कोयला एवं लिग्नाइट के सरकारी उपक्रमों ने ऊर्जा संबंधी दक्षता से जुड़े उपायों को अपना कर कार्बन उत्सर्जन में 1.17 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर की कमी दर्ज की है। यह जानकारी 19.01.2024 को इन उपक्रमों द्वारा किए गए ऊर्जा दक्षता संबंधी उपायों की समीक्षा के दौरान दी गई।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कोयला सचिव ने की। बैठक में बताया गया कि वित्त वर्ष 2021-22 से दिसंबर 2023 तक कोयला व लिग्नाइट सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा 4.24 लाख पारंपरिक लाइटों की जगह एलईडी लाइटों का उपयोग किया गया। ऊर्जा की दृष्टि से किफायती 5357 एयर कंडीशनर, 83236 सुपर पंखे, 201 इलेक्ट्रिक वाहन, 1583 कुशल वॉटर हीटर, 444 पंप मोटरें, स्ट्रीट लाइटों में 2712 ऑटो-टाइमर और कैपेसिटर बैंकों की स्थापना की गई।
ऊर्जा संबंधी दक्षता से जुड़े इन उपायों को अपनाने से इन उपक्रमों ने कुल 14.34 करोड़ किलोवाट घंटा की ऊर्जा बचत की और 107.6 करोड़ रुपये की वित्तीय बचत हुई। इसके अलावा, इन प्रयासों ने पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन में 1.17 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर की कमी आई।
विज्ञप्ति में बताया गया कि कोयला व लिग्नाइट के पीएसयू ने अपने कमांड क्षेत्रों, परिसरों, कंपनी के मुख्यालयों, सभी खदानों, कार्यालयों, गोदामों, कॉलोनियों, आवासों, परिसरों, शौचालयों आदि में सभी पारंपरिक लाइटों की जगह ऊर्जा की दृष्टि से किफायती एलईडी लाइटों का उपयोग शुरू कर दिया है।
विज्ञप्ति के अनुसार पिछले तीन वर्षों के दौरान, कोयला/लिग्नाइट के सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) ने ऊर्जा ऑडिट, ऊर्जा की दृष्टि से किफायती एलईडी लाइटों में परिवर्तन, स्टार-रेटेड उपकरणों को अपनाने, कैपेसिटर बैंक स्थापित करने, स्ट्रीट लाइट में ऑटो-टाइमर का उपयोग करने, ऊर्जा की दृष्टि से किफायती पंपों एवं इलेक्ट्रिक वाहनों को तैनात करने सहित ऊर्जा संरक्षण एवं दक्षता से जुड़े विभिन्न उपायों को अपनाया है। ऊर्जा प्रबंधन की इस तरह की पहल वैश्विक पर्यावरणीय स्थिरता लक्ष्यों के अनुरूप, सीधे तौर पर कार्बन उत्सर्जन में पर्याप्त कमी लाती है।