नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 10 मई 2023 को अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो बाण गंगा में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए जरूरी उपाय करे। साथ ही कोर्ट ने अधिकारियों से 15 सितंबर, 2023 तक मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया है। मामला जम्मू कश्मीर के कटरा में बाण गंगा नदी में बढ़ते प्रदूषण से जुड़ा है।
गौरतलब है कि बाण गंगा में प्रदूषण को रोकने में अधिकारियों की नाकामी के खिलाफ एनजीटी में आवेदन दायर किया गया था। आवेदन में कहा गया है कि यह नदी शहर के लोगों के लिए पीने के पानी का स्रोत है। इसके बावजूद वो दूषित सीवेज और बढ़ते कचरे के कारण प्रदूषण की मार झेल रही है।
जानकारी दी गई है कि वहां जल अधिनियम, 1974, वायु अधिनियम, 1981 और पर्यावरण अधिनियम, 1986 का उल्लंघन करते हुए नदी को दूषित किया जा रहा है। हालांकि इस मामले में बड़े पैमाने पर मीडिया में छपी खबरों के बावजूद अधिकारियों ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
इसको देखते हुए एनजीटी ने 14 दिसंबर, 2021 को जम्मू-कश्मीर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कटरा नगर परिषद से तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
इस बाबत एसपीसीबी द्वारा दर्ज की गई कार्रवाई रिपोर्ट में नियमों के उल्लंघन की बात स्वीकार की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक बाण गंगा में बड़े पैमाने पर कचरा और दूषित सीवेज छोड़ा गया था। ऐसे में इसके लिए उपचारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है।
वहीं इस मामले में जम्मू कश्मीर आवास और शहरी विकास विभाग द्वारा 15 जुलाई, 2022 को दायर रिपोर्ट में कहा है कि कटरा शहर में ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए 8.49 करोड़ की लागत से व्यापक योजना पहले ही तैयार की जा चुकी है।
इस योजना में कचरे के संग्रह और परिवहन के साथ कटरा के कुंदरोरियन और तांतलाब में मैटेरियल रिकवरी सुविधा की स्थापना शामिल है। इसके अलावा, वर्षों से जमा कचरे का निपटान किया जाना अभी भी बाकी है क्योंकि इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत 4.85 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि वहां से श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने 357.7 मीट्रिक टन कचरा हटाया है। हालांकि बाण गंगा के किनारे से बचे हुए कचरे को अभी भी हटाया जाना बाकी है।
23 जनवरी, 2023 को जम्मू कश्मीर के आवास और शहरी विकास विभाग ने एक नई अपडेटेड रिपोर्ट सबमिट की थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक बाणगंगा नदी की सफाई सुनिश्चित करने के लिए, श्राइन बोर्ड ने पहले चरण में, तीन और छह नालों को जोड़ने वाली कुल 100 मीटर लम्बी एक बॉक्स पुलिया का निर्माण किया है। इसकी कुल क्षमता हर दिन 35 लाख लीटर पानी की निकासी की है। इसकी वजह से बाणगंगा नदी के स्नान घाट क्षेत्र में पर्याप्त सफाई हुई है।
हालांकि 10 मई, 2023 को एनजीटी ने कहा है कि वहां 38 टीपीडी ठोस कचरे के लिए अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधा की शुरूआत अभी तक नहीं हुई है। साथ ही पुराने कचरे का उपचार भी किया जाना बाकी है। सीवेज उपचार सुविधाओं का निर्माण भी अब तक नहीं हुआ है, हालांकि इसके लिए योजना बनाई गई है।