
टॉक्सिक्स लिंक के द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में रीसाइक्लिंग या पुनर्चक्रण किए गए प्लास्टिक से बने ब्रांडेड खिलौनों में जहरीले तत्वों की मौजूदगी का पता चला है। अध्ययन में रिसाइकिल किए गए प्लास्टिक से बने खिलौनों के 10 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से दो ब्रांडों में खतरनाक केमिकल पाए गए।
टॉक्सिक्स लिंक के "रिसाइकल्ड खिलौने (ब्रांडेड): कितने सुरक्षित?" नामक अध्ययन में, एक खिलौने में शॉर्ट चेन क्लोरीनेटेड पैराफिन (एससीसीपी) और दूसरे में बिस्फेनॉल ए (बीपीए) पाया गया। दोनों ही रसायन मनुष्य के स्वास्थ्य, खासकर शिशुओं और छोटे बच्चों, के लिए हानिकारक है क्योंकि वो हर चीज को मुंह में डालते हैं।
यह कई अध्ययनों से सिद्ध हो चुका है कि बीपीए भ्रूण के विकास में बाधा डालता है, चयापचय संबंधी विकार, प्रजनन संबंधी विकार, प्रोस्टेट एवं स्तन कैंसर और प्रतिरक्षा तथा तंत्रिका तंत्र के विकार का कारण बन सकता है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने भी बीपीए के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को देखते हुए शिशु को दूध पिलाने की बोतलों में इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है।
साल 2017 में स्टॉकहोम कन्वेंशन ऑन पर्सिस्टेंट ऑर्गेनिक पॉल्यूटेंट्स (पीओपीएस) ने,एससीपीपी (एससीसीपीएस) को दुनिया भर उन्मूलन के लिए सूचीबद्ध किया था। अध्ययनों के अनुसार, इस रसायन में कैंसर पैदा करने की क्षमता है और यह मानव शरीर में हार्मोनल प्रणाली में भी रुकावट डाल सकता है।
एससीपीपी में अंतःस्रावी प्रणाली में हस्तक्षेप करने की क्षमता है,जो थायरॉइड हार्मोन के स्तर को प्रभावित करके यौवन और कम प्रजनन क्षमता जैसी प्रजनन समस्याओं का कारण बन सकता है।
खिलौनों की शारीरिक और रासायनिक सुरक्षा के लिए बीआईएस मानकों में एससीपीपी और बीपीए की उपस्थिति का कोई उल्लेख नहीं है। भले ही जांचे गए नमूनों के सिर्फ 20 फीसदी में ये रसायन मिले हों, लेकिन इनकी उपस्थिति बच्चों और पर्यावरण के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए चिंता का कारण बनती है।
प्रेस विज्ञप्ति में टॉक्सिक्स लिंक के निदेशक रवि अग्रवाल के हवाले से कहा गया है कि इस अध्ययन का उद्देश्य यह पता लगाना था कि पुनर्चक्रण किए गए प्लास्टिक से बने बच्चों के उत्पाद कितने सुरक्षित हैं। अध्ययन के नतीजे में कुछ खिलौने विषैले रसायन युक्त पाए गए। स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नवाचार, प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता के माध्यम से पुनर्चक्रण किए गए सामग्रियों में सुधार की जरूरत है।
टॉक्सिक्स लिंक की रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि खिलौनों की सुरक्षा पर कड़े मानक और शुद्ध तथा रिसाइकल्ड प्लास्टिक दोनों में खतरनाक रसायनों की उपस्थिति को लेकर नियम बनाए जाएं, जिसके बाद प्रभावी निगरानी और लागू या बदलाव सुनिश्चित किया जाए।
रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि प्लास्टिक और प्लास्टिक उत्पादों के निर्माताओं को उत्पाद लेबल पर अवयवों, जिसमें योजक भी शामिल हैं को स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध किया जाना चाहिए, ताकि प्लास्टिक के पूरे जीवनचक्र (उत्पादन से लेकर निपटान तक) में रासायनिक सामग्रियों का पता लगाया जा सके।