उत्तर प्रदेश में अवैध रेत खनन, शिकायतों पर एनजीटी ने दिए कार्रवाई के निर्देश

अदालत का कहना है कि यदि अवैध रेत खनन हुआ है, तो पर्यावरण को हुए नुकसान का निर्धारण करना चाहिए और इसके लिए जिम्मेवार लोगों से मुआवजा वसूला जाना चाहिए
प्रतीकात्मक तस्वीर/ सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने तीन मई 2024 को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के सदस्य सचिव को सोनभद्र में कनहर और मालिया नदियों के किनारे अवैध रेत खनन के संबंध में शिकायतों पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

अदालत का कहना है कि यदि अवैध रेत खनन हुआ है, तो यूपीपीसीबी को पर्यावरणीय क्षति का निर्धारण करना चाहिए और इसके लिए जिम्मेवार लोगों पर पर्यावरणीय मुआवजा लगाने की कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) से की गई कार्रवाई पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।

यह मामला 27 फरवरी, 2024 को 'एसबीएन लाइव' में प्रकाशित एक खबर के आधार पर ट्रिब्यूनल द्वारा लिए स्वत: संज्ञान से शुरू किया गया था। इस खबर में उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले में कनहर और मालिया नदियों के किनारे हो रहे अवैध रेत खनन की सूचना दी गई थी।

इस खबर के मुताबिक कनहर नदी से अवैध रूप से खनन किए गए रेत ले जा रहे एक ट्रैक्टर को पकड़ा गया था। अवैध खनन की यह घटना जटाजुआ पहाड़ियों की तलहटी में स्थित देवढ़ी ग्राम पंचायत के पास सामने आई थी। खबर के मुताबिक स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे अक्सर देर रात तक नदी किनारे ट्रैक्टरों की गड़गड़ाहट सुनते हैं, जिससे उनके लिए सोना मुश्किल हो जाता है। इससे पता चलता है कि इस क्षेत्र में अवैध खनन का कारोबार चल रहा है।

इस मामले में अग्रिम सूचना पर, सोनभद्र के जिला मजिस्ट्रेट की ओर से एक रिपोर्ट दाखिल की गई है जिसमें दुद्धी के तहसीलदार, सोनभद्र के खनन निरीक्षक, खनन सर्वेक्षक और क्षेत्रीय लेखाकार की एक समिति के निष्कर्षों को भी शामिल किया गया है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक यद्यपि कनहर और मालिया नदियों के किनारे विभिन्न स्थानों पर छोटे गड्ढे देखे गए, लेकिन हाल में की गई खनन गतिविधियों के कोई संकेत नहीं थे।

जांजगीर-चांपा में अवैध रेत खनन के आरोपों पर एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांगा जवाब

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य को जांजगीर-चांपा में अवैध रेत खनन के आरोपों पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इन सभी को चार सप्ताह के भीतर एनजीटी की सेंट्रल बेंच के समक्ष अपना जवाब दाखिल करना होगा।

इस मामले में 27 फरवरी, 2024 को 'रायगढ़ टॉप न्यूज' में अवैध खनन को लेकर एक खबर प्रकाशित हुई थी, जिसपर स्वतः संज्ञान लेते हुए ट्रिब्यूनल ने यह कार्रवाई की है।

इस खबर में खुलासा किया गया है कि खनन और पुलिस विभाग के संयुक्त अभियान में जांजगीर-चांपा जिले में अवैध रेत और खनिज परिवहन में शामिल 28 हाइवा/ट्रैक्टर जब्त किए गए हैं। हालांकि तीन मई 2024 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस मामले में कहा है कि अवैध रेत खनन की वजह से हुई पर्यावरणीय क्षति के लिए कौन जिम्मेवार है और उसपर पर्यावरणीय मुआवजा लगाने के लिए छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड ने क्या कार्रवाई की है इसका जिक्र नहीं है।

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