हर साल प्रेस स्वतंत्रता दिवस तीन मई को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक वर्तमान साल 2024 की थीम "वैश्विक पर्यावरण संकट के संदर्भ में पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का महत्व" है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा दिसंबर 1993 में यूनेस्को के महाधिवेशन की सिफारिश के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। तब से तीन मई को विंडहोक घोषणा की वर्षगांठ के अवसर पर दुनिया भर में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
तीन मई सरकारों को प्रेस स्वतंत्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने की आवश्यकता की याद दिलाता है। यह प्रेस स्वतंत्रता और पेशेवर नैतिकता के मुद्दों के बारे में मीडिया पेशेवरों के बीच चिंतन का दिन भी है।
सरकार और जनता के लिए यह समझना और प्रेस और पत्रकारों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना महत्वपूर्ण है ताकि वे अपने कर्तव्यों को यथासंभव सही तरीके से निभा सकें।
संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक लोकतांत्रिक समाजों के निर्माण के लिए आवश्यक है कि वैश्विक पर्यावरण संकट और उसके परिणामों के सभी पहलुओं के बारे में अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए पत्रकारिता का काम अहम हो जाता है।
संघ के मुताबिक पत्रकारों को समसामयिक मुद्दों, जलवायु प्रवास, अवैध खनन, प्रदूषण, अवैध शिकार, पशु तस्करी, जंगलों के काटे जाने या जलवायु परिवर्तन पर जानकारी हासिल करने और प्रसारित करने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जबकि दुनिया में शांति और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए इन मुद्दों की दृश्यता सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि और वायु प्रदूषण दुनिया के लिए तीनों बड़े संकट हैं और इनके बारे में किसी भी तरह की गलत जानकारी को पत्रकार चुनौती देते हैं, क्योंकि भ्रामक और गलत जानकारी इन मुद्दों से निपटने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को कमजोर कर सकती हैं।
सतत विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए, पत्रकारों को पर्यावरणीय मुद्दों और उनके परिणामों के साथ-साथ संभावित समाधानों पर सटीक, समय पर और व्यापक रूप से रिपोर्ट करना जरूरी है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके लिए एक व्यापक रणनीति की आवश्यकता है जिसमें - पत्रकारों के खिलाफ किए गए अपराधों को रोकना और उनसे सुरक्षा प्रदान करना शामिल है। मीडिया, विशेष रूप से क्षेत्रीय, स्थानीय, स्वदेशी या समुदाय-आधारित मीडिया की बहुलता, विविधता और व्यवहार्यता को बढ़ावा देना होगा।
मीडिया और सूचना साक्षरता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना ताकि उपयोगकर्ताओं को डिजिटल वातावरण में शामिल होने और गंभीरता से सोचने के कौशल के साथ सशक्त बनाया जा सके।