कोरोना काल में 1.84 करोड़ लोगों को नहीं मिला दूसरा गैस सिलेंडर

राज्यसभा में बताया गया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थी साल में औसतन 3.1 गैस सिलेंडर ही भरवा पाते हैं
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस सिलेंडर तो मिल गया, लेकिन गरीब परिवार सिलेंडर नहीं भरवा पा रहे हैं। फोटो: विकास चौधरी
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस सिलेंडर तो मिल गया, लेकिन गरीब परिवार सिलेंडर नहीं भरवा पा रहे हैं। फोटो: विकास चौधरी
Published on

सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत तीन साल के दौरान 8,01,62,439 गैस सिलेंडर दिए थे, लेकिन सरकार के लाख प्रयास के बावजूद लोग गैस सिलेंडर भरवाने में अधिक रूचि नहीं दिखा रहे हैं।

सरकार की ओर से 21 सितंबर 2020 को राज्यसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2020 से लेकर अगस्त 2020 तक 1,84,15,186 परिवारों ने केवल एक ही सिलेंडर भरवा पाए हैं, जबकि सरकार दावा कर रही है कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन होने के बाद गरीबों को मुफ्त सिलेंडर दिया जा रहा है। यहां दिलचस्प यह है कि संसद में प्रस्तुत किए गए आंकड़ों में यह नहीं बताया गया है कि कितने परिवारों ने एक भी सिलेंडर नहीं लिया है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि जानकार लगातार यह सवाल उठाते रहे हैं कि सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडर मुफ्त गैस सिलेंडर तो वितरित कर दिए, लेकिन पिछले कुछ सालों के दौरान रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के कारण लोग सिलेंडर भरवाने में अक्षम हैं। इसलिए ये सिलेंडर खाली पड़े हैं और लोग मजबूरन फिर से चूल्हा जलाने को मजबूर हैं।

सरकार की ओर से बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष में अगस्त 2020 तक 2,47,78,078 परिवारों ने दो सिलेंडर भरवाए हैं, जबकि 1,78,18,884 परिवारों ने तीन सिलेंडर भरवाए हैं। इससे पहले 2019-20 में 1,83,19,534 लाभार्थियों ने साल भर में केवल एक सिलेंडर भरवाया था, जबकि 1,31,85,020 लाभार्थियों ने दो सिलेंडर और 99,07,031 लाभार्थियों ने तीन सिलेंडर भरवाया था। यानी कि 4,14,11,585 परिवारों ने तीन से अधिक सिलेंडर नहीं भरवाया।

सरकार ने बताया है कि कोविड-19 के चलते गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1 फरवरी 2020 से प्रधानमंत्री उज्ज्वला लाभार्थियों को तीन माह के लिए निशुल्क सिलेंडर उपलब्ध कराने हेतु एक योजना की शुरुआत की है। इस योजना की अधवि को उन लाभार्थियों के लिए 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है, जिन्हें रीफिल खरीदने के लिए अग्रिम राशि मिल गई है, किंतु 30 जून 2020 तक निशुल्क सिलेंडर नहीं ले सके हैं।

अगर राज्यवार बात करें तो मध्यप्रदेश सबसे ऊपर है, जहां के लाभार्थियों ने किसी तरह एक सिलेंडर तो ले लिया, लेकिन इसके बाद वे सिलेंडर नहीं ले पाए। यहां 24,66,634 परिवारों ने एक के बाद सिलेंडर नहीं लिया। इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर आता है। यहां के 23,40,965 परिवारों ने एक के बाद दूसरा सिलेंडर नहीं लिया। फिर राजस्थान के 17,63,039 परिवार केवल एक ही सिलेंडर ले पाए हैं। चौथे नंबर बिहार है। यहां के 17,60,450 परिवार दूसरा सिलेंडर नहीं ले पाए हैं। पांचवे नंबर पर पश्चिम बंगाल के परिवार हैं, जहां के 17,13,113 परिवारों को दूसरा सिलेंडर नहीं मिला है।

सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों द्वारा गैस सिलेंडर न भरवाने के पीछे तर्क दिया है कि खाने की आदतें, परिवार का आकार, खाना पकाने की आदतें, एलपीजी का मूल्य, मुफ्त लकड़ी और गोबर की सहज उपलब्धता के कारण ऐसा होता है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in