औद्योगिक ट्रांसफैट पर फोकस, प्राकृतिक स्रोतों को बचाना होगा
संयुक्त राष्ट्र के बयान में ट्रांसफैट के उन्मूलन में प्राकृतिक स्रोतों की अस्पष्टता पर चिंता जताई गई है।
100 से अधिक वैज्ञानिकों ने स्पष्टता की मांग की है।
औद्योगिक ट्रांसफैट को खत्म करने पर जोर दिया गया है, जबकि प्राकृतिक स्रोतों से मिलने वाले ट्रांसफैट को निशाना नहीं बनाना चाहिए।
स्वस्थ आहार में वनस्पति और पशु-आधारित खाद्य पदार्थों का संतुलन आवश्यक है।
संयुक्त राष्ट्र का वर्तमान बयान यह स्पष्ट नहीं करता कि क्या जुगाली करने वाले पशुओं (रुमेंटिस) से मिलने वाले ट्रांसफैट को उन्मूलन लक्ष्य से बाहर रखा गया है। यह अस्पष्टता चिंताजनक है। इसी कारण 100 से अधिक वैज्ञानिकों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें स्पष्टता की मांग की गई है। ट्रांसफैट तीन प्रकार के होते हैं, पहला प्रसंस्करण और अत्यधिक-प्रसंस्करण से बने, दूसरा उच्च तापमान पर पकाने या खासकर तेल में तलने से बने हुए और तीसरा है प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले यानी डेयरी और मांस में मौजूद ट्रांसफैट। तीसरा समूह यानी जिनमें प्राकृतिक रूप से ट्रांसफैट खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, वह बहुत कम मात्रा में होता है और इसके साथ अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी आते हैं। इन्हें निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। फोकस केवल औद्योगिक ट्रांसफैट को खत्म करने और बार-बार डीप फ्राइंग से बनने वाले फैट को कम करने पर होना चाहिए।
एक सच्चा स्वस्थ आहार सभी प्रकार के कुपोषण को संबोधित करने वाला होना चाहिए। स्वस्थ आहार को अल्पपोषण, सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी और अतिपोषण यानी मोटापा और साथ ही हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, टाइप 2 डायबिटीज जैसी गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से भी बचाव करना चाहिए। इसका मतलब है कि वनस्पति आधारित खाद्य पदार्थों से भरपूर विविध और संतुलित आहार को बढ़ावा देना और इसमें पशु-आधारित खाद्य पदार्थों का एक हिस्सा यानी लगभग एक-चौथाई से एक-तिहाई तक शामिल करना। हमें कम और मध्यम आय वाले देशों में संवेदनशील आबादी के लिए पोषक तत्वों से भरपूर पशु-आधारित खाद्य पदार्थों के सेवन को हतोत्साहित करने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए।
अमेरिका में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने पिछले पांच वर्षों से ट्रांसफैट की लेबलिंग अनिवार्य की है और इन्हें पहले ही प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से खत्म कर दिया है। यह साबित करता है कि हानिकारक औद्योगिक ट्रांसफैट को खत्म करना संभव है, बिना प्राकृतिक स्रोतों को प्रभावित किए। पशु-आधारित और वनस्पति आधारित खाद्य पदार्थों पर पूरी बहस जटिल और सूक्ष्म है और मैं संतुलन के पक्ष में हूं क्योंकि वहीं एक स्वस्थ और टिकाऊ आहार है।
(एलिस स्टैंटन आयरलैंड के रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स में कार्डियोवास्कुलर थेरेप्यूटिक्स की प्रोफेसर और क्लिनिकल वैज्ञानिक हैं। यह लेख शगुन से बातचीत पर आधारित है)