इस साल दिवाली के दौरान भारत के तटीय क्षेत्र में चक्रवाती तूफान 'सितरंग' के टकराने के आसार हैं। मौसम विभाग द्वारा पूर्वानुमान लगाया गया हैं कि आज सुबह बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तरी अंडमान सागर और इसके निकटवर्ती इलाकों पर चक्रवाती प्रसार के प्रभाव के चलते, उत्तरी अंडमान सागर और दक्षिण अंडमान सागर और बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी के आस-पास के क्षेत्रों में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इससे संबंधित चक्रवाती प्रसार समुद्र तल से औसतन 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है।
इसके पश्चिम, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 22 अक्टूबर तक मध्य और उससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक डिप्रेशन में बदलने का पूर्वानुमान है। इसके अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदलकर और तेज होने की आशंका जताई गई है।
वहीं एक ट्रफ रेखा उत्तरी अंडमान सागर और दक्षिण अंडमान सागर के आसपास के क्षेत्रों और बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी के आसपास के क्षेत्रों से लेकर निचले स्तरों में बंगाल की दक्षिण खाड़ी में तमिलनाडु तट तक जा रही है।
एक चक्रवाती प्रसार निचले स्तरों में महाराष्ट्र तट से पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर बना हुआ है।
एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा केरल तट से दक्षिण पूर्व अरब सागर से निचले स्तरों में महाराष्ट्र तट से पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर चक्रवाती प्रसार तक जाती है।
मौसम विभाग ने 23 अक्टूबर से मौसम में बदलाव होने का अनुमान लगाया है। जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और पुरी जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
चक्रवात तथा तूफानी हवाओं के चलते मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
आज अंडमान सागर और इससे सटे दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में 40 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका हैं।
वहीं आज दक्षिण श्रीलंका तट और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तेज हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की दर तक पहुंचने के आसार हैं।
उपरोक्त चक्रवात संबंधी गतिविधि को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।
चक्रवात सितरंग से होने वाले प्रभाव को लेकर ओडिशा के 7 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।
यदि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवाती प्रसार एक चक्रवात में बदल जाता है और ओडिशा तट को पार कर जाता है, तो यह 2013 में चक्रवात फैलिन के बाद राज्य में आने वाला दूसरा तूफान होगा। चक्रवात फैलिन 12 अक्टूबर, 2013 को ओडिशा में गंजम के गोपालपुर तट के पास टकराया था। अक्टूबर महीने में 1891 से 2021 के बीच अब तक 15 चक्रवात ओडिशा तट को पार कर चुके हैं। 1999 का सुपर साइक्लोन, हालांकि, बंगाल की खाड़ी के इतिहास में अक्टूबर में आने वाला सबसे तीव्र चक्रवात बना हुआ है।
इस बीच, चक्रवात ने ओडिशा के तटीय जिलों में किसानों को धान की खड़ी फसलों पर इसके प्रभाव से चिंता में डाल दिया है। कई किसान अब खड़ी फसलों को काटने की योजना बना रहे हैं।