क्या निकोटिन की तरह आदत बनते जा रहे हैं अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड?
भोजन की “लत लगने” का मतलब क्या है?
लत लगाने वाले खाद्य पदार्थ एक ऐसा पैटर्न पैदा कर सकते हैं जो किसी पदार्थ के सेवन संबंधी विकार जैसा दिखता और काम करता है, जैसे तीव्र लालसा, नियंत्रण खोना, नुकसान के बावजूद लगातार सेवन और कम सेवन करने पर बेचैनी या वापस सेवन करने की इच्छा जैसे लक्षण। इस जोखिम को दो गुण बढ़ाते हैं।
एक नशीले पदार्थ का कारक और दूसरा उत्पाद के प्रसंस्करण और निर्माण का तरीका। तंबाकू में नशीले पदार्थ का कारक निकोटीन होता है। अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड, यूपीएफ) में नशीले पदार्थों की प्रक्रिया संभवतः तेजी से अवशोषित होने वाले परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट द्वारा संचालित होती है, जो अक्सर वसा, नमक और स्वाद प्रणालियों के साथ मिलकर पुरस्कार संकेतन (रिवार्ड सिग्नलिंग) को बढ़ाते हैं। प्रसंस्करण इन अवयवों को अधिक शक्तिशाली बनाता है, जिससे मस्तिष्क तक पहुंचने की उनकी मात्रा और गति बढ़ जाती है।
यूपीएफ मस्तिष्क की रिवार्ड सिस्टम को कैसे प्रभावित करते हैं?
जब हम यूपीएफ खाते हैं, खासकर परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट और वसा से भरपूर, वैसी स्थिति में वे बहुत जल्दी अवशोषित हो जाते हैं, जिससे रक्त शर्करा में तेजी से वृद्धि होती है और आंत से मस्तिष्क तक संकेत सक्रिय हो जाते हैं।
तेज वितरण मस्तिष्क के न्यूक्लियस एकम्बेंस जैसे क्षेत्रों में डोपामाइन के स्राव को ट्रिगर करता है। यह वही पुरस्कार सर्किट है जो नशे की लत वाली दवाओं द्वारा सक्रिय होता है। समय के साथ जिस गति, तीव्रता और पूर्वानुमान के साथ यूपीएफ पुरस्कार प्रणाली को सक्रिय करते हैं, वह नशे की लत वाले पदार्थों के न्यूरोबायोलॉजिकल प्रोफाइल की नकल करता है, जो यह समझने में मदद करता है कि लोग अपने सेवन पर नियंत्रण क्यों खो सकते हैं।
क्या प्राकृतिक या कम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ भी लत का कारण बन सकते हैं?
पूरे अनाज या कम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में फाइबर, प्रोटीन और पानी होता है जो अवशोषण को धीमा कर देते हैं और खुराक को सीमित कर देते हैं, इसलिए ये यूपीएफ के साथ देखी जाने वाली तेज प्रबलता और नियंत्रण की हानि पैदा नहीं करते हैं। लोगों को प्राकृतिक खाद्य पदार्थों की इच्छा हो सकती है, लेकिन हम आमतौर पर फल, सादा दही या बीन्स के साथ ऐसा बाध्यकारी पैटर्न नहीं देखते हैं।
कुछ आलोचकों का तर्क है कि भोजन की लत एक वास्तविक बीमारी नहीं है। क्या आप इससे सहमत हैं?
यह सच है कि भोजन की लत अभी तक एक औपचारिक निदान (डायग्नोसिस) नहीं है, लेकिन साक्ष्य आधार अब दर्शाता है कि लोगों का एक सार्थक उपसमूह स्पष्ट रूप से हानि और परेशानी से जूझता है और यूपीएफ के संबंध में मानक पदार्थ-उपयोग मानदंडों को पूरा करता है। मान्य मापदंड लालसा, नियंत्रण की हानि, नुकसान के बावजूद उपयोग जारी रखना और वापसी जैसे मुख्य लक्षण हैं। आलोचक सामान्य भोजन को रोगात्मक मानने या लोगों को कलंकित करने के बारे में चिंतित हैं। मैं मानती हूं कि सभी खाद्य पदार्थ या अधिक भोजन इसमें शामिल नहीं है। उभरती हुई आम सहमति यह है कि खाद्य पदार्थों के प्रति लत जैसी प्रतिक्रियाएं व्यक्तियों के एक उपसमूह के लिए वास्तविक हैं।


