हर साल आज के दिन मनाया जाता है जंगली आहार दिवस, चार करोड़ सालों का है इतिहास

दुनिया भर में लगभग 2,000 से अधिक खाए जाने वाले और औषधीय मशरूम के प्रकार हैं
कई प्रकार की बेरी की झाड़ियां स्वादिष्ट फल देती हैं और मशरूम जंगल के फर्श को ढक देते हैं।
कई प्रकार की बेरी की झाड़ियां स्वादिष्ट फल देती हैं और मशरूम जंगल के फर्श को ढक देते हैं। फोटो साभार: आईस्टॉक
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हर साल 28 अक्टूबर को वाइल्ड फूड डे या जंगली खाद्य पदार्थ दिवस मनाया जाता है। यह दिन जंगली फूलों, फलों और सब्जियों को समर्पित है। मनुष्य ने हजारों सालों से पौधों से मिलने वाले भोजन का सेवन किया है और जंगली खाद्य पदार्थों से भोजन एकत्र किया है। हालांकि ये जंगली खाद्य पदार्थ अब रेस्तरां के मेनू में तेजी से दिखाई दे रहे हैं क्योंकि लोग इन्हें पसंद करने लगे हैं। इसके अलावा जंगली खाद्य पदार्थ कीटनाशकों से मुक्त होते हैं और उनका सेवन पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली में भी योगदान देता है।

माना जाता है कि जंगली खाद्य पदार्थ चार करोड़ से अधिक सालों से अस्तित्व में हैं। जंगली भोजन आम तौर पर, कोई भी खाए जाने वाला पौधा हो सकता है जो मनुष्य के बिना किसी मदद के स्वाभाविक रूप से बढ़ता है। यह देखना आसान है कि पृथ्वी जंगली खाद्य पदार्थों से भरी हुई है।

भारत के कई हिस्सों में विभिन्न जंगली फल और सब्जियां उगती हैं। कई प्रकार की बेरी की झाड़ियां स्वादिष्ट फल देती हैं और मशरूम जंगल के फर्श को ढक देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 2,000 से अधिक खाए जाने वाले और औषधीय मशरूम के प्रकार हैं। नट, जड़ी-बूटियां, पेड़ के फल और कैक्टस के पत्ते ऐसे कई खाद्य पदार्थों में से हैं जो शहरों में भी आसानी से उगते हैं।

कई मामलों में जंगली खाद्य पदार्थ उनकी खेती की जाने वाली फसलों की तुलना में अधिक पौष्टिक होते हैं। इस बात की सबसे अधिक संभावना उनके प्राकृतिक अस्तित्व के कारण है। उदाहरण के लिए, कुछ पौधे शिकारियों को रोकने के लिए कांटे उगाते हैं या एक बदबूदार गंध छोड़ते हैं, जबकि अन्य कड़वे स्वाद वाले रासायनिक यौगिक बनाते हैं। इन पदार्थों को फाइटोकेमिकल्स के रूप में जाना जाता है। शोध से पता चलता है कि इनका नियमित रूप से सेवन करने पर ये स्वास्थ्य को फायदा पहुंचा सकते हैं।

जंगली खाद्य दिवस की शुरुआत 1970 के दशक के मध्य में उन जागरूक नागरिकों द्वारा की गई थी जो जंगल में उगने वाले खाद्य पदार्थ खाने के विचार को बढ़ावा देना चाहते थे।

जंगली खाद्य पदार्थ दिवस का उल्लेख 1974 के आसपास प्रिंट मीडिया में नियमित रूप से किया जाने लगा। जंगली खाद्य पदार्थों के शौकीन यूएल गिबन्स, जो एक मामूली पत्रकार से मीडिया सेलिब्रिटी बन गए, ने इस दिन को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई। उन्हें उनकी पहली किताब, "स्टॉकिंग द वाइल्ड एस्पैरेगस" के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है। जंगली खाद्य पदार्थ दिवस उन सभी जंगली और स्वादिष्ट चीजों का उत्सव है जो हमारी धरती और समुद्र में उपलब्ध हैं।

आज, कई दशकों बाद, जंगली खाद्य पदार्थ दिवस एक लोकप्रिय उत्सव बन गया है, खास तौर पर उन लोगों के बीच जो अधिक प्राकृतिक जीवन शैली अपनाने में रुचि रखते हैं। तो चाहे वह धरती के अनुकूल जीवन शैली के लिए हो।

जो लोग जंगली खाद्य पदार्थ खाने की आदत बनाना चाहते हैं, उनके लिए जंगली खाद्य पदार्थ दिवस अध्ययन करने का दिन हो सकता है ताकि वे जल्दी से पहचान सकें कि खाने के लिए क्या उचित है और क्या खतरनाक हो सकता है।

जंगल में कई अलग-अलग जंगली जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जिनमें जंगली पुदीना, लहसुन सरसों तथा तिपतिया घास अन्य शामिल हैं। जंगली खाद्य पदार्थों की एक विस्तृत श्रृंखला को वैसे ही खाया जा सकता है या थोड़ी सी मेहनत और कुछ अन्य सामग्रियों के साथ बेहतरीन चाय, जैम, सिरप और बहुत कुछ बनाया जा सकता है।

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