अभी कुछ दिन पहले बंगाल की खाड़ी में बने ‘मोका’ नाम के भयंकर चक्रवाती तूफान ने मायंमार के कुछ इलाकों में काफी तभाई मचाई। इसके कारण लोगों को आर्थिक नुकसान के साथ अपनी जाने भी गवानी पड़ी थी। इस तरह के उष्णकटिबंधीय चक्रवात (टीसी) लगातार बढ़ रहें है जो जान माल को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं। आखिर ये तूफान इतने भयंकर रूप कैसे धारण करते हैं? इसमें हवा किस तरह की भूमिका निभाती है?
इन तूफानों के आकार और तीव्रता से इसके कारण होने वाले विनाश के स्तर को निर्धारित किया जा सकता है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने बताया कि, विकास के चरण के दौरान उष्णकटिबंधीय चक्रवात (टीसी) के आकार और तीव्रता के बीच संबंध को समझना मुश्किल है।
अब, चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के इंस्टीट्यूट ऑफ एटमॉस्फेरिक फिजिक्स के प्रोफेसर चेन गुआंगहुआ के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने उनके गठन के दौरान उष्णकटिबंधीय चक्रवात के हवा के क्षेत्र की संरचना की जांच करके इस संबंध का खुलासा किया है।
शोधकर्ताओं ने तीव्रता वृद्धि के समान स्तर के तहत आकार विस्तार के बढ़ते प्रभाव को लेकर दो महत्वपूर्ण मापदंडों को उजागर किया है। जिसमें पहला अधिकतम हवा की त्रिज्या (आरएमडब्ल्यू) और इसके बाहर हवाओं को फैलाने वाले अवसाद या डिप्रेशन के सापेक्ष प्रभावों का विश्लेषण किया।
उन्होंने पाया कि बड़े अधिकतम हवा की त्रिज्या (आरएमडब्ल्यू) और भारी हवाओं के क्षेत्रों के साथ भंवरों में तीव्रता वृद्धि के समान स्तर के तहत अधिक विस्तार कर सकती है, जो बड़े आरएमडब्ल्यू के साथ आने वाले तूफानों पर गौर करने पर प्रकाश डालते हैं।
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि आरएमडब्ल्यू ने आकार-तीव्रता के संबंध में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। शुरुआती आरएमडब्ल्यू में वृद्धि ने तूफान या चक्रवात के वातावरण के ठीक बाहर का क्षेत्र, जो घने बादलों, भारी वर्षा और तेज़ हवाओं से जुड़ा होता है, उसके विकास को काफी धीमा कर दिया, जिससे उसकी तीव्रता धीमी हो गई।
दूसरी ओर, शुरू में भयंकर हवाओं ने सक्रिय बाहरी अधिक गर्म भाग से ठंडे भाग की और बढ़ने में मदद की, जो कि आकार के विस्तार के लिए अनुकूल थे, जो आंतरिक क्षेत्र में हवा के प्रसार को कम कर सकता था और आरएमडब्ल्यू के बढ़ने की तीव्रता को रोक सकता है।
प्रोफेसर चेन ने कहा, यह अध्ययन आकार-तीव्रता के संबंध के अंतर के लिए जिम्मेदार तंत्र को समझने का एक शुरुआती प्रयास है। अधिक जटिल आंतरिक और बाहरी ताकतों को शामिल करने के लिए और शोध की जरूरत है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात (टीसी) के आकार और तीव्रता के संबंध को समझना उनके द्वारा होने वाले विनाश का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस अध्ययन के निष्कर्ष इन विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान लगाने और उनसे निपटने की तैयारी के लिए हमारी क्षमता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। यह अध्ययन एडवांसेज इन एटमोस्फियरिक साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।