वैज्ञानिकों ने चाखेसांग नागा जनजाति में खोजी ब्लड ग्रुप और बीमारियों के बीच की जेनेटिक कड़ी

अध्ययन के निष्कर्ष दर्शाते हैं कि ब्लड ग्रुप 'ए' वाले लोगों में उच्च रक्तचाप और डायबिटीज का खतरा सबसे अधिक था
प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
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नागालैंड की चाखेसांग नागा जनजाति पर किए गए एक नए अध्ययन में सामने आया है कि उनके ब्लड ग्रुप का कुछ पुरानी बीमारियों, जैसे उच्च रक्तचाप और मधुमेह (डायबिटीज) से गहरा संबंध हो सकता है।

अपने इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने चाखेसांग जनजाति में एबीओ और आरएच ब्लड ग्रुप के आनुवांशिक वितरण और उनका लम्बे समय तक रहने वाली बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप और मधुमेह के बीच के संभावित संबंधों को समझने का प्रयास किया है। गौरतलब है कि इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस समुदाय का चयन इसलिए किया है क्योंकि पहले के अध्ययनों में भी इस जनजाति में इन बीमारियों की दर अधिक पाई गई थी।

अध्ययन के दौरान 100 प्रतिभागियों जिनमें 50 पुरुष और 50 महिलाएं शामिल थी, उन्हें दो समूहों में बांटा गया, इनमें स्वस्थ लोगों का एक समूह और एक समूह ऐसे लोगों का था जो बीमारियों से जूझ रहे थे। इनसे रक्त के नमूने लेकर एबीडी एंटीसिरा किट से जांच की गई। साथ ही उनके आनुवांशिक आंकड़ों का विश्लेषण हार्डी-वाइनबर्ग समीकरण और ची-स्क्वेयर टेस्ट के माध्यम से किया गया।

ब्लड ग्रुप और बीमारियों का संबंध

इस अध्ययन के जो निष्कर्ष सामने आए उनसे पता चला है कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप 'ए' था, उनमें हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) और डायबिटीज होने का खतरा 'बी' और 'ओ' ब्लड ग्रुप वालों की तुलना में काफी अधिक था।

खास तौर पर, 'ए' ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा 4.4 गुना और डायबिटीज का खतरा 4.6 गुना अधिक पाया गया, जो ब्लड ग्रुप और इन बीमारियों के बीच के मजबूत संबंध को उजागर करता है।

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इसके विपरीत, 'बी' ब्लड ग्रुप वाले लोगों में इन दोनों बीमारियों का खतरा काफी कम पाया गया। वहीं 'ओ' ब्लड ग्रुप वाले लोगों की आबादी तो इस जनजाति में सबसे आम था, लेकिन उनके ब्लड ग्रुप और इन बीमारियों में कोई खास संबंध नहीं दिखा। इन परिणामों से संकेत मिलता है कि इस जनजाति में ब्लड ग्रुप 'ए' वाले लोगों में आनुवांशिक कारण इन बीमारियों के पीछे हो सकते हैं।

आनुवांशिक निकटता और विविधता

आगे किए गए जेनेटिक विश्लेषण (नेबर-जॉइनिंग ट्री और PCoA) से पता चला कि चाखेसांग जनजाति का निकटतम संबंध समीप की सूमी जनजाति से है, लेकिन वे भारत की अन्य जनजातियों और वैश्विक आबादी से आनुवांशिक रूप से काफी अलग हैं।

यह अध्ययन इस ओर इशारा करता है कि ब्लड ग्रुप 'ए' से जुड़ी एक संभावित आनुवांशिक प्रवृत्ति चाखेसांग जनजाति में मौजूद हो सकती है। हालांकि, शोधकर्ता यह भी मानते हैं कि खानपान, जीवनशैली और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता जैसी बाहरी परिस्थितियां भी इन बीमारियों पर प्रभाव डालती हैं।

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शोधकर्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया है कि छोटे सैंपल साइज के कारण इन निष्कर्षों को पूरी जनजाति पर लागू नहीं किया जा सकता। अतः इस विषय पर और बड़े स्तर पर अध्ययन की आवश्यकता है।

इस अध्ययन के नतीजे ओपन एक्सेस जर्नल लैबमेड डिस्कवरी में प्रकाशित हुए हैं।

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