चक्रवाती तूफान 'तेज' के साथ चक्रवात 'हामून' का अंदेशा, पूर्वोत्तर में भारी बारिश का अलर्ट

चक्रवात हामून की गतिविधि के कारण 24-25 अक्टूबर को नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम-त्रिपुरा के अधिकांश इलाकों में हल्की बारिश और कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई है
चक्रवाती तूफान 'तेज' के साथ चक्रवात 'हामून' का अंदेशा, पूर्वोत्तर में भारी बारिश का अलर्ट
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अरब सागर में चक्रवात 'तेज' के बाद बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात बन रहा है। पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर दबाव पिछले छह घंटों में 17 किमी प्रति घंटे की गति से लगभग उत्तर की ओर बढ़ गया, जो आज शाम भारतीय समयानुसार 5.30 बजे तक गहरे दबाव में बदल जाएगा।

मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि, अगले 24 घंटों के भीतर यह और तेज होकर खतरनाक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। चक्रवात 'हामून' के 23 अक्टूबर की सुबह तक लगभग उत्तर की ओर बढने और फिर उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने का पूर्वानुमान है। 25 अक्टूबर की शाम के आसपास यह एक गहरे दबाव में बदलकर खेपुपारा और चटगांव के बीच बांग्लादेश तट को पार करने का अनुमान है।

चक्रवात से पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर असर पड़ने की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग ने 26 अक्टूबर तक पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

मौसम विभाग के मौसम संबंधी पूर्वानुमान को देखें तो, पश्चिम मध्य अरब सागर में बना भयंकर चक्रवाती तूफान "तेज" पिछले छह घंटों के दौरान 13 किमी प्रति घंटे की गति के साथ उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा, जो कल, 22 अक्टूबर को

भारतीय समयानुसार 23:30 बजे पश्चिम मध्य अरब सागर के पास बना हुआ था। यह सोकोट्रा (यमन) से लगभग 130 किमी उत्तर में, सलालाह (ओमान) से 360 किमी दक्षिण में और अल ग़ैदाह (यमन) से 320 किमी दक्षिण-पूर्व में है।  

मौसम विभाग ने इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 24 अक्टूबर के शुरुआती घंटों में 125 से 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में अल-ग़ैदा के करीब यमन तट को पार करने की आशंका है।

चक्रवाती तूफान को देखते हुए, मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
आज, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर में 140 से 150 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 160 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।  

तूफानी हवाओं के धीरे-धीरे कम होने की संभावना है, वहीं 23 अक्टूबर की शाम तक तूफानी हवा की गति 80 से 90 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है।

24 अक्टूबर के शुरुआती घंटों तक 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं, इसके बाद इन तूफानी हवाओं की गति में धीरे-धीरे कमी आने की संभावना है।

वहीं, पश्चिम मध्य अरब सागर में 170 से 180 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 200 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है।

23 अक्टूबर की दोपहर तक 150 से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं।

वहीं 24 अक्टूबर के शुरुआती घंटों में 125 से 135 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 150 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आशंका है।  

25 अक्टूबर की सुबह 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचने के आसार हैं।

उपरोक्त तूफानी हवाओं को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

वहीं मौसम विभाग ने, समुद्र में गए मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है।

[2] पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी पर गहरा दबाव (चक्रवात 'हामून')

पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव पिछले छह घंटों के दौरान पांच किमी प्रति घंटे की गति के साथ लगभग उत्तर की ओर बढ़ रहा हे और कल, 22 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार 23:30 बजे यह पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी पर बना रहा।

यह ओडिशा के पारादीप से लगभग 430 किमी दक्षिण में, पश्चिम बंगाल के दीघा से 590 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में और बांग्लादेश के खेपुपारा से 740 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में है।

अगले 24 घंटों के दौरान इसके चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। इसके आज यानी, 23 अक्टूबर की सुबह तक लगभग उत्तर की ओर बढ़ते रहने, फिर उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और 25 अक्टूबर की शाम के आसपास एक गहरे दबाव के रूप में खेपुपारा और चटगांव के बीच बांग्लादेश तट को पार करने के आसार हैं।

तूफानी गतिविधि को देखते हुए मौसम विभाग ने 24 और 25 अक्टूबर को नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई है

वहीं 23 अक्टूबर को ओडिशा के तटीय जिलों के कुछ हिस्सों और 24 और 25 अक्टूबर को कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है।

24 और 25 अक्टूबर के दौरान पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों के कई इलाकों पर भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

तूफान को देखते हुए, मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
आज, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में 50 से 60 किमी प्रति घंटे से लेकर 70 किमी प्रति घंटे तक की तूफानी हवाओं के चलने के आसार हैं और 23 अक्टूबर की शाम से 24 अक्टूबर की सुबह तक तूफानी हवाओं के 55 से 65 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 75 किमी प्रति घंटे तक बढ़ने की आशंका है।

वहीं 24 अक्टूबर की शाम तक 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।

आज, पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में सुबह तक 40 से 50 किमी प्रति घंटे से लेकर 60 किमी प्रति घंटे तक की तूफानी हवाएं हवा चलने की आशंका है और 24 अक्टूबर को 50 से 60 किमी प्रति घंटे से लेकर 70 किमी प्रति घंटे तक की गति के साथ तूफानी हवाओं के चलने के आसार हैं।

उत्तरी बंगाल की खाड़ी में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका जताई गई है। 24 अक्टूबर को 60 से 70 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के 80 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।

वहीं, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और उत्तरी म्यांमार के तटों के साथ-साथ ओडिशा आसपास के इलाकों में 23 अक्टूबर की शाम से 24 अक्टूबर की शाम तक 40 से 50 किमी प्रति घंटे से लेकर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाओं के चलने की आशंका है।

24 अक्टूबर की सुबह से पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और उत्तरी म्यांमार तटों पर 40 से 50 किमी प्रति घंटे से लेकर 60 किमी प्रति घंटे तक की तूफानी हवाओं के चलने के आसार हैं।  

मौसम विभाग ने उपरोक्त तूफानी हवाओं को देखते हुए मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

वहीं मौसम विभाग ने, समुद्र में गए मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है।

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