
"विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 9 जून, 2025 को अपनी चौथी बैठक में यह घोषणा की कि एमपॉक्स महामारी अभी भी एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में बनी हुई है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक, डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस के अनुसार, महामारी के शुरू होने के बाद से अब तक लगभग 37,000 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि कुछ देशों में स्थिति में सुधार देखा गया है, लेकिन पश्चिम अफ्रीका में मामले बढ़ने और अफ्रीका के बाहर वायरस के फैलाव ने चिंता को और बढ़ा दिया है।"
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 2024 की शुरुआत में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में प्रकोप शुरू होने के बाद से, 25 देशों में 37,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और 125 मौतें हुई हैं।
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 60 फीसदी सत्यापित मामले 40 फीसदी मौतों के लिए जिम्मेदार है, जो वायरस के कारण है, जिससे चकत्ते और गंभीर फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। युगांडा और बुरुंडी अगले सबसे बुरे प्रभावित देशों में शामिल हैं, इसके बाद सिएरा लियोन है, जिसके बारे में डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इस साल यहां एमपॉक्स के मामलों में उछाल देखा गया है।
डब्ल्यूएचओ ने पिछले साल अगस्त में पहली बार एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया था। महामारी पर चर्चा करने के लिए पिछले गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम आपातकालीन समिति की बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि महामारी एक अंतरराष्ट्रीय आपातकाल बनी हुई है। मामलों की संख्या में निरंतर वृद्धि के आधार पर, जिसमें पश्चिमी अफ्रीका में हाल ही में वृद्धि और अफ्रीकी महाद्वीप के अलावा कुछ देशों में एमपॉक्स का फैलना शामिल हैं।
इसमें कहा गया है कि कुछ देश अभी भी महामारी की निगरानी करने में संघर्ष कर रहे हैं और उपचार के लिए धन की कमी के कारण लगातार अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की जरूरत है।
एमपॉक्स की रोकथाम और नियंत्रण को बढ़ाने के लिए डब्ल्यूएचओ रणनीतिक ढांचे में शामिल एमपॉक्स रोग के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के वैश्विक प्रयासों के संदर्भ में साल 2024 से 2027, उपर्युक्त स्थायी सिफारिशें सभी राज्य पर लागू होने की बात कही है।
बैठक में डब्ल्यूएचओ की ओर से कहा गया है कि एमपॉक्स दुनिया भर में रणनीतिक तैयारी और प्रतिक्रिया योजना, इसके आगामी राष्ट्रीय और स्थानीय आपातकालीन रोकथाम तथा प्रतिक्रिया समन्वय व्यवस्था की स्थापना या वृद्धि करना है। एमपॉक्स की रोकथाम और नियंत्रण को बढ़ाने के लिए डब्ल्यूएचओ रणनीतिक ढांचे के अनुरूप 2024 से 2027 काम करता रहेगा।
जैसा कि डब्ल्यूएचओ एमपॉक्स वैश्विक रणनीतिक तैयारी और प्रतिक्रिया योजना (2025) में परिभाषित किया गया है कि पहले चरण के प्रकोप को रोकने के लिए वैक्सीन के उपयोग की तैयारी और कार्यान्वयन जारी है। सबसे कम प्रशासनिक स्तर पर रिपोर्टिंग मामलों (हॉटस्पॉट) की पहचान करके और लगातार सामुदायिक संचरण को रोकने के लिए एमपॉक्स के बहुत अधिक खतरों वाले समूहों की पहचान करना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रकोप की रोकथाम और टीकाकरण रणनीतियों के लिए प्रभावित समुदायों और स्थानीय कार्यबलों में सामुदायिक सहभागिता को मजबूत करना, विशेष रूप से मामलों के बारे में जानकारी साझा करना शामिल है।
मुख्य कार्यों में प्रशिक्षण, जरूरी कामों के लिए भारी खतरे और कमजोर आबादी का मानचित्रण, सामाजिक सुनवाई के लिए आंकड़े आधारित नजरिया, सामुदायिक प्रतिक्रिया और संवाद और गलत जानकारी का प्रबंधन शामिल है।
इसमें अन्य बातों के साथ-साथ, एमपॉक्स के प्राकृतिक इतिहास और फैलने के तरीकों, एमपॉक्स टीकों की प्रभावशीलता और टीकाकरण के बाद सुरक्षा की अवधि और किसी भी नैदानिक परीक्षण के बारे में प्रभावी ढंग से जानकारी फैलाना शामिल है, जिस तक स्थानीय आबादी की पहुंच हो सकती है।