वहीं, पहले शाही स्नान में ही मेला इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) संजय गुंज्याल ने कहा कि भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार के कोराना बचाव नियमों संबंधी एसओपी को ऐसी स्थिति में लागू कराना बेहद मुश्किल हो गया है।
इससे पहले आर्टिफिशियल इंटलीजेंस युक्त कैमरों को लगाकर घाटों पर सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों और लोगों की संख्या की पाबंदी का दावा किया गया था। हालांकि, यह कैमरे नहीं लग पाए। और न ही इस तरह की कोई निगरानी घाटों पर बीते तीन दिनों में दिखाई दी।
शाही स्नान के दो दिन पहले से ही हरिद्वार में भीड़ का बढ़ना शुरू हो गया था। डाउन टू अर्थ की टीम 10 अप्रैल को हरि की पौड़ी पर मौजूद थी और इन तीन दिनों के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जैसे नियमों की अनदेखी जारी रही है।