 जनवरी, 2021 को इफ्को प्लांट में गैस लीक मामले पर भी समिति गठित कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। 

उड़ीसा के राउरकेला में स्टील प्लांट में जहरीली गैस लीक होने व विष्णुनगर फायरक्रैकर प्लांट में आग लगने के मामले में भी एनजीटी ने क्रमशः 11 और 16 फरवरी, 2021 को समिति गठित कर जांच का आदेश  दिया है। इन सभी गैस लीक व रासायनिक हादसों में फैक्ट्री या प्लांट की लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसमें सैकड़ों मौतें हुई हैं जिनकी वास्तविक गिनती अभी नहीं है। 

एनजीटी ने गुजरात के यूपीएल प्लांट मामले में समिति को प्लांट में जाकर निरीक्षण करने का आदेश दिया है। इसके अलावा कंपनी से ऑन-साइट और ऑफ-साइट प्लान व निर्माण, भंडारण, सुरक्षा उपायों के मामले में भी रिपोर्ट देने को कहा है। इस मामले पर अब 30 अप्रैल, 2021  को सुनवाई होगी। 

23 फरवरी, 2021 को एनजीटी ने यूपीएल प्लांट मामले पर मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लिया था। इस हादसे में 26 लापता हैं और दो मजदूरों की मौत हो गई थी। 

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