छह महीनों में पहली बार चार फीसदी से नीचे आई खुदरा महंगाई
होली से पहले आम आदमी को बढ़ती महंगाई से बड़ी राहत मिली है। जब फरवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर पिछले सात महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गई। छह महीनों में यह पहला मौका है जब खुदरा महंगाई दर चार फीसदी के नीचे आई है।
12 मार्च को नेशनल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (एनएसओ) ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उनके मुताबिक फरवरी में खुदरा महंगाई दर यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) 3.61 फीसदी पर पहुंच गया। वहीं पिछले साल फरवरी में यह आंकड़ा 4.21 फीसदी दर्ज किया गया था। वहीं जनवरी 2025 खुदरा महंगाई दर 4.31 फीसदी दर्ज की गई थी।
इससे पहले जुलाई 2024 में महंगाई 3.54 फीसदी रिकॉर्ड की गई थी। यह भी सामने आया है कि महंगाई में आई इस गिरावट का मुख्य कारण खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आई गिरावट है। यह गिरावट मुख्य रूप से हरी सब्जियों, अंडों, मांस, मछली, टमाटर, प्याज, आलू, दालों और डेयरी उत्पादों की कीमतों में आई गिरावट की वजह से थी। बता दें कि खुदरा महंगाई दर में खाने-पीने की चीजों की हिस्सेदारी करीब आधी होती है।
फरवरी में खाद्य महंगाई घटकर 3.75 फीसदी रह गई, जो जनवरी में 5.97 फीसदी रिकॉर्ड की गई थी। मतलब की एक महीने में इसमें 37 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।
फल के बढे दाम, दाल, सब्जियों में रही नरमी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में खाद्य महंगाई दर मई, 2023 के बाद सबसे कम है। इस दौरान सब्जियों की महंगाई में भी कमी आई है। जनवरी में सब्जियों के दाम जहां 11.35 फीसदी बढ़े, वहीं फरवरी 2025 में यह आंकड़ा घटकर महज -1.07 फीसदी रह गई।
अनाज के दामों में 6.1 फीसदी की बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई, जबकि जनवरी 2025 में यह 6.24 फीसदी दर्ज की गई थी। इसी तरह दालों की कीमतों में -0.35 फीसदी की कमी आई है, जबकि पिछले महीने 2.59 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
वहीं फल में जहां जनवरी 2025 में 12.22 फीसदी महंगाई आई थी, जो फरवरी 2025 में बढ़कर 14.82 फीसदी पर पहुंच गई।
आंकड़ों के मुताबिक शहरों की तुलना में गांवों को महंगाई से अधिक राहत मिली है। आंकड़ों पर नजर डालें तो गांवों में महंगाई बढ़ने की रफ्तार यानी रूरल इन्फ्लेशन जो जनवरी 2025 में 4.59 फीसदी थी, वो फरवरी 2025 में घटकर 3.79 फीसदी रह गई। वहीं दूसरी तरफ शहरों में महंगाई बढ़ने की रफ्तार 3.87 फीसदी से गिरकर 3.32 फीसदी रह गई।
ऐसा ही कुछ खाद्य महंगाई दर के मामले में भी देखने को मिला, ग्रामीण खाद्य महंगाई दर जो जनवरी 2025 में 6.31 फीसदी थी, वो फरवरी 2025 में घटकर 4.06 फीसदी रह गई। वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्रों में जो खाद्य महंगाई दर जो जनवरी 2025 में 5.53 फीसदी थी, वो फरवरी 2025 में घटकर 3.2 फीसदी रह गई।
महंगाई में यह गिरावट परिवारों को काफी राहत दे सकती है। खासकर गर्मियों में ऐसा होना काफी सुकून भरा है, जब खाद्य पदार्थों की कीमतें अक्सर बदलती रहती हैं।
आज एक और अच्छी खबर सामने आई है, देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा रहा है। इस साल जनवरी में देश के औद्योगिक उत्पादन में पांच फीसदी की वृद्धि हुई है। बता दें कि जनवरी, 2024 में औद्योगिक उत्पादन 4.2 फीसदी बढ़ा था।