कोरोना अपडेट: देश में 4,093 मामले अभी भी हैं सक्रिय, नए सब वैरिएंट जेएन.1 के भी 109 मामलों की हुई पुष्टि

भारत में कोरोना के 4,093 मामले अभी भी सक्रिय हैं। देश में सबसे ज्यादा मामले केरल में सक्रिय हैं जहां 2,954 मरीज अभी भी संक्रमित हैं
समय-समय पर सामने आते कोरोना वायरस के यह नए वैरिएंट इस बात का सबूत हैं कि महामारी का खतरा अभी भी पूरी तरह टला नहीं है; फोटो: आईस्टॉक
समय-समय पर सामने आते कोरोना वायरस के यह नए वैरिएंट इस बात का सबूत हैं कि महामारी का खतरा अभी भी पूरी तरह टला नहीं है; फोटो: आईस्टॉक
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देश में भले ही लोगों ने मास्क और महामारी से बचाव के दूसरे उपायों का साथ छोड़ दिया हो लेकिन इस महामारी ने अब तक हमारा दामन नहीं छोड़ा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अभी भी 4,093 मामले सक्रिय हैं।

वहीं पिछले 24 घंटों के दौरान तीन जिंदगियों को कोरोना ने लील लिया है। इस तरह महामारी से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 533,340 पर पहुंच गया है। इनमें से दो मौतें कर्नाटक में हुई हैं वहीं गुजरात में कोरोना ने एक व्यक्ति की जिंदगी लील ली है।

सूत्रों के मुताबिक 26 दिसंबर 2023 तक देश में कोविड-19 के नए सब वैरिएंट जेएन.1 के 109 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 36 मामले गुजरात में, कर्नाटक में 34, गोवा में 14, महाराष्ट्र में नौ, केरल में छह, राजस्थान और तमिलनाडु में चार-चार और तेलंगाना से दो मामले सामने आए हैं।

बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के एक और नए सब वेरिएंट जेएन.1 के पाए जाने के बाद से लोगों में चिंताएं बढ़ गई हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 के इस सब वैरिएंट की चीन, अमेरिका, सिंगापुर सहित कई देशों में पाए जाने की पुष्टि हो चुकी है।

सीडीसी के अनुसार कोरोना के इस नए सबवेरिएंट जेएन.1 के अब तक तक कोई खास अलग लक्षण सामने नहीं आए हैं। ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि इसके लक्षण कोरोना के दूसरे वैरिएंट से अलग हैं या नहीं।

आमतौर पर देखा जाए तो कोविड-19 के लक्षण सभी वैरिएंट में करीब-करीब के जैसे ही होते हैं। हालांकि इसके लक्षण और वो कितने गंभीर होंगें यह किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा और उसके स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है।

आंकड़ों की मानें तो देश के 72 फीसदी सक्रिय मामले अकेले केरल में हैं। जहां सक्रिय मामलों का आंकड़ा अभी भी 2,954 पर बना हुआ है। इसी तरह कर्नाटक में भी 464 लोग संक्रमित हैं। इनके बाद महाराष्ट्र में 194, तमिलनाडु में 135, और गुजरात एवं तेलंगाना में 59-59 मामले सक्रिय हैं। इसी तरह गोवा में 36, आंध्र प्रदेश में 32, दिल्ली में 30, राजस्थान में 28, उत्तरप्रदेश 21, छत्तीसगढ में 14, और पश्चिम बंगाल में 12 मरीज अभी भी संक्रमित हैं।

कुल मिलकर देखें तो देश में अब तक साढ़े चार करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में सामने आए हैं। महाराष्ट्र में अब तक 8172200 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 8023442 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। दूसरे नंबर पर केरल है जहां अब तक 6914274 मामले सामने आए हैं।

कहां, कब सामने आए कितने मामले

तीसरे नंबर पर कर्नाटक है, जहां अब तक 4089661 मामले सामने आ चुके हैं। इसी तरह तमिलनाडु में 3611038, आंध्रप्रदेश 2340709, उत्तरप्रदेश में 2145528, पश्चिम बंगाल में 2126557, दिल्ली में 2041155, ओडिशा में 1348397, राजस्थान में 1326499 जबकि गुजरात में भी अब तक संक्रमण के करीब 1291546 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं उनमें से 1280406 मरीज ठीक हो चुके हैं।

इसी तरह छत्तीसगढ़ में 1187712, हरियाणा में 1078985, मध्यप्रदेश में 1056567, बिहार में 855271, तेलंगाना में 844566, पंजाब 793685, इसके बाद असम 746171 का नंबर आता है।

वहीं दूसरी ओर देश भर में 44472756 मरीज इस बीमारी से उबर चुके हैं। भारत में प्रति दस लाख लोगों पर करीब 661,721 टेस्ट किये गए हैं। इसके साथ ही देश में अब तक वैक्सीन के 220.7 करोड़ डोज दिए जा चुके हैं।

दुनिया के कई देशों में एक बार फिर बढ़ रहे हैं मरीज

वहीं यदि वैश्विक आंकड़ों पर नजर डालें तो कोरोना के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक पिछले सात दिनों में कोरोना के 430,266 मामले सामने आए हैं। जो पिछले सप्ताह की तुलना में 185,098 ज्यादा हैं।

गौरतलब है कि इस दौरान सबसे ज्यादा मामले रूस में सामने आए हैं। जहां पिछले सात दिनों में कोरोना के 221,209 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। इसी तरह सिंगापुर में 56,043, इटली में 46,451, पोलैंड में 17,007, चेकिया में 13,234, ऑस्ट्रेलिया में 10,062, न्यूज़ीलैंड में 6,136 वहीं डेनमार्क में 4,656 नए मामले मिले हैं।    

पिछले तीन वर्षों से भी ज्यादा समय से दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। इस महामारी का पहला मामला दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में सामने आया था। हालांकि पिछले एक वर्ष के दौरान इसके मामलों में कमी देखी गई, जिसके चलते इस साल मई 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस 'ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी' की लिस्ट से बाहर जरूर कर दिया, लेकिन इसके संक्रमण का खतरा अब भी पूरी तरह टला नहीं है। यही वजह है कि समय-समय पर इसके नए वेरिएंट सामने आते रहते हैं। 

स्रोत: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, अंतिम आंकड़ें दिनांक 27 दिसंबर 2023, सुबह 8:00 बजे    

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