उत्तराखंड में एक रात में तीन जगह फटे बादल, भारी नुकसान की आशंका

अब तक कम बारिश का सामना कर रहे उत्तराखंड में अचानक भारी बारिश और बादल फटने से लोग सकते में हैं।
चमोली जिले के फल्दिया गांव में हुआ भारी नुकसान - फोटो- आपदा प्रबंधन विभाग
चमोली जिले के फल्दिया गांव में हुआ भारी नुकसान - फोटो- आपदा प्रबंधन विभाग
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उत्तराखंड में एक ही रात में तीन जगहों पर बादल फटने की घटनाओं से भारी नुकसान हुआ है। चमोली जिले के थराली में मां-बेटी की मौत हो गई। उधर टिहरी जिले के घनसाली में भी भारी नुकसान हुआ है। यहां थार्ती गांव में अब तक एक महिला और एक बच्चे के शव मिला है, अभी कुछ और लोगों के मलबे में दबे होने की खबर है। टिहरी जिले के ही कीर्ति नगर में भी बादल फटा। यहां एक व्यक्ति के घायल होने की खबर है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिले के विजयनगर और सिल्ली में भी काफी नुकसान हुआ है। सिल्ली में पहाड़ी के मलबे की चपेट में आने से तीन मकान दब गये हैं। राज्य की सभी नदियां उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा नदी खतरे के निशान के पास पहुंच गई है।

इस सीजन अब तक कम बारिश के सामना कर रहे उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में 8 और 9 अगस्त, 2019 की रात को भारी बारिश हुई। चमोली जिले के थराली ब्लाॅक में रात 11 बजे के करीब बादल फट गया। यहां उलनग्रा, तलोर, पदमल्ला, बामन बेरा और फल्दिया गांवों में भारी नुकसान होने की खबर है। शुक्रवार सुबह तक मिली सूचनाओं के अनुसार फल्दिया गांव में अब तक सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां गांव के बीच से गुजरने वाला गदेरा उफान पर आने से एक 29 वर्षीय महिला और उसकी 5 वर्ष की बेटी की मलबे तेज बहाव में बह जाने से मौत हो गई। दोनों कर दिये गये हैं। इस गांव में 12 मकान ढह गये हैं। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली सूचनाओं के अनुसार फल्दिया में 6 गायें और एक भैंस भी मलबे में दब गये। फल्दिया के कुछ दूर स्थित बामन बेरा गांव में भी कुछ घरों के ढहने की सूचना है। यहां अब तक 4 मवेशियों की मौत हो जाने की सूचना है। चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्द किशोर जोशी के अनुसार करीब 6 गांव प्रभावित हुए हैं। एसडीआरएफ और अन्य संबंधित विभागों के लोग राहत व बचाव कार्य में जुट गये हैं।


बादल फटने की दूसरी बड़ी घटना टिहरी जिले में घनसाली ब्लाॅक के थार्ती गांव में हुई। यहां आधी रात के बाद बादल फटने के कारण पहाड़ी से आये मलबे में कई मकान दब गये हैं। फिलहाल एक महिला और एक बच्चे के शव मिले हैं। कुछ घायलों को अस्पताल भेज दिया गया है। यहां अभी कुछ लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। एसडीआरएफ के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे गये हैं और राहत व बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है। मौके पर मौजूद जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ब्रजेश भट्ट ने दो शव मिलने की पुष्टि कर दी है। उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल एक बच्ची को अस्पताल भेज दिया गया है। कुछ अन्य लोगों को भी चोटें आई हैं।

बादल फटने की तीसरी घटना टिहरी जिले के कीर्तिनगर में हुई। यहां कुछ घरों के मलबे की चपेट में आने की खबर है। एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना मिली है। कीर्तिनगर में भी एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि में भी गदेरों में उफान आ जाने के कारण पूरी रात अफरा-तफरी की स्थिति रही। विजयनगर कस्बे में गदेरे में भारी मात्रा में पानी और मलबा आ जाने के कारण घरों में मलबा भर गया। लोग रात को ही घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर चले गये। विजयनगर से कुछ ही दूरी पर स्थित सिल्ली में पहाड़ी से मलबा आने के कारण तीन मकान ढह गये।  इन घरों में रहने वाले लोगों ने भागकर जान बचाई। विजयगनर और सिल्ली में एसडीआरएफ की टीम ने रात को ही मोर्चा संभाल लिया था। फिलहाल सभी जगहों पर प्रशासनिक अधिकारी राहत और बचाव कार्यों के साथ ही नुकसान का जायजा ले रहे हैं। 

अगस्त्यमुनि में एक प्रत्यक्षदर्शी हरीशबर्द्धन के अनुसार विजयगनर में रात करीब पौने 10 बजे के करीब गदेरे में अचानक उफान आ गया और ऑल वेदर रोड का मलबा घरों में घुसने लगा। 2013 की आपदा झेल चुके लोग तुरन्त घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर चले गये। विजयगनर में अफरा-तफरी के बीच तीन किमी दूर सिल्ली में भी पहाड़ी दरकने से तीन घर टूट गये। हर्षवर्धन के अनुसार दोनों जगहों पर अब भी अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है।

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