संसद में आज: गृह मंत्रालय दर्ज नहीं करता लू से मरने वालों के आंकड़े

राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) के तहत भारत में हाइड्रोजन हब स्थापित करने के लिए 200 करोड़ रुपए का परिव्यय और वित्त वर्ष 2025-26 तक भारत में कम से कम दो हाइड्रोजन हब लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
भारत का कुल समुद्री मछली उत्पादन 4.43 मिलियन टन था, जो पिछले वर्ष यानी 2021-22 की तुलना में 0.3 मिलियन टन समुद्री मछली उत्पादन अधिक है
भारत का कुल समुद्री मछली उत्पादन 4.43 मिलियन टन था, जो पिछले वर्ष यानी 2021-22 की तुलना में 0.3 मिलियन टन समुद्री मछली उत्पादन अधिक है
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मॉनसून सत्र आज, यानी 31 जुलाई 2024 को सदन में, पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में देश में हीटवेव या लू से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि गृह मंत्रालय विभिन्न आपदाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या पर कोई केंद्रीय आंकड़े नहीं रखता है। हालांकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, 2022 में हीटवेव या लू के कारण कुल 730 मौतें दर्ज की गई। उन्होंने यह भी बताया कि अभी देश में 12 अधिसूचित आपदाएं हैं और फिलहाल आपदा की सूची का दायरा बढ़ाने का विचार नहीं है।

प्रधानमंत्री वनबंधु कल्याण योजना

जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने राज्यसभा में बताया कि प्रधानमंत्री वनबंधु कल्याण योजना (पीएमवीकेवाई) के अंतर्गत जनजातीय मामलों के मंत्रालय जनजातीय समुदायों के विकास और कल्याण के लिए छह केंद्र प्रायोजित योजनाओं को लागू कर रहा है। इस योजना को 2021-22 से 2025-26 के दौरान लागू करने की मंजूरी दी गई है, जिसकी कुल लागत 26135.46 करोड़ रुपये है।

तटीय जलीय कृषि फार्म

आज, सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राज्यसभा में बताया कि भारत सरकार का मत्स्य पालन विभाग (डीओएफ) प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तटीय जलीय कृषि को बढ़ावा दे रहा है।

ललन सिंह ने कहा कि पीएमएमएसवाई के तहत 179.50 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें आनुवंशिक सुधार कार्यक्रम, पी. मोनोडॉन के ब्रूडस्टॉक गुणन केंद्र (बीएमसी), 1381 हेक्टेयर भूमि में खारे पानी के तालाबों का निर्माण और 20 झींगा हैचरी का निर्माण शामिल है। इसके अलावा मत्स्य पालन विभाग ने तटीय जलीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए झींगा ब्रूड स्टॉक के विकास के लिए पांच बीएमसी की स्थापना के लिए परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है।

सिंह ने कहा, तटीय जलीय कृषि प्राधिकरण (सीएए) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों के दौरान तटीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 5544 तटीय जलीय कृषि फार्म स्थापित किए गए हैं।

देश में पशुओं के चारे की कमी

वहीं एक और प्रश्न के जवाब में, मंत्री ललन सिंह ने इस बात पर सहमति जताई कि देश में चारे की कमी है। झांसी के आईसीएआर-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान (आईजीएफआरआई) ने अनुमान लगाया है कि देश में हरे चारे की 11.24-32 फीसदी और सूखे चारे की कमी 23 फीसदी की कमी है।

तटीय समुद्री मछली उत्पादन में गिरावट

एक और सवाल के जवाब में, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राज्यसभा में कहा कि साल 2022-23 के दौरान भारत का कुल समुद्री मछली उत्पादन 4.43 मिलियन टन था, जो पिछले वर्ष यानी 2021-22 की तुलना में 0.3 मिलियन टन अधिक है, तब भारत का कुल समुद्री मछली उत्पादन 4.12 मिलियन टन था।

आईसीएआर-केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) की रिपोर्ट के अनुसार, समुद्री मछली उत्पादन की गिरावट में किसी तरह का कोई रुझान नहीं दिखा है। इसके अलावा सीएमएफआरआई द्वारा प्रकाशित समुद्री मछली स्टॉक स्थिति, 2022 के अनुसार, भारतीय समुद्री मछली स्टॉक अच्छी स्थिति में है और 2022 के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में किए गए मूल्यांकन के मुताबिक, 135 मछली स्टॉक में से 91.1 फीसदी टिकाऊ पाए गए।

ग्रीन हाइड्रोजन हब

आज, ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) के तहत भारत में हाइड्रोजन हब स्थापित करने के लिए योजना दिशा निर्देश 15 मार्च 2024 को अधिसूचित किए गए थे। जिसमें 200 करोड़ रुपये का परिव्यय और वित्त वर्ष 2025-26 तक भारत में कम से कम दो हाइड्रोजन हब लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

देश में कचरे से ऊर्जा

सदन में पूछें गए एक प्रश्न के उत्तर में, आज नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के कचरे से ऊर्जा कार्यक्रम के अंतर्गत, परियोजना डेवलपर्स से प्राप्त आवेदनों के आधार पर कचरे से ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) प्रदान की जाती है।

पिछले दो वर्षों के दौरान, एमएनआरई के कचरे से ऊर्जा कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्वोत्तर क्षेत्र से कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। 30 जून 2024 तक, कचरे से ऊर्जा कार्यक्रम के अंतर्गत देश में कुल 64 बायो-मीथेन संयंत्र स्थापित किए गए हैं।

समुद्री पानी को पीने योग्य पानी में बदलना

भारत में पीने के पानी को लेकर उठाए गए एक सवाल के जवाब में, आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया कि केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के कवरत्ती, मिनिकॉय और अगत्ती द्वीपों पर तीन खारे पानी से पीने के पानी बनाने के संयंत्र स्थापित किए गए हैं। जिनमें से प्रतिदिन एक लाख लीटर ताजा पानी उत्पादन करने की क्षमता है।

ये संयंत्र पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के स्वायत्त निकाय राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विकसित किए गए हैं और थर्मल खारे पानी की तकनीक पर आधारित हैं। इन संयंत्रों की सफलता के आधार पर, गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश, लक्षद्वीप के माध्यम से अमिनी, एंड्रोथ, चेटलेट, कदमत, कल्पेनी और किलतान में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले छह और निम्न थर्मल बिना खारे पानी के संयंत्र स्थापित करने का काम सौंपा है। इनमें से तीन संयंत्र, कल्पेनी, अमिनी और कदमत में एक-एक संयंत्र हाल ही में स्थापितकिए गए हैं।

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