नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कोठारी नदी में छोड़े गए दूषित पानी के सम्बन्ध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने 18 नवंबर, 2024 को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा है।
गौरतलब है कि इस मामले में दाखिल आवेदन में कोठारी नदी में छोड़े जा रहे दूषित पानी को लेकर चिंता जताई गई थी। इससे नदी की जल गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। आवेदन में नियमों को ताक पर रखते हुए नदी किनारे कचरा, केमिकल और बेकार दवाइयों को डंप करने का भी उल्लेख किया गया है।
इस मामले में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। बोर्ड ने जो रिपोर्ट सबमिट की है उसमें कई तरह के उल्लंघनों को उजागर किया गया है।
समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर पोरवाल अस्पताल प्राइवेट लिमिटेड, भीलवाड़ा के साथ-साथ वहां के म्युनिसिपल कमिश्नर को पक्षकार के रूप में शामिल किया गया है। इन सभी को चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
बालोद अवैध रेत खनन मामले में एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से तलब की रिपोर्ट
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सेंट्रल बेंच ने छत्तीसगढ़ राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अवैध रेत खनन के संबंध में पर्यावरणीय मुआवजे की वसूली और उसके उपयोग पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। 18 नवंबर 2024 को दिया यह आदेश छत्तीसगढ़ के बालोद में मौजूद बालोद पोड़ रेत खदान में हुए अवैध खनन से जुड़ा है।
आदेश के मुताबिक कार्रवाई रिपोर्ट तीन सप्ताह के भीतर दाखिल करनी होगी। इस मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी, 2025 को होगी।
संयुक्त समिति से इस साइट का दौरा करने के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि खनन विभाग द्वारा निरीक्षण किया गया और पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है।