एच3एन2 फ्लू का प्रकोप: दिल्ली-एनसीआर में तेजी से फैल रहा वायरस

दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ महीनों में 50 से 70 फीसदी घरों में कम से कम एक सदस्य फ्लू जैसे लक्षणों से पीड़ित पाया गया।
एच3एन2 फ्लू के मुख्य लक्षण: बुखार, खांसी, गले में खराश, थकान, मांसपेशियों में दर्द, कभी-कभार उल्टी या दस्त।
एच3एन2 फ्लू के मुख्य लक्षण: बुखार, खांसी, गले में खराश, थकान, मांसपेशियों में दर्द, कभी-कभार उल्टी या दस्त।फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स
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Summary
  • लोकल सर्किलस के सर्वे के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 50-70 फीसदी घरों में कम से कम एक सदस्य फ्लू जैसे लक्षणों से पीड़ित पाया गया।

  • ज्यादा जोखिम वाले समूह : बच्चे, बुजुर्ग और सांस के रोगी सबसे अधिक प्रभावित हैं। कुछ मामलों में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर समस्याएं भी देखी गई हैं।

  • मुख्य लक्षण: बुखार, खांसी, गले में खराश, थकान, मांसपेशियों में दर्द, कभी-कभार उल्टी या दस्त।

  • सुरक्षा उपाय: मास्क पहनें, खासकर भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर, हाथ धोएं और स्वच्छता बनाए रखें, फ्लू का टीका लगवाएं।

  • अगर बीमार हैं तो घर पर आराम करें, पर्याप्त पानी और पोषण लें इम्यून सिस्टम मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थ खाएं।

दिल्ली और एनसीआर के शहरों में एच3एन2 फ्लू तेजी से फैल रहा है। हाल ही में लोकल सर्किलस के सर्वे के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में 50 से 70 प्रतिशत घरों में कम से कम एक सदस्य फ्लू जैसे लक्षणों से प्रभावित पाया गया। जबकि यह फ्लू नया नहीं है, लेकिन इस बार की स्थिति गंभीर मानी जा रही है और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

एच3एन2 वायरस क्या है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, इन्फ्लूएंजा ए वायरस को वायरस की सतह पर मौजूद प्रोटीन के संयोजन के अनुसार उप-प्रकारों में बांटा गया है। वर्तमान में मनुष्यों में फैलने वाले उप-प्रकार ए (एच1एन1) और ए (एच3एन2) इन्फ्लूएंजा वायरस हैं। ए (एच1एन1) को ए (एच1एन1)पीडीएम09 भी लिखा जाता है क्योंकि इसने 2009 में महामारी फैलाई थी और 2009 से पहले प्रसारित हुए पिछले एच1एन1 वायरस की जगह ली थी। केवल इन्फ्लूएंजा टाइप ए वायरस ही महामारी फैलाने के लिए जाने जाते हैं।

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इस तरह से इस स्पष्ट है कि एच3एन2 फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस का टाइप ए स्ट्रेन है। इसके मामलों में बढ़ोतरी के कई कारण हैं, जैसे: मानसून के बाद पानी भर जाना और गीली परिस्थितियां। मौसम में लगातार बदलाव और ठंडा-गरम होना, लोगों का बाहर ज्यादा समय बिताना। विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और सांस संबंधी रोग वाले लोग इससे अधिक प्रभावित होते हैं। यह वायरस लंबे समय तक बुखार, थकान, खांसी और सांस संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। कुछ मामलों में लोगों को अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ सकता है।

दिल्ली-एनसीआर में हाल की स्थिति

लोकल सर्किल के 11,000 लोगों के सर्वे के अनुसार दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में फ्लू का प्रकोप बढ़ा है। सर्वे के मुख्य परिणाम में कहा गया है कि 37 फीसदी घरों में कम से कम चार या उससे अधिक लोग बीमार पाए गए।

32 फीसदी घरों में एक से तीन लोग बीमार, 25 फीसदी घरों में कोई भी सदस्य स्वस्थ नहीं पाया गया। सितम्बर 2025 के आंकड़े मार्च 2025 की तुलना में भारी वृद्धि दर्शाते हैं, जब 54 फीसदी परिवारों ने इसी प्रकार की संक्रामक बीमारियों की जानकारी दी थी। इसका मतलब है कि अब यह बीमारी तेजी से फैल रही है।

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एच3एन2 फ्लू क्यों खतरनाक है

अधिकांश लोगों में फ्लू आराम, पानी पीने और पर्याप्त नींद लेने से ठीक हो जाता है। चेतावनी दी गई हैं कि बच्चों और बुजुर्गों में यह वायरस गंभीर रूप ले सकता है। कुछ अस्पतालों में निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और सांस संबंधी गंभीर समस्याओं के मामले भी देखने को मिले हैं। इसलिए केवल हल्के लक्षण दिखने पर भी सावधानी रखना जरूरी है।

एच3एन2 फ्लू के लक्षण

अगर किसी व्यक्ति में बुखार या ठंड लगना, सूखी या गीली खांसी, गले में खराश, शरीर में थकान और मांसपेशियों में दर्द या कभी-कभार उल्टी या दस्त जैसे लक्षण दिखना। इन लक्षणों को जल्दी पहचानकर उचित कदम उठाना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करता है।

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एच3एन2 फ्लू से बचाव के तरीके

फ्लू से सुरक्षित रहने के लिए कुछ आसान कदम अपनाए जा सकते हैं, फ्लू का टीका हर साल लगवाना सबसे अहम कदम है। यह बीमारी की गंभीरता और अवधि दोनों को कम करता है।

भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें

सार्वजनिक यातायात, बाजार या अस्पताल में जाते समय मास्क पहनना बेहद जरूरी है। यह वायरस से बचने और दूसरों को संक्रमित होने से रोकने में मदद करता है।

स्वच्छता बनाए रखना, हाथों को साबुन से 20 सेकंड तक धोना चाहिए, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, गंदे हाथों से चेहरे को नहीं छुआ जाना चाहिए। इम्यून सिस्टम मजबूत करना, खाने में हरी सब्जियां और फलों का उपयोग किया जाना, पर्याप्त पानी पीना, खाने में प्रोटीन युक्त भोजन करना, दही या अन्य प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ का सेवन जरूर करना चाहिए।

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बीमार होने पर घर पर रहें

अगर आपको बुखार, खांसी या अन्य लक्षण हैं तो घर पर रहकर आराम करें। यह दूसरों को संक्रमित होने से बचाने का सबसे आसान तरीका है। अगर लक्षण ज्यादा गंभीर हो जाएं, सांस लेने में परेशानी हो या बुखार लंबे समय तक बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

सावधानियां अपनाकर हम इस वायरस को रोक सकते हैं

हमें यह समझना होगा कि एच3एन2 फ्लू आम सर्दी-जुकाम जैसा लग सकता है, लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और सांस के रोगियों के लिए यह गंभीर हो सकता है। इसलिए उपरोक्त सावधानियां अपनाना, टीकाकरण कराना और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है। साथ ही, दूसरों से दूरी बनाए रखना और घर पर रहकर आराम करना इस वायरस के फैलाव को रोकने में सबसे महत्वपूर्ण कदम है।

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