चक्रवाती तूफान निवार 25 नवंबर को तमिलनाडु में चैन्नई और कराईकल के बीच लैंडफाल कर सकता है। 30 नवंबर 2020 को सोमवार तड़के यह चक्रवात पुड्डुचेरी से लगभग 600 किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व में था, जबकि चैन्नई से इसकी दूरी 630 किलोमीटर थी।
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक इस दौरान हवा की रफ्तार 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंट रह सकती है। इसलिए तमिलनाडु औश्र पुड्डुचेरी के कई इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम को तमिलनाडु भेजा गया है।
अनुमान है कि तमिलनाडु के तटीय भागों और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में 23 से 26 नवंबर के भारी बारिश हो सकती है, लेकिन भीष्ज्ञण बारिश 24 से 25 नवंबर के बीच होने की आशंका है। अभी से इन क्षेत्रों में बादल दिखाई देने लगे हैं।
दरअसल हिंद महासागर में भूमध्य रेखा और इससे सटे दक्षिणी मध्य बंगाल की खाड़ी के पास दबाव का क्षेत्र बनने से डिप्रेशन की स्थिति बनी। इसके प्रभाव से समुद्री क्षेत्रों में हलचल बहुत तेजी से बढ़ी और तटाय भागों पर हवाएं तेज हो गई। दक्षिण पश्चिमी मॉनसून 2020 के बाद बंगाल की खाड़ी में बनने वाला यह पहला चक्रवाती तूफान है।
ईरान से इस चक्रवाती तूफान का नाम निवार रखा है। बंगाल की खाड़ी में समुद्र और वायुमंडलीय स्थितियां इसके अनुकूल रहने के कारण भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की पूरी आशंका है।
उधर मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि अरब सागर पर बना चक्रवाती तूफान "गति" का भारत के तटों से खतरा टल गया है। यह पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए सोमालिया के पास पहुंच गया है। 23 नवंबर को दोपहर तक इसका लैंडफाल हो जाएगा। लैंडफाल के बाद इसके कमजोर होने की संभावना जताई जा रही है।