
कानपुर में जहरीले कचरे के कारण लोगों के खून में पारा और क्रोमियम की मात्रा तय सीमा से अधिक पाई गई है।
प्रशासन ने स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर 7,476 लोगों की जांच की, जिसमें 12 में पारा और 367 में क्रोमियम का स्तर अधिक पाया गया।
गंगा से साफ पानी की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन नेटवर्क चालू किया गया है।
कानपुर नगर और आसपास के इलाकों में भारी धातुओं जैसे क्रोमियम, पारा (मरकरी) और फ्लोराइड से स्थिति गंभीर होती जा रही है।
इस खतरे की जांच के लिए प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए हैं, जिनमें रक्त की जांच की गई। जुलाई 2024 से अब तक वहां 85 स्वास्थ्य शिविर लगाए जा चुके हैं, जिनमें 7,476 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई है।
जांच से पता चला है कि 12 लोगों में पारे का स्तर सामान्य से अधिक था। वहीं 391 लोगों की जांच में पाया गया है कि उनमें से 367 में क्रोमियम का स्तर मानकों से अधिक था।
यह जानकारी कानपुर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दाखिल रिपोर्ट में सामने आई है। यह रिपोर्ट अदालत द्वारा एक जुलाई 2025 को जारी आदेश पर सबमिट की गई है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जाजमऊ स्थित 130 और 43 एमएलडी क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स से निकलने वाले कीचड़ (स्लज) में भी क्रोमियम की मात्रा तय सीमा से अधिक पाई गई है।
6 अक्टूबर 2025 को पेश की गई यह रिपोर्ट कानपुर देहात, कानपुर नगर और फतेहपुर जिलों में पसरे क्रोमियम युक्त कचरे से हो रहे प्रदूषण और उससे प्रभावित लोगों की मदद के लिए उठाए कदमों से जुड़ी है।
साफ पानी की आपूर्ति के लिए उठाए जा रहे हैं कदम
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि गंगा से साफ पानी की आपूर्ति के लिए जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत पाइपलाइन नेटवर्क बिछाया गया है, जो अब पूरी तरह चालू कर दिया गया है।
इसके साथ ही जहां पाइपलाइन नहीं थी, वहां जलकल विभाग ने 132 मीटर लंबी नई पाइपलाइन बिछाई है, जिसके जरिए सुरक्षित पेयजल आपूर्ति शुरू कर दी गई है। इस तरह अब जूही बम्बुरिया राखी मंडी में अब पाइपलाइन के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में साफ सतही जल उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसके अलावा अफीम कोठी राखी मंडी रेलवे कॉलोनी में पानी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए उत्तर प्रदेश जल निगम (शहरी), कानपुर के कार्यकारी अभियंता ने 31 मई 2025 को उत्तर मध्य रेलवे, कानपुर के वरिष्ठ मंडल अभियंता को पत्र भेजा है। इसमें 2.62 करोड़ रुपए की फंडिंग की मांग की गई है।
तब तक के लिए जलकल विभाग 15 टैंकरों के माध्यम से रोजाना प्रति व्यक्ति कम से कम 105 लीटर साफ पानी की आपूर्ति कर रहा है। जरूरत बढ़ने पर अतिरिक्त टैंकर भी भेजे जा रहे हैं ताकि किसी को पीने के पानी की कमी न हो।
रिपोर्ट स्पष्ट तौर पर दर्शाती है कि कानपुर की जमीन और पानी में घुला क्रोमियम अब इंसानों के शरीर में समा गया है, जो सिर्फ पर्यावरण ही नहीं, बल्कि लोगों की सेहत के लिए भी खतरा बन रहा है।