2019 में 80 करोड़ लोग हुए चक्रवातों से प्रभावित, लगातार बढ़ रही है प्रभावितों की संख्या

तूफानों से प्रभावित होने वाली आबादी के पैटर्न और कमजोरियों का पता लगाने से इनसे निपटने की रणनीतियां बनाने, चक्रवातों के वैश्विक बोझ और भविष्य के खतरों का आकलन करने में मदद मिल सकती है।
फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, ग्राहम क्रम्ब
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एक नए अध्ययन के अनुसार, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। जो साल 2002 से 2019 तक लगभग दोगुनी हो गई है। 2019 में चक्रवातों के कारण लगभग 80 करोड़ लोगों प्रभावित हुए।

किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में एशिया में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों से अधिक लोग प्रभावित होते हैं। विश्व के प्रत्येक प्रभावित क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जो जलवायु के गर्म होने के साथ और अधिक तीव्र और अधिक बार होने के आसार हैं।

स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और प्रमुख अध्ययनकर्ता रेन्झी जिंग ने कहा, हालांकि हमारे अध्ययन की अवधि लंबे समय के रुझानों को समझने के लिए पर्याप्त नहीं है, लेकिन हम पिछले दो दशकों में सभी तूफानों की तीव्रता के लिए जनसंख्या और व्यक्ति-दिवस दोनों में लगातार वृद्धि देख रहे हैं।  

अध्ययन में कहा गया है कि चक्रवातों के संपर्क में आने वाले लोगों के आयु संबंधी वितरण को देखें तो, साल 2000 के दशक की शुरुआत की तुलना में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों से हटकर 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की ओर स्थानांतरित हो गया है, जो कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में जनसंख्या के रुझान पर एक नजर है।

अध्ययन में यह भी पाया गया कि उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के संपर्क में आने वाले लोग उसी देश के भीतर आने वाले लोगों की तुलना में अधिक सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित हैं। यह संबंध अध्ययन अवधि के दौरान भारी तीव्रता वाले तूफानों के संपर्क में आने वाले लोगों के लिए अधिक स्पष्ट था, जो 2002 से 2019 तक की अवधि थी।

अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि तूफानों से प्रभावित होने वाली आबादी के पैटर्न और कमजोरियों का पता लगाने से इनसे निपटने की रणनीतियां बनाने और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के वैश्विक बोझ और भविष्य के खतरों का आकलन करने में मदद मिल सकती है। अध्ययन के निष्कर्ष नेचर पत्रिका द्वारा ऑनलाइन प्रकाशित किए गए हैं।

अध्ययनर्ता जाचरी वैगनर ने कहा, चक्रवातों के बढ़ते खतरों को जनसंख्या वृद्धि की तुलना में उष्णकटिबंधीय चक्रवात मौसम के पैटर्न में बदलाव के लिए अधिक जिम्मेदार ठहराया जाता है। आगे तूफान की तीव्रता बढ़ने के अनुमानों को देखते हुए, सबसे तीव्र तूफानों के संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या में निरंतर वृद्धि के आसार हैं, जो भविष्य के लिए कई चुनौतियां पैदा कर सकते हैं।

अध्ययन में लगाए गए अनुमान के अनुसार, दुनिया की आबादी का छह से 12 प्रतिशत हिस्सा हर साल उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के संपर्क में आता है, जिसमें खतरों का एक बड़ा भाग तूफानी हवाओं की रफ्तार से होता है। इस बड़े खतरे का कम और मध्यम आय वाले देशों पर भारी प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां इससे निपटने की क्षमता सीमित है।

उष्णकटिबंधीय चक्रवात जैसे प्रमुख प्राकृतिक घटनाओं के कारण स्वास्थ्य को होने वाले खतरे सबसे अधिक चिंताजनक हैं। जब उष्णकटिबंधीय चक्रवात आबादी वाले क्षेत्रों से गुजरते हैं, तो तेज हवाओं, कम दबाव वाली प्रणालियों, भारी बारिश और तूफान इन सभी के एक साथ मिलने से बड़े पैमाने पर विनाश हो सकता है और मृत्यु दर और बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है

अध्ययनकर्ता ने बताया कि अध्ययन में तूफान और टाइफून सहित सभी प्रकार के उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का आकलन किया गया है।

रैंड, स्टैनफोर्ड और अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में उन लोगों की संख्या का अनुमान लगाने के लिए बेहतर मॉडलिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया, जो भविष्य में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के संपर्क में आ सकते हैं। इसमें एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात पैरामीट्रिक पवन मॉडल शामिल है जो आंतरिक और बाहरी तूफान की गतिशीलता को जोड़ता है और भूमि पर तूफानों की विषमता पर स्पष्ट रूप से विचार करने के लिए एक नए पवन मॉडलिंग दृष्टिकोण का उपयोग करता है।

अध्ययनकर्ता ने पाया कि उष्णकटिबंधीय चक्रवातों ने 2002 से 2019 के बीच 117 देशों और क्षेत्रों को प्रभावित किया, जिनमें से कुछ क्षेत्रों में इसका भारी प्रभाव पड़ा। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि अध्ययन अवधि के दौरान सभी व्यक्ति-दिवसों का 95 प्रतिशत हिस्सा अटलांटिक तटीय उत्तर और मध्य अमेरिका पांच प्रतिशत कैरेबियन, तीन प्रतिशत कोरियाई प्रायद्वीप, जापान छह प्रतिशत, तटीय पूर्वी एशिया 43 प्रतिशत, दक्षिण पूर्व एशिया 24 प्रतिशत, पूर्वी भारत और बंगाल की खाड़ी 14 फीसदी तक आते हैं।

सबसे अधिक व्यक्ति-दिवस खतरे वाले शीर्ष पांच देशों या क्षेत्रों में तटीय चीन में कुल व्यक्ति-दिनों का 33 प्रतिशत, जापान 19 प्रतिशत, फिलीपींस 10 प्रतिशत  ताइवान नौ प्रतिशत और अमेरिका चार प्रतिशत है। ये क्षेत्र सामूहिक रूप से सभी तरह के तूफानों के संपर्क व्यक्ति-दिनों का 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं।

अध्ययन में 18 साल की अध्ययन अवधि के दौरान सभी तूफानों की तीव्रताओं के संपर्क में आने वाली जनसंख्या में वृद्धि का पता चला। औसतन लगभग 56 करोड़ लोग उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के संपर्क में आए, हर साल औसतन, 63 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के साथ उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के संपर्क में आए।

इस तरह के तीव्रता वाले तूफानों के संपर्क में आने वाली जनसंख्या 2002 में लगभग 40.8 करोड़ से बढ़कर 2019 में 79.2 करोड़ हो गई।

शोधकर्ताओं का अनुमान है कि खतरों में लगभग एक-तिहाई वृद्धि जनसंख्या वृद्धि के कारण है, जबकि अन्य दो-तिहाई उष्णकटिबंधीय चक्रवात के खतरों में बदलाव के कारण है।

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