
धूम्रपान निषेध दिवस एक सालाना स्वास्थ्य जागरूकता दिवस है, यह धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने और तंबाकू के उपयोग से स्वास्थ्य को होने वाले खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह आमतौर पर मार्च के दूसरे बुधवार को मनाया जाता है।
2025 में धूम्रपान निषेध दिवस आज, यानी 12 मार्च को पड़ रहा है। लंबे समय तक धूम्रपान करने से कई स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव हो सकते हैं, जिनमें समय से पहले बुढ़ापा, त्वचा का रंग खराब होना, दांतों की समस्या और श्वसन संबंधी समस्याएं शामिल हैं।
विभिन्न अभियानों के माध्यम से, धूम्रपान निषेध दिवस धूम्रपान करने वालों को इस आदत से मुक्त पाने के लिए जरूरी सहायता हासिल करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, जिससे सभी के लिए एक स्वस्थ, धूम्रपान-मुक्त जीवन शैली को बढ़ावा मिलता है। यह बेहतर समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के लिए धूम्रपान छोड़ने के महत्व पर विचार करने का एक अवसर है।
इस दिन की शुरुआत 1984 में यूनाइटेड किंगडम में हुई थी। तब से, यह सरकारों, स्वास्थ्य सेवा समूहों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा समर्थित एक वैश्विक कार्यक्रम बन गया है। यह दिन अभियानों, मुफ्त संसाधनों और सामुदायिक समर्थन के माध्यम से लोगों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करने पर आधारित है। हर साल तम्बाकू से जुड़ी 80 लाख से अधिक मौतों के साथ, यह दिन जीवन बचाने में बड़ी भूमिका निभाता है।
80 लाख में से 70 लाख से अधिक मौतें प्रत्यक्ष तम्बाकू सेवन के कारण होती हैं, जबकि लगभग 13 लाख मौतें धूम्रपान न करने वालों के धूम्रपान के संपर्क में आने के कारण होती हैं
धूम्रपान की आदतें दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक होते हैं, इसकी रोकथाम की जा सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, धूम्रपान से हृदय रोग और फेफड़ों का कैंसर होता है, साथ ही स्ट्रोक भी होता है, लेकिन सेकेंड हैंड धूम्रपान उन बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए खतरा पैदा करता है जो धूम्रपान नहीं करते हैं। यह दिन लोगों को धूम्रपान के खतरों के बारे में जागरूक बढ़ाने और उन्हें रोकने के विकल्प प्रदान करने का काम करता है।
इस समस्या की वित्तीय लागत भी उतनी ही चिंताजनक है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज प्रोजेक्ट ने 2022 में शोध के माध्यम से दिखाया कि तम्बाकू के उपयोग से दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा उपचार और कम होती उत्पादक क्षमताओं से सालाना 1.4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की आर्थिक लागत उत्पन्न होती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में 1.3 अरब तम्बाकू उपयोगकर्ताओं में से लगभग 80 फीसदी निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं, जहां तम्बाकू से संबंधित बीमारी और मृत्यु सबसे अधिक होती है। तम्बाकू का उपयोग भोजन और आश्रय जैसी बुनियादी जरूरतों से घरेलू खर्च को तम्बाकू पर खर्च करके गरीबी को बढ़ाव देती है। इस खर्च करने की आदत पर लगाम लगाना मुश्किल है क्योंकि तम्बाकू बहुत ज्यादा नशे की लत है।