मौसम विभाग के मुताबिक सौराष्ट्र और आस-पड़ोस के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जो पूर्वोत्तर अरब सागर और उससे सटे कच्छ के ऊपर केंद्रित है। जोकि गुजरात के देवभूमि द्वारका से लगभग 50 किमी पूर्व-उत्तर पूर्व, गुजरात के नालिया से 90 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व और पाकिस्तान के कराची से 340 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में बना हुआ है।
इसके पश्चिम, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 12 घंटों के दौरान गुजरात तट से दूर पूर्वोत्तर अरब सागर के ऊपर गहरे दबाव में बदलने की आशंका है। इसके बाद इसके आगे पश्चिम, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 24 घंटों के दौरान एक तेज चक्रवाती तूफान में बदलने के आसार हैं। जोकि चक्रवात शाहीन के नाम से जाना जाएगा। यहां बताते चले कि तूफान का "शाहीन" नाम कतर ने दिया है।
मौसम विभाग ने बताया कि शाहीन का प्रभाव खास तौर से महाराष्ट्र और गुजरात के समुद्र के तटीय इलाकों में पड़ने के आसार हैं।
वहीं मौसम विभाग ने कहा है कि तेलंगाना और इससे सटे मराठवाड़ा और विदर्भ के इलाकों में डिप्रेशन (गहरे दबाव) का केंद्र बना हुआ है। कुछ समय बाद इसके भारतीय तट से दूर जाते हुए, पाकिस्तान-मकरान तटों के करीब पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते रहने का अनुमान लगाया गया है।
वहीं एक कम दबाव का क्षेत्र उत्तर पश्चिमी झारखंड और इससे सटे इलाकों में बना हुआ है और संबंधित चक्रवाती प्रसार मध्य ट्रोपोस्फेरिक स्तर तक फैला हुआ है।
उपरोक्त मौसम संबंधी गतिविधियों के चलते सौराष्ट्र और कच्छ, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों, झारखंड और बिहार में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने के आसार हैं। वहीं अगले 24 घंटों के दौरान गुजरात, उत्तरी कोंकण, दक्षिण छत्तीसगढ़ और उत्तरी ओडिशा में अलग-अलग स्थानों में बादलों के जमकर बरसने का अनुमान है।
तूफान के चलते मछुआरों को समुद्र और इनके तटों से दूर रहने की चेतावनी
अगले 3 दिनों के दौरान गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों के साथ-साथ पूर्वोत्तर अरब सागर में समुद्र में भारी हलचल रहने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज उत्तर-पूर्वी अरब सागर और गुजरात के तट पर 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं के 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचने के आसार हैं। वहीं पूर्व-मध्य अरब सागर के साथ-साथ उत्तरी महाराष्ट्र तट, पूर्वोत्तर अरब सागर और गुजरात से लेकर उत्तरी महाराष्ट्र के तटों पर 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से से चलने वाली तेज हवाओं के 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है। मछुआरों को चेतावनी दी है कि इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाएं।