नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने समिति को कोलकाता की साइंस सिटी से सटे जलाशयों पर बढ़ते अतिक्रमण को देखने का निर्देश दिया है। यह क्षेत्र पूर्वी कलकत्ता वेटलैंड के बफर जोन में आता है। आरोप है कि इन जलाशयों पर जाल के रूप में लकड़ी के प्लेटफार्मों सहित बांस की कई अन्य अस्थाई संरचनाएं भी बनाई गई हैं जहां विभिन्न सामाजिक कार्यक्रम और समारोह नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं।
कोर्ट ने समिति को इस बात की जांच करने का निर्देश दिया है कि क्या जल-निकायों पर बड़े पैमाने पर लगाई बांस की जाली, झील की जलीय वनस्पतियों और जीवों के लिए हानिकारक हो सकती है। साथ ही क्या जल-निकाय पर किया गया इस तरह का निर्माण जलाशय में पानी की गुणवत्ता के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
पश्चिम मेदिनीपुर में होते अवैध खनन पर एनजीटी ने दिए कड़ी नजर रखने के निर्देश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) पश्चिम मेदिनीपुर के जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर को जिले में होते अवैध रेत खनन पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है। मामला पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले का है। जहां एनजीटी ने रेत खनन के मामले में पर्यावरण मानदंडों सहित सतत रेत खनन प्रबंधन दिशानिर्देश, 2016 के साथ-साथ रेत खनन प्रवर्तन और निगरानी दिशानिर्देश 2020 के उल्लंघन पर भी कड़ी नजर रखने के लिए कहा है।
साथ ही इस मामले में कोर्ट ने राज्य अधिकारियों को इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईईएसटी), शिबपुर के परामर्श से जिले में होते अवैध रेत खनन की मात्रा निर्धारित करने और पर्यावरणीय मुआवजे की गणना करने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने अगले चार महीनों के भीतर पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन करने वाले से मुआवजा वसूलने के लिए भी जरुरी कदम उठाने की बात कही है। कोर्ट ने 6 सितंबर, 2022 को दिए अपने फैसले में कहा है कि इस संबंध में 16 जनवरी, 2023 तक हलफनामा दायर करे।
ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हावड़ा थोक मछली बाजार में स्वच्छता की स्थिति पर मांगी रिपोर्ट
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हावड़ा नगर निगम से हावड़ा के थोक मछली बाजार में साफ-सफाई पर रिपोर्ट तलब की है। साथ ही कोर्ट ने इस बाजार को चलाने के लिए पर्यावरण स्वच्छता से जुड़े दिशानिर्देशों और कार्य योजना की भी जानकारी मांगी है।
एनजीटी का इस मामले में विचार है कि हावड़ा नगर निगम को अपनी कार्य योजना और दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए समिति की सहायता की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखकर एक समिति का गठन किया गया है और उसे चार सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
बैंगलोर डिप्टी कमिश्नर ने चंद्रपुरा झील प्रदूषण मामले में एनजीटी के समक्ष दायर की रिपोर्ट
बैंगलोर (शहरी जिले) के डिप्टी कमिश्नर ने चंद्रपुरा झील प्रदूषण मामले में एनजीटी के समक्ष रिपोर्ट दायर की है। इस रिपोर्ट में कोर्ट को जानकारी दी गई है कि कर्नाटक राज्य रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर से चंदपुरा झील के जलग्रहण क्षेत्र का नक्शा और प्राकृतिक नालों के प्रवाह का विवरण प्राप्त किया गया है।
इस मामले में कोर्ट ने चंदपुरा झील जलग्रहण क्षेत्रों में शहरी स्थानीय निकायों द्वारा डाले जा रहे अपशिष्ट को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि हेब्बागोडी सीएमसी, जिगानी टीएमसी, बोम्मासांद्रा टीएमसी और चंदपुरा टीएमसी आदि क्षेत्रों से नालों के जरिए अपशिष्ट इस झील में पहुंच रहा है।