कहते हैं अति हर चीज की बुरी होती है, यह बात नमक पर भी लागु होती है| यदि आपके खाने में जरुरत से ज्यादा नमक हो तो वो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है| इसी को ध्यान में रखते हुए इसके उपभोग को कम करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नई गाइडलाइन जारी की है|
डब्ल्यूएचओ के अनुसार खाद्य और पेय पदार्थों में मौजूद ज्यादा मात्रा में नमक हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को और बढ़ा सकता है| विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आहार के सेवन के कारण हर साल 1.1 करोड़ लोगों की जान जाती है| जिसमें से 30 लाख मौतों के लिए सोडियम की अधिक मात्रा जिम्मेवार होती है|
दुनिया के कई अमीर देशों में पहले ही जरुरत से ज्यादा नमक का सेवन किया जाता है और अब निम्न-आय वाले देशों में भी यह चलन तेजी से बढ़ रहा है| कई आहार जैसे ब्रेड, अनाज, प्रसंस्कृत मांस और डेयरी उत्पादों जैसे पनीर में जरुरत से ज्यादा सोडियम का उपयोग किया जा रहा है|
ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस का कहना है कि नमक का सेवन कम करने के लिए अधिकारियों को उचित नीतियां बनानी चाहिए| साथ ही उन्हें स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से फायदेमंद आहार के बारे में जागरूक करना चाहिए, उनके अनुसार अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि वो कितने सोडियम का सेवन करते हैं| साथ ही इससे उन्हें कितना खतरा है| ऐसे में इसके प्रति जागरूकता जरुरी है|
इसके साथ ही उन्होंने खाद्य और पेय पदार्थों से जुड़े उद्योगों को भी प्रोसेस फूड में नमक की मात्रा को नियंत्रित करने की बात कही है| इसके लिए डब्ल्यूएचओ ने खाद्य और पेय पदार्थों की 64 श्रेणियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं| जिसकी मदद से स्वास्थ्य अधिकारियों का मार्गदर्शन किया जा सके|
उदाहरण के लिए, आलू से बने चिप्स को ले लीजिये जिसमें प्रति 100 ग्राम सर्विंग में 500 मिलीग्राम से ज्यादा सोडियम नहीं होना चाहिए| वहीं पेस्ट्री में 120 मिलीग्राम और प्रोसेस मीट में इसकी मात्रा 360 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए|
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है हर दिन 5 ग्राम से ज्यादा नमक का सेवन
नमक का रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड होता है| सोडियम एक तरह का खनिज है जो शरीर में पानी की मात्रा को नियंत्रित करता है| यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय मानक को देखें तो उसके अनुसार प्रति व्यस्क लगभग 5 ग्राम प्रति दिन से कम नमक खाना चाहिए जबकि सोडियम की मात्रा 2 ग्राम प्रतिदिन से कम होनी चाहिए। वैश्विक स्तर पर देखें तो लगभग ज्यादातर व्यस्क तय मानकों से ज्यादा नमक का सेवन करते हैं यह बात ग्रामीण भारत पर भी लागु होती है। जहां लोग तय मानकों से लगभग दोगुने नमक का सेवन करते हैं।
डब्लूएचओ के अनुसार आहार में अतिरिक्त सोडियम के कारण रक्तचाप और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है| आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में गैर-संचारी रोगों के कारण होने वाली करीब 32 फीसदी मौतों के लिए ह्रदय सम्बन्धी रोग जिम्मेवार होते है| इसके साथ ही ज्यादा मात्रा में सोडियम का सेवन मोटापे, किडनी सम्बन्धी रोगों और गैस्ट्रिक कैंसर से जुड़ा हुआ है।
यही वजह है कि डब्लूएचओ ने 2025 तक नमक/ सोडियम के सेवन को 30 फीसदी कम करने का लक्ष्य रखा था| हालांकि यह लक्ष्य 2013 में निर्धारित किया गया था, इसके बावजूद मंजिल अभी भी काफी दूर है| यह तभी संभव हो सकता है जब लोग पोषण के महत्त्व को समझें| वो इस बात पर गौर करें कि उन्हें हर दिन कितना नमक खाना चाहिए और उसका ज्यादा सेवन उनके स्वास्थ्य को किनता नुकसान पहुंचा सकता है|