
आज विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर कैंसर के खिलाफ विश्व शिखर सम्मेलन में पेरिस के कैंसर के खिलाफ चार्टर पर हस्ताक्षर किए जाने के पच्चीस साल पूरे हुए हैं। आज भी दुनिया भर में कैंसर मौतों का अहम कारण बना हुआ है, हालांकि इस पर लगातार शोध चल रहे हैं।
अब शोधकर्ताओं ने एक दुर्लभ प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका की पहचान की है, जिसे स्टेम-लाइक टी कोशिकाएं कहा जाता है, जो कैंसर और अन्य पुराने संक्रमणों के खिलाफ शक्तिशाली तथा लंबे समय तक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बनाए रखने के लिए अहम हैं।
कैंसर और पुराने संक्रमण जैसी लंबी बीमारियां अक्सर प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देती हैं, जहां इसके सबसे आगे की रक्षक - टी कोशिकाएं प्रभावी रूप से कार्य करने की अपनी क्षमता खो देती हैं।
पीटर डोहर्टी इंस्टीट्यूट फॉर इंफेक्शन एंड इम्युनिटी (डोहर्टी इंस्टीट्यूट) और पीटर मैककॉलम कैंसर सेंटर (पीटर मैक) की अगुवाई में किए गए शोध से पता चला है कि स्टेम-लाइक टी कोशिकाओं की सहनशक्ति को आईडी3 नामक प्रोटीन द्वारा बढ़ावा मिलता है और इसे इसी नाम के जीन द्वारा सामने लाया जाता है।
अध्ययन के अनुसार, इन आईडी3+ टी कोशिकाओं में खुद में स्फूर्ति लाने और कमजोरी को दूर करने की एक अनोखी क्षमता होती है, जिससे उन्हें पुरानी बीमारियों के खिलाफ आईडी3 को सामने न लाने वाली अन्य टी कोशिकाओं की तुलना में प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को लंबे समय तक बनाए रखने की शक्ति मिलती है।
साइंस इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे आईडी3+ टी कोशिकाएं पुरानी बीमारियों के इलाज में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक प्रतिरक्षा थकावट को दूर करने की चाबी है।
शोध पत्र के हवाले से शोधकर्ता ने कहा कि आईडी3+ टी कोशिकाओं को उत्तेजित करने से रोकने और समय के साथ एक शक्तिशाली प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बनाए रखने की बहुत अधिक क्षमता होती है, जो उन्हें क्रोनिक संक्रमण या कैंसर के मामले में विशेष रूप से प्रभावी बनाती है। शोध में यह भी पाया गया कि शरीर में कुछ संकेत आईडी3+ टी कोशिकाओं की संख्या बढ़ा सकते हैं, जिससे सीएआर टी सेल थेरेपी जैसे बेहतर उपचारों का मार्ग प्रशस्त होता है।
आईडी3 की गतिविधि को बढ़ाने से इन कोशिकाओं की सहनशक्ति मजबूत हो सकती है, जिससे उपचार अधिक प्रभावी और लंबे समय तक चलने वाला हो सकता है। शोध में पाया गया कि आईडी3+ टी कोशिका निर्माण को विशिष्ट उत्तेजित करने वाले संकेतों द्वारा बढ़ावा दिया जा सकता है, जो हो सकता है रोगियों में कैंसर से लड़ने में उत्कृष्ट प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने के लिए नई रणनीतियां बनाने में करता है।
शोध में कहा गया कि इससे कैंसर रोगियों के लिए बेहतर उपचार हो सकता है और नैदानिक इम्यूनोथेरेपी में सुधार हो सकता है। इस खोज से इम्यूनोथेरेपी उपचारों में प्रगति हो सकती है और ऐसे टीकों का विकास हो सकता है जो लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करते हैं।