चैंपियंस ऑफ द अर्थ लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजे गए सर डेविड एटनबरो

सर डेविड एटनबरो को यह पुरस्कार, पर्यावरण संरक्षण और उसकी बहाली के प्रति उनके जीवनभर के समर्पण को देखते हुए दिया गया है
चैंपियंस ऑफ द अर्थ लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजे गए सर डेविड एटनबरो
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संयुक्त राष्ट्र ने सर डेविड एटनबरो को सबसे विशिष्ट पर्यावरण पुरस्कार चैंपियंस ऑफ द अर्थ लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा है। इसकी औपचारिक घोषणा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा आज कर दी गई है। सर डेविड एटनबरो को यह पुरस्कार पर्यावरण संरक्षण और उसकी बहाली के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए दिया गया है। 

इस मौके पर यूएनईपी की कार्यकारी निदेशक इंगर एंडरसन का कहना है कि, “सर डेविड एटनबरो ने अपना पूरा जीवन मानव और प्रकृति के बीच प्रेम को फिल्माने और उसे दुनिया में प्रसारित करने के लिए समर्पित कर दिया है।“

उनके अनुसार अगर हम जलवायु और जैव विविधता को बिखरने से रोकने और दूषित होते इकोसिस्टम को साफ करने का प्रयास कर रहे हैं तो ऐसा इसलिए है क्योंकि हम में से लाखों लोग अपने ग्रह से प्यार करते हैं जो उन्होंने हमें टेलीविजन पर दिखाया है। उन्होंने आगे कहा कि “सर डेविड का काम सभी उम्र के लोगों को प्रकृति की देखभाल और उसकी बहाली करने के लिए प्रेरित करता रहेगा।”

एक प्रसारक, प्राकृतिक इतिहासकार, लेखक और पर्यावरण अधिवक्ता के रूप में एटनबरो ने सात दशकों से भी पर्यावरण के लिए काम किया है। वो बीबीसी की नेचुरल हिस्ट्री यूनिट के साथ मिलकर किए अपने काम के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं। इनमें लाइफ ऑन अर्थ, द लिविंग प्लैनेट, अवर प्लैनेट और अवर ब्लू प्लैनेट जैसी डॉक्यूमेंटरीज शामिल हैं।

इसके अलावा, जैव विविधता को संरक्षित और बहाल करने, नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन को रोकने और पौधों पर  आधारित आहार को बढ़ावा देने के लिए किए उनके प्रयास सराहनीय हैं, जोकि सतत विकास के कई लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति में योगदान करते रहे हैं।

लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त करते समय अपने सम्बोधन में सर डेविड एटनबरो का कहना था कि, "दुनिया को एक साथ आना होगा। इन समस्याओं को किसी एक राष्ट्र द्वारा हल नहीं किया जा सकता है - चाहे वो एक राष्ट्र कितना भी बड़ा क्यों न हो। हम जानते हैं कि समस्याएं क्या हैं और हम पता हैं कि उन्हें कैसे हल किया जाए।" उनका कहना था कि "हम सभी में एकजुटता की कमी है।" "पचास साल पहले, जब व्हेल दुनिया भर में विलुप्त होने के कगार पर थीं। तब लोग एक साथ आए और अब समुद्रों में इतनी व्हेल हैं जितनी पहले कभी किसी जीवित इंसान ने नहीं देखी।" उनके अनुसार अगर हम मिलकर काम करें तो इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

इससे पहले भी ब्रिटिश पत्रकार सर डेविड एटनबरो को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से जैसे कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं उन्हें नवंबर 2021 में ग्लासगो में हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मलेन के लिए उन्हें “कॉप-26 पीपल्स एडवोकेट” के रूप में नामित किया गया था। 

इससे पहले यह पुरस्कार पर्यावरण न्याय अधिवक्ता रॉबर्ट बुलार्ड (2020), पर्यावरण अधिकार रक्षक जोन कार्लिंग (2018) और पादप जीवविज्ञानी जोस सरुखान केर्मेज़ (2016) को दिया जा चुका है।

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा दिया जाने वाला यह चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड उन व्यक्तियों, समूहों और संगठनों को सम्मानित करता है,  जिनके कामों से पर्यावरण पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। यह अवार्ड संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान है, जो सरकार, समाज और निजी क्षेत्र के उत्कृष्ट नेताओं को उनके कामों के लिए दिया जाता है।

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