कलीम सिद्दीकी
गुजरात में भरूच जिले के दहेज स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) में चल रहे एक केमिकल प्लांट में 3 जून को हुए भीषण विस्फोट में आठ लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि 58 लोग घायल हैं।
उन्होंने आगे कहा, "सबसे महत्वपूर्ण पहलू जिसे उजागर करने की आवश्यकता है, वह यह है कि जिन अधिकारियों को सरकार द्वारा औद्योगिक सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए काम पर रखा गया है, उन्हें दूसरे काम पर नहीं लगाया जाए और उनसे औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा जाए।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद अचानक बंद हो गए खतरनाक केमिकल प्लांट को फिर से चालू करने के लिए एक उचित योजना होनी चाहिए। कुछ मामलों में रासायनिक इकाइयों को बंद करने के लिए कई दिनों की आवश्यकता होती है और उन्हें उचित निरीक्षण के बाद खोलने की आवश्यकता होती है।
उन्होंने बताया कि गुजरात में लगभग 450 अत्यधिक खतरनाक प्रवृति के कारखाने हैं, जिनमें से 90 अकेले भरूच में हैं। जबकि उन्हें चलाने में अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि वहां हमेशा दुर्घटनाओं की आशंका रहती हैं। इन दुर्घटनाओं से बचने का एकमात्र तरीका यह है कि ठेकेदारों के माध्यम से काम पर रखे गए ऐसे प्लांट के मालिकों से लेकर मजदूरों तक को सुरक्षित तरीकों के बारे में जागरूक किया जाए।
यहां यह उल्लेखनीय है कि विशाखापट्टनम में भी एलजी पॉलिमर नाम की एक केमिकल फैक्ट्री में आग लगने के कारण 11 लोगों की मौत हो गई थी।