कीटों के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाने का दिन है आज  

इस तेजी से बदलती दुनिया, जलवायु और उच्च जनसंख्या घनत्व में, कुछ कीटों को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो गया है।
मच्छर सबसे घातक कीट बने हुए हैं, जो डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जीका वायरस जैसी बीमारियों को फैलाने के लिए जिम्मेवार हैं।
मच्छर सबसे घातक कीट बने हुए हैं, जो डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जीका वायरस जैसी बीमारियों को फैलाने के लिए जिम्मेवार हैं। फोटो साभार: आईस्टॉक
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हर साल छह जून को विश्व कीट दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे विश्व कीट जागरूकता दिवस के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य कीट प्रबंधन के महत्व को सामने लाना है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण को प्रभावित करता है।

विश्व कीट दिवस पहली बार छह जून, 2017 को बीजिंग में मनाया गया था। साल 2017 में चीनी कीट नियंत्रण संघ (सीपीसीए) इस दिवस का नेतृत्व कर रहा था। इस दिवस को राष्ट्रीय कीट प्रबंधन संघ, एशियाई और ओशिनिया कीट प्रबंधक संघ और यूरोपीय कीट प्रबंधन संघों के परिसंघ द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था।

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मच्छर सबसे घातक कीट बने हुए हैं, जो डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जीका वायरस जैसी बीमारियों को फैलाने के लिए जिम्मेवार हैं।

इस साल भी भारत स्वास्थ्य, स्वच्छता और संपत्ति के लिए खतरा पैदा करने वाले विभिन्न कीटों से लड़ना जारी रखेगा। इस तेजी से बदलती दुनिया, जलवायु और उच्च जनसंख्या घनत्व में, कुछ कीटों को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो गया है। यहां पांच सबसे बड़े कीट बताए गए हैं जिनसे भारतीय इस साल जूझ रहे हैं।

मच्छर सबसे घातक कीट बने हुए हैं, जो डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जीका वायरस जैसी बीमारियों को फैलाने के लिए जिम्मेवार हैं। निर्माण क्षेत्रों और स्थिर पानी में वृद्धि ने प्रजनन के मैदानों को और भी आम बना दिया है। उन्हें नियंत्रित करने के लिए, घरों के आस-पास जमा पानी को हटा देना चाहिए, मच्छर भगाने वाली दवाइयों का इस्तेमाल करना और खिड़कियों पर जाली लगाना। नियमित रूप से फॉगिंग और लार्विसाइड कार्यक्रमों से भी फायदा मिल सकता है।

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कॉकरोच ऐसे बैक्टीरिया ले जाते हैं जो भोजन विषाक्तता, त्वचा संक्रमण और अस्थमा का कारण बन सकते हैं। ये कीट नमी वाले, अंधेरे कोनों में पनपते हैं - खासकर रसोई और बाथरूम में। उन्हें दूर रखने के लिए, साफ-सफाई रखना जरूरी है।  

दीमक लकड़ी के सामान और यहां तक कि पूरे ढांचे को नष्ट करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उनके नुकसान को अक्सर तब तक अनदेखा कर दिया जाता है जब तक कि यह गंभीर न हो जाए। दीमक के संक्रमण को रोकने के लिए लकड़ी को दीमक रोधी घोल का उपयोग किया जा सकता है, लकड़ी वाले इलाकों में नमी को कम करना और सालाना निरीक्षण करवाना जरूरी है।

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भारतीय शहरों में कुतरने वाले कीट आम होते जा रहे हैं, जो भोजन को दूषित करते हैं और लेप्टोस्पायरोसिस और हैन्टावायरस फैलाते हैं। उन्हें नियंत्रित करने के लिए, प्रवेश करने वाली जगहों को अवरुद्ध करना, भोजन को सुरक्षित रूप से रखना और कचरे का उचित तरीके से निपटान करना शामिल है। बड़े संक्रमण के लिए विशेषज्ञ की मदद की जरूरत पड़ सकती है।

अक्सर अनदेखा की जाने वाली घरेलू मक्खियां खतरनाक हो सकती हैं क्योंकि वे टाइफाइड और हैजा जैसी बीमारियां फैलाती हैं। सही से कचरा प्रबंधन और खुला भोजन उन्हें आकर्षित करता है। भोजन को ढककर, नियमित रूप से सफाई करके और मक्खी के जाल या जालीदार स्क्रीन का उपयोग करके घरेलू मक्खियों को रोका जा सकता है।

इस दिन को मनाना हमें याद दिलाता है कि छोटे-छोटे कार्य - जैसे जगहों को साफ रखना और रोकथाम के बारे में सीखने से कीट-संबंधी खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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