हरियाणा में भी ऑक्सीजन संकट के हालात बने हुए हैं। गुरुग्राम में मैक्स अस्पताल हो या पानीपत के अस्पताल सभी जगह से ऑक्सीजन की कमी को लेकर शोर उठ रहा है। हरियाणा में गुरुग्राम सबसे बड़ा मेडिकल हब है और यहां पर दिल्ली एनसीआर के दूसरे शहरों से मरीज बेहतर सुविधाओं के लिए भर्ती हुए है। प्रशासन की तरफ से 43 अस्पतालों में कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। जिसमें 921 आईसीयू, 431 वेंटिलेटर और 3392 कोविड वार्ड में इलाजरत है, जबकि 17,068 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज ले रहे है। होम आइसोलेशन में मरीजों की खराब स्थिति होने पर अस्पताल की ओर दौड़ रहे है, लेकिन एक तरफ बेड की किल्लत तो दूसरी तरफ अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं होने से अब इलाज देने से मना किया जा रहा है या ऑक्सीजन लाने के लिए कहा जा रहा है। गुरुग्राम में पहले 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होती थी।
22 अप्रैल, 2021 को फोर्टिस अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी सामने आई थी और आनन-फानन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हस्तक्षेप के बाद मरीजों के लिए पानीपत से ऑक्सीजन का इंतजाम करवाया गया था। आर्वी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. विक्रम सिंह कहते है, दो सप्लायर ने मांग अधिक होने के बाद आपूर्ति बंद कर दी है। अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए 90 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है, लेकिन दस ऑक्सीजन सिलेंडर ही मिल रहा है। पुराने स्टॉक भी खत्म हो गए है और अब बहुत मुश्किल से गुजर रहा है। पूरे हरियाणा के 65 मीट्रिक टन की जरूरत होती थी अब यह 120 टन से अधिक हो गया है। इसमें सबसे अधिक मांग गुरुग्राम से है। पूरे प्रदेश में अचानक 114 प्रतिशत तक ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है।
हरियाणा के दूसरे जिलों में क्यों हो रही है ऑक्सीजन की दिक्कत
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के हरियाणा चैप्टर के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. करतार सिंह यादव बताते है, दिल्ली और एनसीआर के दूसरे शहरों में कोरोना संक्रमित मरीजों को आईसीयू और वेंटिलेटर नहीं मिलने की वजह से वह हरियाणा के दूसरे शहरों जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत, रेवाड़ी में बेहतर इलाज के लिए आए थे। दिल्ली से नजदीक होने के कारण मरीज पहुंच रहे है और दूसरी ओर गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे शहरों में संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी। होम आइसोलेशन वाले मरीजों में ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण उन्हें मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। एक व्यक्ति को औसतन 30-60 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है। घरों से लेकर अस्पतालों तक खपत की वजह से ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है।
ऑक्सीजन की किल्लत के बारे में बताते हुए अग्रवाल गैस एंड इंडस्ट्रीज के प्रमुख व गैस सप्लायर संगठन के एक प्रतिनिधि वेद अग्रवाल का कहना है कि दक्षिण हरियाणा (गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, रेवाड़ी) में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई भिवाड़ी स्थित आइनॉक्स् के प्लांट से होती थी। करीब दस दिन पहले केंद्र सरकार ने इस प्लांट को अपने अधीन ले लिया। राजस्थान में अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या होने के कारण प्लांट ने हरियाणा के किसी भी गैस उत्पादक को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन देने से मना कर दिया। जिसकी वजह से सप्लाई चैन बाधित हो गई और अब प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत है। उन्होंने बताया कि अब शनिवार तक ही लिक्विड ऑक्सीजन है। उसके बाद सप्लाई बंद हो जाएगी।
ऑक्सीजन सप्लाई एजेंसियों के मुताबिक, गुरुग्राम में पिछले सप्ताह छह से आठ मीट्रिक टन की जरूरत थी। जो बुधवार को बढ़कर 14 मीट्रिक टन पहुंच गई। 800 नए बेड क्षमता बढ़ने और वेंटीलेटर फुल होने के बाद गुरुवार को ऑक्सीजन की खपत 30 मीट्रिक टन पहुंच गई। इसी तरह दूसरे शहरों में मांग दोगुना से अधिक हो गई।
वहीं, गुरुग्राम में ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से यहां से ऑक्सीजन प्लांट की दूरी भी है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 22 मीट्रिक टन भरने में करीब तीन घंटे लगते है। पानीपत प्लांट की दूरी करीब पौने दो सौ किलोमीटर है। इस वजह से जाने और भरने के क्रम में करीब छह घंटे का समय लगता है। जबकि वहां पर पहले से दिल्ली और पंजाब के टैंकर खड़े है। इस वजह से वेटिंग समय अधिक है।
केंद्र ने बढ़ाया हरियाणा का कोटा
वहीं, स्टेट ड्रग कंट्रोलर नरेंद्र आहूजा का कहना है, हरियाणा में पर्याप्त ऑक्सीजन है। प्रदेश में चार ऑक्सीजन उत्पादन यूनिट है। जिसमें 272 मीट्रिक टन उत्पादन प्रति दिन हो रहा है। इसमें पानीपत यूनिट में 260 मीट्रिक टन, हिसार के जिंदल स्टील में सात मीट्रिक टन, गुप्ता ऑक्सीजन में 3.2 मीट्रिक टन और गुप्ता इंडस्ट्रीयल में 2.5 मीट्रिक टन उत्पादन हो रहा है। कुल 272 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में हरियाणा का कोटा 107 मीट्रिक टन है और बाकी 140 मीट्रिक टन दिल्ली, 20 मीट्रिक टन पंजाब, और बाकी उत्तर प्रदेश को जाता है।
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि हरियाणा में ऑक्सीजन की किल्लत होने के बाद केंद्र सरकार ने आवंटन में इजाफा किया है। गुरुवार रात को नए आदेश के बाद अब हरियाणा का कोटा 162 मीट्रिक टन कर दिया है। इसमें 80 मीट्रिक टन पानीपत एयर लिक्विड यूनिट से, सात मीट्रिक टन हिसार स्थित जिंदल स्टील लिमिटेड से, 20 मीट्रिक टन हिमाचल प्रदेश से, 20 मीट्रिक टन भिवाड़ी से, 25 मीट्रिक टन रूड़की से और 10 अन्य प्लांट से लिया जाएगा।
गुरुग्राम जिला उपायुक्त डॉ. यश गर्ग का कहना है कि गुरुवार शाम को भिवाड़ी ऑक्सीजन प्लांट से जिले के अस्पतालों के लिए सेवाएं शुरू कर दी गई है। पानीपत प्लांट से भी ऑक्सीजन की डिमांड भेजी गई है। वहां से भी ऑक्सीजन मिलने की उम्मीद है, उसके बाद जिले में कोई दिक्कत नहीं होगी।